नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने हेतु पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में SIT का गठन कर इस गंभीर मामले की गहराई से त्वरित जांच के भी आदेश दे दिए हैं। सीएम ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। आज सुबह चीला नहर से अंकिता का शव बरामद कर लिया गया।Ankita Murder case
आज प्रातः काल बेटी अंकिता का पार्थिव शव बरामद कर लिया गया। इस हृदय विदारक घटना से मन अत्यंत व्यथित है।
दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने हेतु पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी जी के नेतृत्व में SIT का गठन कर इस गंभीर मामले की गहराई से त्वरित जांच के भी आदेश दे दिए हैं। आरोपियों के गैर कानूनी रूप से बने रिजॉर्ट पर बुल्डोजर द्वारा करवाई भी कल देर रात की गई है।
हमारा संकल्प है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। SIT inquiry
इस मामले में पुलिस की लापरवाही को लेकर भी जनता सड़कों पर उतरी हुई है। 19 साल की अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखने में भी राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस तक हीलाहवाली होती रही।
गौरतलब है कि भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य समेत तीन लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। भाजपा नेता विनोद आर्य का पुलिस के आलाधिकारी के साथ हाथ मिलाते फ़ोटो भी सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहा है।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी अंकिता हत्याकांड पर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , तीर्थ नगरी ऋषिकेश से लगे पौड़ी जिले के यमकेश्वर में हुई अंकिता की हत्या ने न केवल राज्य की कानून व्यवस्था बल्कि भाजपा सरकार के "बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ"नारे की हकीकत भी सामने ला दी है ।
उत्तराखण्ड की मासूम बेटी के नृसंश हत्याकांड में उन्होंने कहा कि , भाजपा पदाधिकारियों के परिजन की मुख्य अभियुक्त के रूप में गिरफ्तारी के बाद अब इस नारे को "भाजपा के दरिंदों से बेटी बचाओ" कर देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , यह प्रदेश के लिए अफ़सोस जनक स्थिति है कि , मृत लड़की का अभागा पिता चार दिन तक अपनी बेटी की गुमसुदगी की रिपोर्ट लिखाने के लिए घूमता रहा लेकिन उसकी रिपोर्ट नही लिखी गयी। रिपोर्ट लिखने में ना-नुकुर के पीछे निश्चित ही सत्ता पक्ष भाजपा का दबाव होगा ।
चार दिन बाद भी
गुमशुदा लड़की के पिता के सामने होने के बाद भी गिरफ्तार मुख्यभियुक्त द्वारा रिपोर्ट लिखवाना सिद्ध करता है कि , सरकार ने अंतिम समय तक आरोपी को बचाने की कोशिश की और मामले को कमजोर करने की हर तकनीकी कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि , यह भी बेहद चिंताजनक स्थिति है कि , सोशल मीडिया में गुमसुदगी का शोर मचने के बाद भी माननीय मुख्यमंत्री सहित किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का न तो कोई बयान आया न ही मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने इस मामले में भाजपा नेता व पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य के पुत्र रिसोर्ट संचालक पुलकित आर्य सहित रिसोर्ट में कार्यरत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है ।
गिरफ्तारी के बाद रेगुलर पुलिस ने 2 अलग प्रेस नोट जारी किए हैं उनमें भी भ्रांति पैदा की गई है । इन सभी से निष्कर्ष निकलता है कि भाजपा सरकार हर तरह से अपराधियों को मदद कर रही है। पिता के अलावा पुलकित का बड़ा भाई अंकित आर्य भी ओबीसी आयोग में पदाधिकारी बताया जा रहा है।
अंकिता हत्याकांड सिद्ध करता है कि , भाजपा सरकार में शांत पहाड़ों में भी अब बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए भाजपा नेता और उनके करीबी लोग जिम्मेदार हैं।
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Bulldozer Action- अंकिता के हत्यारों के रिसॉर्ट पर चला बुलडोजर
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