आयोग के सचिव कर्मेन्द्र सिंह के 4 मार्च के पत्र से खुली पोल , सीएम का आदेश नहीं मान रहे विभाग
कई दौर की बैठकों के बाद भी लोक सेवा आयोग को नहीं भेजे अधियाचन/प्रस्ताव
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने खुद की स्थिति स्पष्ट
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। चार मार्च को सीएम त्रिवेंद्र गैरसैंण में बजट पेश कर रहे थे। कमिशनरी बनाने की घोषणा हो रही थी। समर कैपिटल बनाने की घोषणा के एक साल पूरा होने पर भराड़ीसैण विधानभवन के परिसर में रंगारंग कार्यक्रम हो रहे थे। और ठीक इसी ऐतिहासिक दिन चार मार्च को ही लोक सेवा आयोग का पत्र बेरोजगारों की धड़कन बढ़ाये दे रहा था। सचिव कर्मेन्द्र सिंह के इस पत्र से साफ जाहिर हो रहा है कि विभागों के ठंडे रुख से नौकरी रिक्ति की विज्ञप्ति निकलने में अभी और काफी देर हो सकती है।
नौकरी के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ( uttarakhand Lok sewa aayog, haridwar) की राह ताक रहे हजारों बेरोजगारों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री के साथ हुई कई दौर की बैठकों के बावजूद विभागों ने अभी तक आयोग को रिक्तियों के अधियाचन/प्रस्ताव नहीं भेजे हैं। इस बात को स्वयं लोक सेवा आयोग ने एक कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से स्पष्ट किया है।
उत्तराखंड के हजारों युवा पिछले 4 सालों से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं का इंतजार कर रहे हैं। तमाम बेरोजगार संगठन इस मामले पर सरकार पर दबाव भी बना रहे हैं और साथ ही मुद्दा उत्तराखंड हाई कोर्ट तक भी पहुंच चुका है। यही वजह है कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले पदों को लेकर मुख्यमंत्री भी विभागों के साथ कई दौर की बैठकें कर चुके हैं लेकिन नतीजा फिलहाल जीरो नजर आ रहा है।
एक कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने स्पष्ट किया है कि राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा हेतु विभिन्न विभागों के कुल 16 पदों पर चयन हेतु अधियाचन प्रस्ताव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को प्राप्त हुए हैं, इसमें डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक आदि की कोई भी रिक्ति सम्मिलित नहीं है।
हालत यह है कि जिन पदों के अधियाचन प्रस्ताव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को प्राप्त हुए हैं उसमें भी कई कमियां मौजूद हैं, जिसके निराकरण के लिए लोक सेवा आयोग द्वारा शासन को पत्र भी प्रेषित किया गया है लेकिन फिलहाल उसमें कोई सुधार नहीं हो पाया है। आयोग ने अपने कार्यालय ज्ञाप में कहा है कि कमियों के निराकरण के लिए शासन को दिनांक 16 दिसंबर 2020 और दिनांक 23 फरवरी 2021 को पत्र प्रेषित किया गया है। वर्तमान में आयोग के पास सम्मिलित राज्य सिविल/ पर अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा हेतु विज्ञापन किए जाने के लिए कोई भी संशोधित अधियाचन/ परिपक्व प्रस्ताव शासन से प्राप्त नहीं हुआ है।
आयोग ने एकदम स्पष्ट किया है कि प्रश्नगत प्रकरण में आयोग स्तर से विज्ञापन संबंधी कोई भी कार्यवाही वर्तमान में किया जाना संभव नहीं है। आयोग ने यह कार्यालय ज्ञाप उस ईमेल के जवाब में दिया है जिसमें आयोग द्वारा उत्तराखंड सम्मिलित राज्य सिविल/ प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा हेतु विज्ञापन न किए जाने की स्थिति में आयोग परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन किए जाने का उल्लेख किया गया था।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के इस कार्यालय ज्ञाप के जारी होने के बाद उत्तराखंड के उन हजारों युवाओं को झटका लग सकता है जो पिछले कई सालों से विज्ञप्ति का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में लगभग आठ लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं। Lok sewa aayog, haridwar
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