हर रोज साइबर ठग बना रहे शिकार
इस बाबत एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि जनता को पुलिस की सलाह मानते हुए किसी भी फोन कॉल के झांसे में नही आना चाहिये। और तत्काल पुलिस को सूचित करें।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
उत्त्तराखण्ड में शातिर दिमाग के साइबर अपराधी पुलिस के लिए कड़ी चुनौती पेश कर थे हैं। कमोबेश हर दिन साइबर पुलिस को ऐसे मामलों में जूझना पड़ रहा है। हालांकि, पुलिस की साइबर ब्रांच जनता को लगातर आगाह कर रही है। लेकिन ये साइबर ठग हर दिन लोगों को चूना लगाने में कामयाब हो रहे हैं।
स्पेशल टास्क फोर्स की ओर से जारी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के बुलेटिन में देहरादून के तीन मामलों में मामले दर्ज किए गए.
दून निवासी को लगाया 30 हजार का चूना
प्रेम नगर, देहरादून निवासी एक व्यक्ति के द्वारा साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड़ को अवगत कराया गया कि उसको किसी व्यक्ति ने फोन कर हालचाल पूछा तथा यह विश्वास दिलाया कि वह व्यक्ति मुझे अच्छे से जानता है और उसने कहा कि वह कुछ रुपये ऑनलाइन मेरे खाते में डालेगा जिसे वह बाद में नगद मुझ से ले लेगा ।
उस व्यक्ति ने पहले मुझे 10 रुपये नगद भेजे तथा बाद में लिंक भेजा जिसे मेरे द्वारा स्वीकार किया गया जिस कारण मेरे खातें से 30,000/- रुपये कट गये। वह व्यक्ति और रुपये निकालने का प्रयास भी कर रहा था लेकिन बैलेन्स न होने के कारण रुपये नही निकल पाया था । इस शिकायत पर उप निरीक्षक निर्मल भट्ट के द्वारा तत्काल सम्बन्धित यूपीआई व बैंकों को मेल प्रेषित कर खातें फ्रीज कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है ।
75 हजार गवाएं कार भी नही मिली
सुभाष रोड़, देहरादून निवासी ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उसने फेसबुक पर एक विज्ञापन अल्टो कार को बेचने के सम्बन्ध में देखा था तथा उस पर दिये गये मोबाइल नम्बर पर कॉल कर जानकारी की गयी । सौदा 75,000/- में तय हुआ। डिलीवरी चार्ज के रुप में 3,000/- रुपये उस व्यक्ति के बताये खातें में जमा कराये । धीरे धीरे अलग अलग तारीखों पर अलग अलग चार्ज (एन0ओ0सी0, कोरियर आदि) के नाम पर लगभग 72,000/- रुपये शिकायतकर्ता से बैंक खाते में जमा कराये गये है । उक्त प्रार्थना पत्र पर उप निरीक्षक निर्मल भट्ट के द्वारा तत्काल सम्बन्धित बैंकों को मेल प्रेषित कर खातें फ्रीज कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है । प्रकरण में अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है ।
इधर शिकायत दर्ज,उधर 31 हजार खाते से उड़े
क्लेमनटाउन निवासी व्यक्ति
ने बताया कि उनके द्वारा यूपीआई कम्पलेन बोर्ड मे शिकायत दर्ज कराई थी। 27/12/2020 को शिकायतकर्ता के पास काल आयी कि आपके द्वारा कम्पलेन दर्ज की गई थी आप अपनी ट्रांजेक्शन आईडी री कनफर्म करा सकते है, हम आपका पैसा रिफण्ड कर देंगे। ऐसा कहकर उन्होने एक लिंक भेजा और कहा लिंक को क्लिक करके अपने यूपीआई आईडी का पासवर्ड डाल दो और ऐसा कहकर एनीडेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करवा दी शिकायतकर्ता खाते से कुल 31,800/- की धनराशि खाते से कट गई। उक्त प्रार्थना पत्र पर उप निरीक्षक प्रतिभा के द्वारा तत्काल सम्बन्धित बैंकों को मेल प्रेषित कर खाते फ्रीज कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है ।
साइबर सुरक्षा टिप
फोन पर व्यक्तिगत या बैंकिंग विवरण साझा न करें | आपको कॉल करने वाला व्यक्ति आपके मित्र या रिश्तेदार के रूप में प्रतिरूपण कर सकता है |
ऑनलाईन प्लेटफार्म पर खरीदारी या सामान बेचते वक्तद्वितीय पार्टी में तत्काल विश्वास ना करें। सामान को भौतिक रुप से देखने व विक्रेता/क्रेता से व्यक्तिगत रुप में मिलकर ही भुगतान करें ।
अधिकांशतः देखा गया है कि साईबर ठगो द्वारा स्वयं को भारतीय सेना में कार्यरत बताते हुये सामान को खरीदने या बेचने हेतु सोशल साईट्स पर संपर्क किया जा रहा है, ऐसे मामलो मेंसावधानी बरते । किसी भी दशा में अग्रिम भुगतान न करें, सामान प्राप्त होने पर ही भुगतान करें ।
कभी भी किसी से अपने डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड की जानकारी शेयर न करें । कोई भी बैंक या वॉलेट आपको फोन कर आपकी बैंकिग डिटेल नही मांगता है ।
किसी भी साईबर शिकायत / सुझाव के लिए–
संपर्क: 0135-2655900
email- ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in
फेसबुक – https://www.facebook.com/cyberthanauttarakhand/
“क्राइम रोखने में हर सिटीजन को निभानी होगी भूमिका,
विकसित राष्ट्र निर्माण में होगा आपका योगदान”
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