फैसला- पांच फैमिली सदस्यों की हत्या के दोषी हरमीत को फांसी की सजा

एक लाख का जुर्माना भी ठोका

दीवाली की 23- 24 अक्टूबर की रात दून में दिया हत्याकांड को अंजाम। कुल 21 गवाह पेश किए गए

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। सात साल पहले देहरादून में  परिवार के पांच सदस्यों की जघन्य हत्या मामले के दोषी हरमीत को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस हत्याकांड को रेयरेस्ट ऑफ द रेयरेस्ट मानते हुए फांसी की सजा के साथ विभिन्न धाराओं में 1 लाख का जुर्माना ठोका।

मंगलवार को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्रा ने हिला देने वाले सामूहिक हत्याकांड के दोषी को 302, 307 और 316 धाराओं में फांसी की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया। सात साल तक चली सुनवाई व गवाही के बाद कोर्ट ने हरमीत को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

सजा सुनाए जाने के बाद हत्याकांड का दोषी हरमीत

सुप्रीम कोर्ट के वकील बी डी झा व शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि दीवाली की रात 23- 24 अक्टूबर 2014 हरमीत ने प्रॉपर्टी के लिए पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, गर्भवती बहन हरजीत कौर के अलावा 3 साल की भांजी सुखमनी की चाकू से गोद  नृशंस हत्या कर दी थी। लेकिन 5 साल के भांजे कंवलजीत सिंह को छोड़ दिया था।

अगले दिन सुबह सफाई करने वाली ने घर में खून फैला देख अन्य परिजनों को जानकारी दी। जय सिंह के भाई अजीत सिंह ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। कैंट पुलिस ने हरमीत को चाकू के साथ गिरफ्तार कर लिया।

सुप्रीम कोर्ट के वकील बीड़ी झा

उन्होंने बताया कि इस मुकदमे में कुल 21 गवाहों की गवाही के बाद हरमीत सिंह को हत्या,  हत्या की कोशिश व गर्भस्थ शिशु की हत्या के मामले में दोषी पाया गया।

शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता

गौरतलब है कि कैंट थाने के तहत आदर्श नगर में 24 अक्टूबर 2014 को चाकू से पांच सदस्यों की हत्या कर सनसनी मचा दी थी। लेकिन भांजे कंवलजीत को छोड़ दिया था। इसी कंवलजीत की गवाही भी दोषी को सजा दिलाने के लिए पुख्ता आधार बनी। हत्या की वारदात से पहले हरमीत ने जिस व्यक्ति से चाकू में धार लगवाई थी उसकी गवाही भी महत्वपूर्ण साबित हुई।

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