पर्दा उठने से पहले निकले खंजर कटार
डार्क रूम में कमांडरों ने संभाला मोर्चा

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र, महाराज,चुफाल व धनसिंह पर टिकी निगाहें

भाजपा की गुप्त गुटीय बैठकें जारी..विधायक दिलीप रावत के बयान के बाद हुई जंग तेज

भाजपा आज दोपहर 3 बजे चुनेगी नया सीएम

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। पर्दा आज दोपहर तीन बजे उठेगा। लेकिन कत्ल की रात को शुरू हुए भाजपा के इस थ्रिलर ड्रामे में खंजर-कटार बाहर निकल आये हैं। भाजपा रंगमंच के पीछे बने डार्क रूम में राजनीतिक साजिश के तमाम पन्ने पलटे जा रहे हैं।
हालांकि, भाजपा के डायरेक्टर नये हीरो का नाम फाइनल कर चुकी है। लेकिन पार्टी के बंकरों में बैठे कमांडर दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के लिये गोला बारूद का जखीरा जमा करने में लगे है।

भाजपा रणनीतिकारों की चूक से तीरथ सिंह रावत की हुई असमय विदाई से भाजपा गहरे अंदरूनी संकट में फंस गई है। शुक्रवार की रात कांग्रेस से भाजपा में आये नेताओं व कुछ भाजपाई नेताओं ने रातों रात बदले परिदृश्य में नये सिरे से मोर्चे पर सिपाही तैनात कर दिए है।

तीरथ रावत के इस्तीफे के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर पटाखे फोड़ खुशी इजहार करने से भाजपा के कुछ मंत्री व विधायकों ने रात से  ही गोलबंदी कर दी। सूत्रों के मुताबिक त्रिवेंद्र के विरोध में रहे बिशन सिंह चुफाल व कुछ  कांग्रेसी गोत्र के नेताओं ने कुछ बड़े नेताओं से फोन और बात कर अपनी भावनाओं से अवगत कराया। नेताओं की बैठकें देर रात तक चलती रही।

चूंकि, त्रिवेंद्र राज में भाजपा के कई बड़े नेता कार्नर किये गए थे। और त्रिवेंद्र के हटते ही इन नेताओं को तीरथ राज में जबरदस्त आक्सीजन भी मिली। पूर्व में उपेक्षित रहे इन नेताओं की तीरथ सरकार में ठीक ठाक सुनी गई। इन नेताओं की खूब चली भी।

अब एकाएक बदले राजनीतिक घटनाक्रम में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की वापसी की चर्चाओं के जोर पकड़ते ही पुराने असंतुष्ट नेताओं ने शुक्रवार की रात से देहरादून में गुप्त बैठकें शुरू कर दी है।

दो दिन पूर्व पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का स्वागत होने के बाद अलर्ट हुआ विरोधी खेमा

नये सीएम को लेकर जारी खींचतान व गर्म राजनीतिक माहौल में लैंसडौन से भाजपा विधायक दिलीप रावत खुलकर त्रिवेंद्र के पक्ष में उतर आए हैं। दिलीप ने शुक्रवार की शाम को ही मीडिया को बयान दे दिया कि त्रिवेंद्र रावत को ही सीएम बनाया जाना चाहिए। चूंकि, त्रिवेंद्र चार साल सरकार चला चुके हैं। उन्हें अनुभव है। और चुनावी साल में किसी नये को सीएम बनाना उचित नहीं होगा।

इससे पहले, तीरथ सिंह रावत के दिल्ली रवाना होने व  कोटद्वार से देहरादून लौटते हुए पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का रिस्पना पुल पर हुए स्वागत से भी दूसरे गुट अलर्ट हो गया था।

विधायक दिलीप रावत के अचानक आये इस बयान के बाद कांग्रेसी गोत्र के अलावा भाजपा के भी कुछ सीनियर नेताओं ने त्रिवेंद्र की वापसी के विरोध में अपने मोहरें चलने शुरू कर दिए है।

उत्त्तराखण्ड से जुड़े एक केंद्रीय नेता को भी इन गुट ने रात में ही अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है। खबर तो यह भी है कि त्रिवेंद्र की दोबारा ताजपोशी होने की दशा में इस गुट ने भाजपा छोड़ने की बात कही है।

भाजपा की गुपचुप बैठकों में चल रहे इस खेल में कई बड़े नेता शामिल हैं। अपने गुट के विधायकों को भी अलर्ट कर दिया गया है। केंद्रीय नेताओं तक कई माध्यमो के जरिये संभावित टूट की पिक्चर पेश की जा रही है।

इधर,  दोपहर 3 बजे भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर की मौजूदगी में नये नेता का चयन कर लिया जाएगा। उससे पहले भाजपा के विभिन्न गुट अपनी अपनी चालों में मशगूल है। उत्त्तराखण्ड कि राजनीति में एक बार फिर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। एक दूसरे को रोकने के लिए राहों में कांटे बिछा दिए गए है। थ्रिलर ड्रामा जारी है..

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