नये सीएम तीरथ ने गुरु खंडूडी का लिया आशीर्वाद। कहा कि जनरल साहब मेरे पिता तुल्य है। मेरे आदर्श है। उनसे बहुत कुछ सीखा है। आज जो कुछ भी हूँ उनके ही कारण हूँ। तीरथ रावत, सीएम
तीरथ रावत को संगठन व प्रशासन का अनुभव है। शुरुआत में मुझे राजनीति का कुछ पता नही था। तीरथ के पीछे ही चलता था। लोग मुझे जानते नहीं थे। समर्पित कार्यकर्ता है। कोई दाग नही है। ऐसे नेतृत्व पर लोग विश्वास करते हैं। बीसी खंडूडी, पूर्व सीएम
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत अपने राजनीतिक गुरु व पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी का आशीर्वाद लेना नहीं भूले। गुरुवार की सुबह सीएम तीरथ सिंह रावत अपनी पत्नी रश्मि के साथ खंडूड़ी के आवास पर गए। आवास पर सीएम खंडूड़ी उनकी पत्नी, विधायक ऋतु खंडूड़ी व भाजपा नेता सौरभ थपलियाल ने स्वागत किया।

दोनों के बीच लगभग 30 साल का राजनीतिक रिश्ता अभी भी कायम है। 1991 में बीसी खंडूड़ी के पौड़ी लोकसभा से चुनाव लड़ा था। उस समय एबीवीपी व छात्र राजनीति में सक्रिय तीरथ रावत खंडूड़ी के प्रचार अभियान में जुटे थे। इसके बाद से ही तीरथ रावत खंडूड़ी के प्रबल समर्थकों में शुमार किये जाते रहे।
2019 के लोकसभा चुनाव में खंडूड़ी के समक्ष अजब स्थिति पैदा हो गयी थी। खंडूडी के बेटे मनीष खंडूडी ने कांग्रेस के टिकट पर पौड़ी लोकसभा सीट से पर्चा भर दिया था। दूसरी तरफ, खंडूडी के शिष्य तीरथ रावत भाजपा के उम्मीदवार थे। एक तरफ पुत्र दूसरी तरफ विचार पुत्र। भारी असमंजस । सभी की निगाहें पूर्व सीएम खंडूडी के फैसले पर टिकी थी। यह चर्चा आम थी कि खंडूडी पुत्र मोह में फंसेंगे या फिर अपने शिष्य तीरथ रावत को आशीर्वाद देंगे। यह भी उम्मीद जताई जा रही थी कि खंडूड़ी भाजपा छोड़ सकते हैं।
लेकिन खंडूड़ी ने पुत्र मनीष के बजाय पार्टी उम्मीदवार तीरथ रावत को आशीर्वाद दिया। तीरथ पौड़ी से चुनाव जीते। पहली बार सांसद बने। और राजनीति ने पलटा खाया। और तीरथ प्रदेश के सीएम की कुर्सी पर भी आसीन हो गए।
शपथ ग्रहण करने के ठीक अगले दिन तीरथ अपने गुरु खंडूडी का आशीर्वाद लेना नहीं भूले। गुरु ने भी चेले को बेहतर पारी के लिए भरपूर आशीर्वाद दिया।
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