भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विजयवर्गीज ने सीएम धामी, पूर्व सीएम निशंक व मदन कौशिक समेत कई लोगों से की चर्चा
अविकल थपलियाल
देहरादून। छह साल पहले कांग्रेस की हरीश रावत सरकार में महाटूट के कमांडर रहे भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर उत्त्तराखण्ड में चहलकदमी कर रहे हैं।मतगणना से चार दिन पहले प्रदेश भाजपा नेताओं से विजयवर्गीज की मुलाकात एक बड़े “धमाके” की ओर इशारा कर रहे हैं।
राजनीतिक तोड़फोड़ व उठापटक के माहिर खिलाड़ी भाजपा नेता विजयवर्गीज की देहरादून में टहल को लेकर कांग्रेस भी सतर्क हो गयी है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट कर खरीद फरोख्त की आशंका जताई है।
मतदान के बाद से ही कांग्रेस पोस्टल मतपत्रों में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रही है। इस बाबत हरीश रावत मतदान करते कुछ फौजियों का वीडियो जारी कर केंद्रीय व राज्य चुनाव आयोग से जॉच की बात उठा चुके हैं। इस मुद्दे पर पिथौरागढ़ पुलिस सेना के कुछ जवानों को समन भी जारी कर चुकी है। इसके अलावा कई दिवंगत व रिटायर्ड फौजियों को भी मतपत्र भेजे जाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल व प्रीतम सिंह एक बड़े फर्जी मतदान की आशंका जता रहे है।
गौरतलब है कि उत्त्तराखण्ड में करीब 1 लाख 70 हजार पोस्टल बैलेट मतदाता हैं। इस बार 80 साल से अधिक आयु वर्ग व दिव्यांगजनों को घर से ही वोट देने का अधिकार दिया गया। घर से वोट देने की श्रेणी में 16858 मतदाता हैं। कांग्रेस का कहना है कि घर से वोट देने की सहूलियत की आड़ में भी भाजपा ने घपला किया। इसके अलावा प्रदेश में
सर्विस वोटर की संख्या 94471 आंकी गयी है। जबकि 58048 चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों ने भी डाक पत्र के जरिये ही अपने मत का प्रयोग करना था।
कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेता इन्हीं पोस्टल बैलेट में धांधली के मुद्दे को हाईकोर्ट तक ले जाने की जद्दोजहद में जुटे थे कि इसी बीच विजयवर्गीज ने देहरादून में दस्तक दे दी। और चुनाव परिणाम से पूर्व की “तैयारियों” पर होमवर्क शुरू कर दिया।
पुष्ट सूत्रों के मुताबिक 10 मार्च को किसीभी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में भाजपा मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत बसपा, उक्रांद व निर्दलीय खेमे में उथल पुथल मचा सकती है। इस बाबत एक कंक्रीट प्लान भी तैयार कर लिया गया है।
मतदान के बाद मिले फीडबैक के बाद एक तस्वीर यह भी सामने आयी है कि प्रदेश की 70 में से लगभग 10 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी, उत्त्तराखण्ड क्रांति दल व निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत की संभावना बन रही है। ऐसे में शेष 60 सीटों में से बहुमत का जादुई आंकड़ा 36 छूने में कांग्रेस/भाजपा को कठिनाई पेश आ सकती है।
अब अगर कांग्रेस सबसे बड़े दल के तौर उभरे लेकिन बहुमत के आँकडे से दूर रहे तो ऐसे में 2016 में कांग्रेस टूट के महारथी रहे विजयवर्गीज के फार्मूले पर सत्ता कब्जाने की पूरी कोशिश की जाएगी। ऐसे में भाजपाने अभी से ही जीत सकने वाले उम्मीदवारों को साधना शुरू कर दिया है।
मतगणना से पहले भाजपा नेता महेंद्र भट्ट ने अपनी इस मुहिम से पर्दा उठाते हुए साफ कह दिया कि कई कांग्रेसी नेता उनके संपर्क में हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विजयवर्गीज के आगमन को बेहद गंभीरता से लेते हुए चोट खाये पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया में कहा कि विधायक खरीदो अभियान के एक सिद्धहस्त भाजपाई नेता का उत्त्तराखण्ड आगमन। सावधान…
भाजपा का जवाब
पोस्टल बैलेट बहाना,हरदा को अपनो से खतरा:चौहान
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पोस्टल बैलट के बहाने तरह तरह से आरोप प्रत्यारोप की सियासत कर रहे है,लेकिन हकीकत कुछ और है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस की तिकड़ी ने काम बिगाड़ दिया। इसके अलावा 5 अध्यक्ष भी अलग अलग कबीलो को चला रहे है। उन्होंने कहा हरदा और अध्यक्ष ही वैलेट पेपर के बहाने अनचाहे भय से ग्रसित हैं। कांग्रेस में चुनाव से पहले ही सीएम की जंग शुरू हो गई थी और पूरे 5 साल से गुटों की बर्चस्व की जंग चलती रही। अप्रत्याशित नतीजों को भांपकर कांग्रेस अब बहाने तलाश रही है। चुनाव संचालन अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत भी 10 मार्च के बाद नई पारी की घोषणा कर चुके हैं। लगता है कि उनको परिणाम को लेकर आभास हो गया है। उन्होंने कहा कि वैलेट के साथ ही कांग्रेस अब पार्टी में तोड़फोड़ की आशंका जताकर दूसरे दलों पर आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी के चलते हर दूसरा खुद को असुरक्षित महसूस करता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भयभीत है और अब वह तरह के बहाने तलाशने में जुट गई है,ल्रेकिन इससे उसे कुछ हासिल नहीं होने वाला है।
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