1952 की फर्जी रजिस्ट्री की आड़ में दो गुटों की दून के चक रायपुर में असम निवासी की जमीन हड़पने की जालसाजी
1952 की फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर धारा 420, 467, 468, 471, 120- बी के अंतर्गत छह लोगों के विरुद्ध थाना सहारनपुर सदर बाजार में हो चुका है मुकदमा दर्ज। अब उमेश कुमार ने की जमीन कब्जाने की कोशिश
पीड़ित ने देहरादून के असिस्टेंट रिव्यू अफसर को 17 मई को एक पत्र लिख भू माफिया के खिलाफ जांच की मांग की
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। देहरादून में भू-माफिया का जमीन पर कब्जा करने की कोशिश का एक ताजा मामला सामने आया है। दून के रायपुर क्षेत्र में एक मृत महिला की लगभग 35 बीघा जमीन को हड़पने के लिए भू माफिया ने 1952 की फर्जी रजिस्ट्री तक तैयार करवा ली । और जमीन कब्जाने के लिए एक गिरोह बनाकर काम कर रहे हैं। जबकि मृत महिला का वारिस उसका पुत्र न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है। इस बाबत प्रशासन से गुहार लगाने कर बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस सनसनीखेज मामले में संतोष अग्रवाल पुत्र स्व. इंद्रावती अग्रवाल गाँव बोगीबिल चावलखोवा बोगीबिल डिब्रूगढ़,असम की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हड़पने की कोशिश जारी है।
चक रायपुर देहरादून में संतोष अग्रवाल की भूमि पर उमेश कुमार द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों के आधार मालिकाना हक का दावा करने का मामला प्रकाश में आया हैं। हैरत की बात है कि संतोष अग्रवाल की भूमि पर मालिकाना हक का दावा करने के लिए अमरदेव खंडूरी पुत्र दिलीप दत्त खंडूरी निवासी बर्लाेगन्ज़, मसूरी, देहरादून ने सहारनपुर रजिस्ट्रार कार्यालय से 1952 की फर्जी रजिस्ट्री की है। इसकी शिकायत संतोष अग्रवाल ने पुलिस उप-महानिरीक्षक सहारनपुर से की थी।
शिकायत के आधार पर जाँच में छह लोगों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 487 के तहत मुकदमा अपराध संख्या 0436/2021 सहारनपुर में पंजीकृत है।
इसमें सहारनपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी भी संलिप्त पाये गये हैं, जिसमे अमरदेव खंडूरी पुत्र दिलीप दत्त खंडूरी निवासी मसूरी देहरादून, मानसिंह निवासी बिसरखा दादरी, बुलंदशहर, सुरेंद्र कुमार पुत्र परमेश्वर निवासी कस्बा बेसिया सुल्तानपुर, फैज़ाबाद, शहज़ाद पुत्र महबूब निवासी ग्राम हसनपुर थाना नागल सहारनपुर, सुरजीत सिंह निवासी गोविंद नगर सदर बाजार सहारनपुर व फरीद पुत्र रिज़वान निवासी इंद्रा चौक थाना मंडी सहारनपुर के खिलाफ संतोष अग्रवाल की जमीन को साजिश कर हड़पने का आरोप लगाया गया।
संतोष अग्रवाल ने बताया कि उसकी माँ इंद्रावती की मृत्यु के बाद चक रायपुर देहरादून में खसरा न. 203, 205 की जमीन राजस्व अभिलेखों मे उसके नाम दर्ज हो गई थी और दर्ज चली आ रही है।
हैरत की बात तो यह है की जिस 1952 की फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर धारा 420, 467, 468, 471, 120- बी के अंतर्गत छह लोगों के विरु( थाना सहारनपुर सदर बाजार में मुकदमा दर्ज हुआ है। उसी 1952 की रजिस्ट्री के आधार पर एक अन्य व्यक्ति उमेश कुमार ने अपने दादा और पिता की भूमि बताते हुए अधिकारियों से मिलीभगत करके राजस्व अभिलेखों मे नाम दर्ज करवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
शपथपत्र मे उमेश कुमार ने कहा है कि 1952 में चंद्र बहादुर सिंह ने यह भूमि नाबालिग विपत सिंह व मान सिंह निवासीगण ग्राम बिसरवा तहसिल दादरी जिला बुलंदशहर व नाबालिग सुरेंद्र कुमार पुत्र परमेश्वर निवासी सुलतानपुर फैजाबाद को बेची थी। उमेश कुमार ने स्वयं को विपत सिंह का पुत्र दर्शाया है। संतोष अग्रवाल का कहना है कि इतने वर्षाे के बाद वाद दायर किया गया है । इससे साबित होता है कि उमेश कुमार ने पूरी तरह से मेरी संपत्ति हड़पने के लिए जालसाजी की है।
संतोष अग्रवाल ने दिये गये साक्ष्यों के आधार पर कहा कि जब उसने सहारनपुर जाकर मामले की छानबीन की तो पाया कि यह एक गिरोह है जो फर्ज़ी दस्तावेज़ तैयार कर लोगों की सम्पति को विवादित करते है और उनसे रकम हड़पने की कोशिश करते हैं।
संतोष का कहना है कि इतने वर्षों के बाद बाद दायर किया गया जो पूरी तरह फर्जी है। संतोष ने कहा कि इसमें शहजाद मुख्य साजिशकर्ता है। सरदार सुरजीत सिंह और फरीद उप निबंधक प्रथम के कार्यालय के मुलाजिम है। इन दोनों ने ही अपने आफिस से भूमि हड़पने वाले भू माफिया को 1952 का फर्जी बैनामा बनाकर सत्य प्रतिलिपि जारी की थी।
इस बाबत संतोष अग्रवाल ने देहरादून के असिस्टेंट रिव्यू अफसर को 17 मई को एक पत्र लिख भू माफिया के खिलाफ जांच की मांग की है।
सेवा में,
श्रीमान अस्टेिन्ट रिव्यू आफिसर,देहरादून।
महोदय,
निवेदन है कि प्रार्थी सन्तोष अग्रवाल पुत्र स्व० श्री पन्ना लाल अग्रवाल, निवासी-अमगुरी बिजनी चिरांग असम का निवासी है।
यह कि प्रार्थी मौजा चक रायपुर स्थित भूमि खाता खतौनी संख्या 57 के खसरा नम्बर 203 व 205 का मालिक, स्वामी काबिज व अध्यासी है।
यह कि एक व्यक्ति उमेश कुमार पुत्र श्री विपत सिंह, निवासी शिमला बाईपास रोङ देहरादून ने प्रार्थी की उपरोक्त वर्णित सम्पत्ति के फर्जी दस्तावेज बनाये जिनका पंजीकरण उमेश कुमार द्वारा सब-रजिस्ट्रार कार्यालय सहारनपुर के बही नम्बर 1 जिल्द 429 के पृष्ठ 265 से 266 के दस्तावेज संख्या 395 पर दिनांक 19-08-1952 को होना बताया गया ।परन्तु उपरोक्त दस्तावेज संख्या पर श्री कैलाश चन्द्र पुत्र श्री चमन लाल का नाम दर्ज है व सूची में भी श्री कैलाश चन्द्र का नाम दर्ज व अंकित है।
प्रार्थी द्वारा पूर्व में उपरोक्त दस्तावेज के विरूद्ध थाना सदर बाजार सहारनपुर में शिकायत की गयी जिसकी जांच में उमेश कुमार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी पाया गया। तत्पश्चात पुलिस द्वारा कुछ भूमाफियो व सब-रजिस्ट्रार कार्यालय सहारनपुर के बाबू के विरुद्ध मुकदमा संख्या 436 वर्ष 2021 पंजीकृत किया गया।
यह कि प्रार्थी को ज्ञात हुआ कि उमेश कुमार द्वारा उपरोक्त फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना नाम दर्ज कराने हेतु माननीय तहसीलदार सदर के यहां एक प्रार्थनापत्र दिया हुआ है, जिसका नामान्तरण वाद संख्या 1307 वर्ष 2021-22 है।
यह कि उमेश कुमार द्वारा जो नामान्तरण वाद संख्या 1307 वर्ष 2021-22 द्वारा अपना नाम दर्ज कराने हेतु आवेदन किया गया है, उसको निरस्त किया जाये।
अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है कि उमेश कुमार द्वारा फर्जी विक्रयपत्र प्रस्तुत करने के आदेश कुमार के विरूद्ध उचित कानूनी कार्यवाही कर मुकदमा दर्ज करने की कृपा करे।
प्रार्थी सन्तोष अग्रवाल,पुत्र स्व० श्री पन्ना लाल अग्रवाल, निवासी अमगुरी बिजनी चिरांग असम,द्वारा अधिवक्ता
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