सीएम धामी के शॉट से कांग्रेस के साथ कुछ ‘अपने’ भी हुए घायल.
गिरफ्तार uksssc अध्यक्ष आरबीएस रावत को कांग्रेस व भाजपा व संघ में मिली थी खास जिम्मेदारी… तो अब बड़ी मछलियों की बारी
अविकल थपलियाल/अविकल उत्तराखंड
देहरादून। जुलाई महीने में उठे भर्ती घोटाले के तूफान के बाद हो रही गिरफ्तारियों की खबरों के बीच सभी की जुबान पर लगातार एक ही सवाल तैर रहा था कि धामी सरकार बड़ी मछलियों पर कब हाथ डालेगी। इस मुद्दे पर जनता के अलावा विपक्षी दल भी जमकर हमला बोल रहे थे।
शनिवार को वो दिन भी करीब आ ही गया जब एसटीएफ ने वन विभाग के पूर्व मुखिया व उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत को गिरफ्तार कर सभी को चौंका दिया। इस खबर के झटके से सत्ता के गलियारों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
प्रदेश में जारी राजनीतिक युद्ध में हो रही क्रॉस फायरिंग में कुछ ‘अपने’ तो कुछ विपक्षी भी छलनी हुए। वन विभाग के मुखिया रहे आरबीएस रावत की गिरफ्तारी से सीएम धामी ने विपक्ष के साथ साथ कुछ ‘अपनों’ की चालों पर भी एक सीमा ब्रेक अवश्य लगा दिया है।
गौरतलब है कि 2016 में कांग्रेस राज में हुई ग्राम विकास अधिकारी वीपीडीओ भर्ती परीक्षा की जांच विजिलेंस की टीम कर रही थी। हाल ही में सीएम धामी ने यह मामला एसटीएफ को सौंपा था।
पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल में हुए इस भर्ती घोटाले की सुगबुगाहट होते ही uksssc के अध्यक्ष आर बी एस रावत ने रातों रात इस्तीफा दे सभी को चौंका दिया था। लेकिन उस समय भी वीपीडीओ परीक्षा में घपले की खबरें और वन विभाग के चीफ रहे आरबीएस रावत के इस्तीफे से सत्ता के गलियारों कई कहानियों ने जन्म ले लिया था।
सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन सीएम हरीश रावत को भर्ती घपले की भनक लग गयी थी। और कड़ा दबाव बना कर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कर अध्यक्ष आरबीएस रावत को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया था।
इस बीच, कांग्रेस की हरीश रावत सरकार चली गयी। 2017 में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार ने सत्ता संभाल ली। इसके बाद वीपीडीओ भर्ती घोटाले की जांच धीमी गति से चलने लगी। इस बीच, ukssscवके अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद पूर्व आईएफएस आरबीएस रावत ने संघ के कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू किया। और फिर पूर्व वन विभाग प्रमुख संघ के पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रांतीय अध्यक्ष बन गए।
यही नहीं, त्रिवेंद्र के मार्च 2021 में सीएम की कुर्सी से हटने के बाद नये सीएम तीरथ सिंह रावत के राज में सरकार के सलाहकार भी बन कर एक बार फिर सुर्खियों में आये। उनकी इस ताजपोशी में संघ के कुछ प्रमुख हस्तियों की बड़ी भूमिका रही थी।
जुलाई 2021 में तीरथ सिंह रावत की जगह पुष्कर सिंह धामी ने कमान संभाली।एक बार फिर जुलाई 2022 में uksssc भर्ती घोटालों की जांच के लिए रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। फारेस्ट गार्ड समेत अन्य कई भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप में हाकम सिंह के अलावा 40 से अधिक आरोपी जेल में हैं। 2020 में हाकम सिंह पर मंगलौर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिम बाद में वो मुकदमा भी खारिज हो गया।
इधर, बीते हफ्ते से हाकम सिंह के उत्तरकाशी जिले के सांकरी रिसॉर्ट सहित अन्य भवनों पर जेसीबी चल रही है।
इधर, प्रदेश के बहुचर्चित भर्ती घपले में एसटीएफ ने कई गिरफ्तारियों के बाद अब बड़ी मछली पर हाथ डाला है। पूर्व uksssc अध्यक्ष आरबीएस रावत समेत तीन लोग जेल भेज दिए गए है।
शनिवार को हुई इस वीवीआईपी गिरफ्तारी के बाद सीएम धामी के जांच सम्बन्धी फैसले के समर्थन में आवाज उठने लगी है। इसके साथ ही गिरफ्तार पूर्व आईएफएस आरबीएस रावत के भाजपा व संघ के कुछ नेताओं से करीबी सम्बन्ध होने की वजह से पार्टी के अंदर आग सुलगाने की पटकथा भी लिखी जाने लगी है। सीएम धामी के भर्ती घोटाले पर एक प्रमुख गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के साथ भाजपा के भी कुछ क्षत्रपों पर बम तो फोड़ हो दिया है..इस बम की गूंज लम्बे समय तक सुनायी देती रहेगी…
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भर्ती घोटाला- uksssc के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत समेत तीन गिरफ्तार
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