छात्रवृत्ति घोटाले में मेरठ निवासी निदेशक अंकुर राणा गिरफ्तार

मेरठ-बागपत रोड पर स्थित त्रिवेणी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन सोसाइटी के निदेशक अंकुर राणा ने सवा करोड़ हड़पे

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने त्रिवेणी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन सोसाइटी के निदेशक अंकुर राणा को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को गिरफ्तार अंकुर राणा ने सवा करोड़ की छात्रवृत्ति का गबन किया जाना स्वीकार कर लिया। अक्टूबर 2019 में हरिद्वार सिडकुल में दर्ज मुकदमे में संस्थान ने फर्जी छात्रों के नाम पर सवा करोड़ रुपए हड़पे।

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मेरठ-बागपत रोड पर स्थित त्रिवेणी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन, बागपत के निदेशक अंकुर राणा की गिरफ्तारी के बाद अब देहरादून के संस्थानों के मालिकों की गिरफ्तारी की संभावना बन गयी है। एसआइटी जांच में पता चला कि अंकुर राणा ने कॉलेज में फर्जी छात्रों के नाम दर्ज कर करीब 1 करोड़, 21 लाख 44 हजार की छात्रवृत्ति का गबन किया। जांच में जिन छात्रों के नाम छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई। उन छात्रएं का संस्थान प्रवेश भी नही हुआ और न ही छात्रवृति मिलने की ही कोई जानकारी ही उन्हें थी। ताज्जुब की बात यह रही कि फर्जी छात्रों के नाम स्वीकृत धनराशि को निदेशक ने बैंक खातों से अपने खाते में ट्रांसफर कराई।

पूर्व में अंकुर राणा को बागपत पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले में गिरफ्तार किया था। इन दिनों अंकुर राणा जमानत पर बाहर था। अब एसआइटी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपी को जेल भेजा जाएगा। पुलिस टीम में सब इंस्पेक्टर राजीब उनियाल व सिपाही वसीम अहमद थे।

नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश पर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच हरिद्वार और देहरादून में आईपीएस मंजूनाथ टीसी जबकि गढ़वाल-कुमाऊं क्षेत्र की जांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी व आईजी संजय गुंज्याल को सौंपी गई। SIT uttarakhand, scholaorship scam

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