अविकल उत्त्तराखण्ड
जोशीमठ। सात फरवरी की आपदा के बाद प्रभावित गांवों में गैरसरकारी मदद लगातार जारी है। रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से आगाज फेडरेशन ने आपदा के बाद से ही लंगर चलाया व राशन किट का वितरण किया।
आगाज़ फैडरेशन के समन्वयक एवं टीम लीडर जयदीप किशोर ने बताया कि उनकी टीम द्वारा आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए- वल्ला रैणी, पल्ला रैणी, पैंग, मुरूंडा, जुग्जु और जुवाग्वाड में 150 परिवारों को रिलायंस फाउण्डेशन द्वारा प्रदान की गयी ड्राइ राशन किट का वितरण किया। स्थानीय टीम लीडर पूरण सिंह राणा, आगाज़ के वाॅलण्टियर अनुज नम्बूद्री, भुवना देवी, अभिषेक कुमार, भरत लाल, नरेन्द्र मुले , सचिन टम्टा और अजय राज ने आपदा प्रभावित लोगों को दिया।
आपदा राहत वितरण के कार्यों में रिलायंस फाउण्डेशन के जुबिन मैथ्यू, ऋतुराज प्रसाद और अमित सेन ने सहभागिता निभाई। साथ ही जनमैत्री संस्था के प्रदीप चौहान, सुनील तिवारी, जितेन्द्र ने भी सामुदायिक किचन के संचालन में मदद की। इस कार्यक्रम के लिए कासा उत्तराखण्ड ने जनमैत्री को संसाधन उपलब्ध कराये ।
सात फरवरी की प्राकृतिक आपदा से पैंग, मुरूंडा, जुग्जु, जुवाग्वाड़ के अलावा चिपको की जननी गौरा देवी के गाँव वल्ला रैणी और पल्ला रैणी में 5 लोगों की मृत्यु हुई, स्थानीय स्तर पर अभी तक 28 लोगों के शव बरामद हुए हैं।
आगाज़ फैडरेशन के अध्यक्ष जेपी मैठाणी ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद अलकनन्दा घाटी शिल्पी फैडरेशन (आगाज़ फैडरेशन) पीपलकोटी द्वारा रिलायंस फाउण्डेशन को मदद के लिए आग्रह किया गया। और स्थानीय समाजसेवी संस्था जनमैत्री जो पूर्व से ही लंगर/कम्यूनिटी किचन चला रही थी के साथ मिलकर 15 फरवरी से 26 फरवरी तक बचाव कार्यों में लगे एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., भारत तिब्बत सीमा पुलिस और उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों के साथ-साथ सड़क और पुल निर्माण में लगे सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों और मजदूरों को नियमित रूप से दोपहर का भोजन कराते रहे।
रिलायंस फाउण्डेशन के ऋतुराज प्रसाद ने बताया कि आगाज़ और रिलायंस फाउण्डेशन के साथियों ने आई.ए. जी. उत्तराखण्ड के समन्वयन में लगभग 12 दिन में लगभग 3000 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया।
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