सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने खानपुर विधायक की विशेष याचिका खारिज करते हुए सुनवाई से किया इंकार नैनीताल हाईकोर्ट का डे टू डे सुनवाई के आदेश रखा यथावत
दल बदल कानून के उल्लंघन से जुड़ी याचिका पर स्पीकर ऋतु खंडूडी के फैसले का भी बेसब्री से हो रहा इंतजार
अविकल उत्तराखण्ड
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने उमेश कुमार के निर्वाचन को चुनौती देने सम्बन्धी केस में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से साफ इंकार कर दिया।
नैनीताल हाईकोर्ट ने नवंबर के आखिरी सप्ताह में निर्वाचन से जुड़े मामले में प्रतिदिन सुनवाई के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद उमेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी।
गौरतलब है कि गांव दबकी कलां लक्सर हरिद्वार के मतदाता विरेन्द्र कुमार ने 32 खानपुर विधानसभा से निर्वाचित उमेश कुमार के निर्वाचन को नैनीताल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी । विरेन्द्र कुमार का आरोप है कि विधायक ने वोट पाने के लिये चुनाव के दौरान भ्रष्ट कार्य किया। विधायक ने अपने समर्थकों के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने के लिये नोट बांटे। इसके अलावा मतदाओं को धर्म के आधार पर हिन्दु प्रत्याशियों को वोट न देने का आवाहन किया।
यही नहीं, नामांकन के शपथ पत्र में बलात्कार जैसे गंभीर मुकदमे छुपाने के भी आरोप लगाए गए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि विधायक ने चुनाव के दौरान खुलकर नियमों की धज्जिया उड़ाई और अपने भाषणो के माध्यम से मतदाताओं के मध्य धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता पैदा की और सौहार्द खराब किया ।
खानपुर विधायक ने हाईकोर्ट में याचिका के विरुद्ध आपत्ति प्रस्तुत करते हुए उसे झूठा बताया और अपने निर्वाचन को सही बताया। विधायक ने उच्च न्यायालय को बताया कि उसे राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
निर्वाचन याचिका की जल्द सुनवाई के लिये नवंबर के आखिरी सप्ताह में नैनीताल हाईकोर्ट ने याचिका की प्रत्येक कार्य दिवस पर सुनवाई का आदेश दिया था। जिसकी वजह से खानपुर विधायक की मुश्किले बढ़ गई थी। हाईकोर्ट के इसी आदेश को खानपुर विधायक ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जनवरी के पहले सप्ताह में सर्वोच्च न्यायालय ने उमेश कुमार की याचिका पर सुनवाई से ही इंकार कर दिया और हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद नैनीताल हाईकोर्ट खानपुर से निर्दल विधायक की सदस्यता पर निर्णय लेने से पहले डे टू डे सुनवाई करेगा।
स्पीकर के भी फैसले का है इंतजार
खानपुर विधायक की सदस्यता पर भी स्पीकर ऋतु खंडूडी को फैसला लेना है। चुनाव जीतने के बाद खानपुर विधायक एक राजनीतिक दल में शामिल हो गए थे। देहरादून में हुए कार्यक्रम में इसकी घोषणा भी की गई। मीडिया में भी प्रमुखता से खबरें छपी।
मई 2022 में खानपुर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके रविन्द्र पनियाला (अब भाजपा में) व अन्य ने दल बदल कानून के उल्लंघन को लेकर विधानसभा में याचिका पेश की। इस बाबत अखबारों में छपी।खबरें व चैनल में चली खबरों समेत अन्य पुख्ता दस्तावेज भी याचिका के साथ पेश किए। विधानसभा सचिवालय ने 29 नवंबर 2022 को विधानसभा खानपुर विधायक उमेश कुमार को नोटिस भी जारी किया। नोटिस का जवाब देने की अवधि भी बीत चुकी है। और अब दल बदल कानून के उल्लंघन को लेकर स्पीकर का फैसला आना बाकी है।
250 विधानसभा कर्मियों की बर्खास्तगी के मसले पर जल्द फैसला लेने वाली स्पीकर ऋतु खंडूडी से दल बदल कानून के उल्लंघन के इस मामले में हो रही देरी को लेकर भी सुगबुगाहट तेज हो गयी है..
गौरतलब है कि 2021 व 2022 में दल बदल के भाजपा में शामिल होने वाले विधायक प्रीतम पंवार, राजकुमार व रामसिंह कैढा को भी विधायकी से इस्तीफा देना पड़ा था। फिलहाल,खानपुर विधायक की सदस्यता पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट व स्पीकर ऋतु खंडूडी के अगले कदम पर प्रदेश की नजरें टिकी हुई हैं..
संविधान की दसवीं अनुसूची में दर्ज दल बदल कानून के उल्लंघन से जुड़ी रिपोर्ट देखने के लिए नीचे दिए गए link ओर करिये clik
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मुद्दा- निर्दल विधायक से जुड़े दल बदल कानून उल्लंघन मामले का स्पीकर ने लिया संज्ञान
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