पुलिस हिरासत से भागकर युवक के गंगा में कूदकर आत्महत्या करने के मामला. उत्तरकाशी के युवक को चोरी के आरोप में टिहरी की मुनिकीरेती पुलिस ने किया था गिरफ्तार
घटनास्थल पौड़ी में होने के कारण युवक कर दिया था लक्ष्मणझूला पुलिस के हवाले
इंस्पेक्टर संतोष कुंवर और एक अन्य एसआई के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश
अनिल बहुगुणा-/अविकल उत्तराखण्ड
पौड़ी। पुलिस हिरासत से भागकर युवक के गंगा में कूदकर आत्महत्या करने के मामले में सीजेएम कोर्ट ने लक्ष्मणझूला थाने के इंस्पेक्टर संतोष कुंवर और एक अन्य सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि केदार भंडारी पुत्र लक्ष्मण भंडारी उत्तरकाशी जिले के धौंतरी का रहने वाला था। कोटद्वार में अग्निवीर भर्ती में असफल होने के बाद लौटते हुए केदार भण्डारी ऋषिकेश में रुक गया। उसके पास 7 हजार रुपए थे।
केदार भण्डारी 18 अगस्त को कोटद्वार गया था। और 21 अगस्त को उत्तरकाशी जाते हुए तपोवन, ऋषिकेश में रुक गया।
जबकि पुलिस के अनुसार तपोवन में वह होटल के काम मांगने आया था। इसी बीच मुनिकीरेती पुलिस ने चेकिंग के दौरान उससे सफेद रंग का कट्टा बरामद किया। इसमें कुछ सामान रखा था। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान युवक के परमार्थ निकेतन आश्रम के दानपात्र से चोरी की बात कबूली थी। इसके बाद मुनिकीरेती पुलिस ने चोरी का मामला लक्ष्मणझूला क्षेत्र का होने पर वहां की पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी दी।

आवश्यक कार्रवाई के बाद लक्ष्मणझूला पुलिस अपने साथ केदार को ले आई। यहां पर वह पुलिस पूछताछ से घबरा गया। वह पुलिस को चकमा देखकर भाग गया और किरमोला घाट से होते हुए लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी।यह घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई, जिससे स्थानीय पुलिस के हाथ पांव फूल गए। युवक की गंगा में तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने लक्ष्मणझूला थाने के निरीक्षक संतोष कुंवर को एसएसपी ऑफिस में अटैच का दिया था।
इधर, केदार के पिता लक्ष्मण सिंह ने कोर्ट में वाद दायर कर आरोप लगाया था कि उनके पुत्र की हत्या पुलिस अभिरक्षा में हुई। बीती 22अगस्त की घटना के मामले में सीजेएम रवि प्रकाश शुक्ला ने आज फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि पुलिस ने परमार्थ निकेतन आश्रम के दानपात्र से चोरी के आरोप में केदार भंडारी को हिरासत में लिया थालेकिन लक्ष्मण झूला थाने में केदार भंडारी के खिलाफ कोई मुकदमा ही दर्ज नहीं है। आश्रम प्रबंधकों ने कोई तहरीर ही नहीं दी थी। ऐसे में केदार भंडारी के गायब होने पर लक्ष्मण झूला पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए।

