त्रिवेंद्र ने पारदर्शिता का मुद्दा उठा ‘अपनों’ को घेरा, उधर पूर्व सीएम निशंक ने कहा धामी सरकार की मंशा बिल्कुल साफ
युवा धामी ने पेश की पारदर्शिता की नजीर: निशंक
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। UKSSSC भर्ती घोटाले व विधानसभा में हुई नियुक्तियों को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के पारदर्शिता के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को ‘निशाने’ पर लेने के 24 घँटे कर अंदर दूसरे पूर्व सीएम निशंक सीएम धामी के पक्ष में खुलकर उतर आए हैं।
पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर साफ कह दिया कि युवा धामी ने पारदर्शिता की नजीर पेश कर दी है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया को दिए बयान में कहा था कि उन्होंने विधानसभा की इन नियुक्ति की फ़ाइल में लिखा था कि पारदर्शिता के साथ व आयोग के जरिये नियुक्ति होनी चाहिए। त्रिवेंद्र ने यह भी जोड़ा कि मार्च 2021 में वो सीएम कुर्सी से हट गए थे। उसके बाद क्या हुआ उन्हें नहीं पता। विधानसभा में 2021 दिसम्बर में हुई नियुक्ति तत्कालीन विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने की थी।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने यह भी कहा कि नियुक्तियां देते समय पूर्ण पारदर्शिता बरती जानी चाहिए। विधानसभा में तथाकथित रूप से अपनों अपनों को नौकरी दी गयी। जनता का विश्वास कायम रखना विधायिका का काम है। त्रिवेंद्र के इस बयान के बाद पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सीएम धामी ने नैतिक साहस दिखाया वह देश में नजीर बनेगा।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद हरिद्वार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि भाजपा ने देश और प्रदेश मे भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को प्राथमिकता दी है और उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिस तरह कथित घपले घोटालों की जांच को लेकर जो नैतिक साहस दिखाया है वह आने वाले समय मे एक नजीर बनेगी।
डॉ निशंक ने कहा कि अब तक जांच मे जुटी एजेंसी ने बेहतर कार्य किया है और मामले की परतें खुल रही है। उन्होंने कहा कि मामले मे विपक्ष और अन्य सभी लोगों को संयम दिखाने की जरूरत है। क्योंकि इसका असर जांच एजेंसियों के मनोबल पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसी गड़बड़ी की स्वतः संज्ञान लेकर जांच करा रही है तो साफ है की सरकार की मंशा साफ है। उन्होंने कहा कि मामला किस काल खंड का है यह सवाल नही है और ऐसे मामले में सभी को सहयोग किया जाना चाहिए, न बल्कि आरोप प्रत्यारोप लगाकर इसे राजनैतिक रूप से मोड़ने का प्रयास।
डॉ निशंक ने कहा कि भविष्य मे होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी इसका सकारात्मक और बेहतर असर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि नैतिक साहस दिखाकर लिए जा रहे यह फैसले एक नजीर बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उत्तराखंड के विकास के लिए अधिक उत्साह दिखा रहे है और विकास के लिए साहसिक फैसले धरातल पर उतरते दिख रहे है। जिससे निश्चित तौर पर उत्तराखंड 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों मे शामिल होगा।
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