गैंगेस्टर यशपाल तोमर के “गैंग” में उत्तराखंड के अधिकारी भी शामिल !

तीन अधिकारियों के परिजनों के खिलाफ यूपी में जमीन के फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज। सीएम धामी पर टिकी निगाहें

अलग अलग  समय पर हरिद्वार में तैनात रहे तीनों अधिकारी।एक अधिकारी सचिवालय में अहम पद पर

अविकल उत्तराखंड


देहरादून। दो दिन पहले ही जब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में गैंगेस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ उत्तराखंड सरकार की कार्रवाई की बात कह रहे थे। उससे दो दिन पहले 20 मई को थाना दादरी, जिला ग्रेटर नोएडा में उत्तराखंड के तीन बड़े अधिकारियों के रक्त सम्बन्धी व करीबी रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा लिखा जा रहा था। यह सभी लोग गैंगेस्टर यशपाल तोमर के साथ जमीनों के जबरन कब्जे व फर्जीवाड़े में लिप्त पाए गए। मुकदमा भारतीय दंड संहिता की धारा  420,467,468,471 और 506 के तहत दर्ज किया गया।

गौरतलब है कि उत्तराखंड STF भू माफिया यशपाल तोमर की गुड़गांव से गिरफ्तारी के  बाद लगभग 150 करोड़ की चल अचल संपत्ति अटैच कर चुका है। विधानसभा चुनाव के समय यशपाल तोमर को गुड़गांव के समीप गिरफ्तार किया गया था। यह भी चर्चा आम है कि प्रदेश सरकार का एक पूर्व उच्चाधिकारी भी उस समय यशपाल तोमर के साथ था। लेकिन अपने उच्च सम्पर्कों के जरिये वह बच गया था।

भू माफिया यशपाल तोमर

सोमवार की दोपहर से से यह मामला उत्तराखंड के सत्ता के गलियारों में भी गूंजने लगा। मुकदमे में जिन लोगों के नाम लिखे हैं उनका सीधा सम्बन्ध उत्तराखंड की नौकरशाही से जुड़ा हुआ है।

आरोपियों में एक आईएएस अफसर का ससुर, एक आईएएस के पिता और आईपीएस की मां नामजद है। (देखें FIR)

मिली जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के दो वरिष्ठ आईएएस और एक आईपीएस अफसर के सगे-संबंधियों पर जमीन खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज हुआ है। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने शनिवार को यह मुकदमा दर्ज किया है। इसमें मुख्य आरोपी गैंगस्टर यशपाल तोमर है, जिसके खिलाफ उत्तराखंड में भी जमीनों के जबरन खरीद और फर्जीवाड़े के कई मुकदमे दर्ज हैं।  इन तीनों वरिष्ठ अफसरों में से एक तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिवालय में तैनात है।

जिन तीनों नौकरशाहों के परिजनों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है वह अलग अलग समय में हरिद्वार में बतौर डीएम और एसएसपी तैनात रहे हैं।

ताजा एफआईआर में भू माफिया यशपाल का बनाया सहयोगी

मामला अनुसूचित जाति के जमीनों की अवैध खरीद से जुड़ा है और गैंगस्टर यशपाल तोमर पर सीधी कार्रवाई की जानी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय को अवगत करवाने के बाद मामले में रविवार को एक नई एफआईआर दर्ज हुई है। इस एफआईआर में यशपाल तोमर के चिटहेरा गांव भू घोटाले में अब इन सभी को सहयोगी बना दिया है। त्रिदेव पिता का पितंबार, कर्मवीर पिता का प्यारे लाल, बैलु पिता का नाम राम स्वरूप, कृष्ण पाल पिता का नाम छोटे, एम भास्करन पिता का नाम मनी अय्यम पिल्लई, केएम संत ऊर्फ खचरेमल पिता का रेवती प्रसाद, गिरीश वर्मा पिता का नाम राम प्रसाद वर्मा और सरस्वति देवी पति राम स्वरूप राम।

तीनों नौकरशाह हरिद्वार में रहे हैं पोस्टेड
जिन तीनों नौकरशाहों के परिजनों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है वह अलग अलग समय में हरिद्वार में बतौर डीएम और एसएसपी तैनात रहे हैं।

गैंगस्टर यशपाल तोमर का हरिद्वार में जमीनों की खरीद फरोख्त का खासा कारोबार था। माना जा रहा है कि इस दौरान ही यशपाल तोमर ने इन नौकरशाहों के परिवारजनों के लिए जमीनों की खरीद फरोख्त का काम किया। ग्रेटर नोएडा में पट्टों को औने पौने दाम पर नौकरशाहों के परिवारजनों को बेचा गया।

ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव भूमि घोटाले में हुए नामजद

मामला उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव का है। गांव में पट्टों की जमीन के क्रय-विक्रय में नियमों को ताक पर रखा गया था। अपर  जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के आधार पर चिटहेरा गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद ने भूमाफिया यशपाल तोमर समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ शनिवार को दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया। मामले में नामजद तीन लोग उत्तराखंड के तीन नौकरशाहों के परिवार से हैं। यह जमीने लंबा अरसे पहले खरीदी गई हैं। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि यशपाल तोमर इन नौकरशाहों के संपर्क में कैसे आया। चूंकि जमीनें नौकरशाहों के नाम नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं, ऐसे में परिवारजन ही बताएंगे कि वह यशपाल के संपर्क में कैसे आए।

तीन अधिकारी संदेह।के घेरे में

हरिद्वार में भी भू माफिया यशपाल पर दर्ज है मुकदमे

पश्चिमी यूपी के रहने वाले भू माफिया यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार के कनखल, ज्वालापुर एवं शहर कोतवाली में 13 मई 2022 को चार अलग-अलग मुकदमें दर्ज हैं। कनखल में कांग्रेसी नेता तोष जैन के घर में घुसकर हत्या की धमकी देने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया है। ज्वालापुर में दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलर भरत चावला ने रंगदारी एवं जबरन भूमि कब्जाने समेत प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। इसके बाद एसटीएफ ने गैंगस्टर ऐक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। गैंगस्टर ऐक्ट के मुकदमे के चलते ही उसकी 153 करोड़ की भूमि एसटीएफ कुर्क कर चुकी है और चौथा मुकदमा शहर कोतवाली में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट को गुमराह कर चौपहिया वाहन रिलीज कराने के संबंध में एसटीएफ ने दर्ज कराया था।

इस पूरे प्रकरण से यह साफ हो गया है कि गैंगेस्टर यशपाल तोमर की उत्तराखंड की नौकरशाही में गहरी घुसपैठ है। मामले की सीबीआई जांच हो गयी तो कई चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। चंपावत  दौरे के बाद सीएम धामी के दून पहुंचने पर तीनों अफसरों के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की उम्मीद भी जतायी जा रही है।

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