Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newscard domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/avikuauy/public_html/beta/wp-includes/functions.php on line 6121
रितिक ! हो सके तो हमें माफ कर देना...हम शर्मिंदा हैं - Avikal Uttarakhand

रितिक ! हो सके तो हमें माफ कर देना…हम शर्मिंदा हैं

चम्पावत के प्राइमरी स्कूल के पांचवी कक्षा के छात्र रितिक की ततैया के काटने से हुई मौत। चम्पावत व लोहाघाट में नहीं मिला इलाज

अविकल थपलियाल

देहरादून। उत्तराखंड में सावन के चौथे सोमवार की सुबह एक बहुत दर्दनाक खबर से सामना हुआ। यूं तो उत्तराखंड में आये दिन गुलदार बच्चों को मां के सामने हो उठा ले जा रहा है। हाथी, भालू, बन्दर के आतंक की खबरें भी आम हो चली हैं। लेकिन सोमवार की सुबह जिस मार्मिक खबर से पूरा देश व प्रदेश रूबरू हुआ। वह सीधे सीधे स्वास्थ्य सेवाओं और ढांचागत सुविधाओं की कलई खोलने के लिए काफी है।

यूँ तो नुमाइंदे प्रदेश के अंदर हेली सेवाओं के जरिये भी गम्भीर मरीजों को लिफ्ट कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए जाने का दावा करते नहीं थक रहे हैं लेकिन फिर भी खुले में प्रसव की घटनाएं भी कम नहीं हो रही हैं।

चूंकि, यह दर्दनाक हादसा एक मासूम की जिंदगी से जुड़ा है। लचर व बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से भी जुड़ा है और जुड़ा है सीएम धामी की अपनी विधानसभा सीट चम्पावत जिले से। हालांकि, ततैया के काटने की यह पहली घटना भी नहीं और न ही पहली मौत। फिर भी समय पर सही इलाज नहीं मिलने से मासूम रितिक की मौत कई सवाल छोड़ गई। एक हंसता खेलता भविष्य पल भर में मौन हो गया।

जानकारी के मुताबिक, शनिवार की एक शाम कक्षा पांच का छात्र रितिक खेल रहा था। इसी बीच, ततैयों के झुंड ने रितिक पर हमला बोल दिया। चम्पावत जिला अस्पताल में  इलाज की उचित व्यवस्था नहीं होने पर रितिक को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। रात लगभग रात 10 बजे टनकपुर-पिथौरागढ़  राष्ट्रीय राजमार्ग स्वाला-बनलेख के पास मलबा आने से बंद था। (हालांकि, दावा यह है कि बरसात का मलबा हटाने के लिए दर्जनों जेसीबी व अन्य मशीनें जगह जगह तैनात हैं) बुरी तरह दर्द से कराह रहे मासूम रितिक को बनलेख से वापस लाया गया। रितिक को लोहाघाट के उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां भी रितिक को इलाज नहीं मिल सका और उसने दम तोड़ दिया।

मेहनत मजदूरी करने वाले सुरेश चंद्र थ्वाल अपने बेटे रितिक की बेहतर पढ़ाई के लिए कुछ साल पहले ही बडोली गांव से चम्पावत शिफ्ट हुआ था।किराए के मकान पर रहते थे।  रितिक की मां भोजनमाता है।

सीएम के दिल्ली दौरे की अहम खबरों के बीच दिल को झकझोर देने वाली इस घटना ने प्रदेश के अस्पतालों के खोखलेपन को नए सिरे से उजागर कर दिया है। 22 साल से जारी हवा हवाई दावों के बीच यह भी साफ हो गया है कि  जिला अस्पतालों में ततैया के काटे जाने का भी इलाज नहीं है। आपदा प्रबंधन व लोक निर्माण विभाग लाख दावे करे लेकिन बरसात के मौसम में 200 से अधिक सड़कें आज भी बंद हैं। ऐसे में बीमार को बेहतर अस्पताल (?) तक पहुंचाना भी टेढ़ी खीर के समान है। हेली एम्बुलेंस का भी ढोल बहुत पीटा जा रहा है लेकिन रितिक की मौत ने इन सभी दावों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

चूंकि, यह हादसा सीएम धामी के चम्पावत जिले में हुआ जिसको आदर्श जिला बनाने की कवायद भी जोर शोर से जारी है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के लिए भी रितिक की मौत कई सवाल छोड़ गई ।

पांचवी कक्षा में पढ़ रहे 10 साल के छात्र रितिक के गरीब माता-पिता को ततैया का डंक जिंदगी भर का दर्द दे गया… इधर सत्ता प्रतिष्ठान में मंथन जारी रहेगा..विपक्ष का हो हल्ला भी जारी रहेगा…हर दिन फिर नये नये दावे होंगे…रितिक की दर्दनाक मौत को भी लोग धीमे धीमे भूलते चले जाएंगे… हादसों की किसी नई कहानी का इंतजार रहेगा… जीवन चक्र यूँ ही चलता रहेगा.. हो सके तो बेटा रितिक हम उत्तराखंडियों को माफ कर देना.. ॐ  शांति..ॐ शांति..ॐ शांति…

राज्य सचिवालय- शासन- सत्ता की गतिविधियों का केंद्र बिंदु


पूर्व में ततैया काटने से हुई मौत व घायलों का विवरण

24 oct 2017- चम्पावत जिले में ततैया के काटने से दादी व पोते की मौत

चम्पावत :  ग्राम पंचायत बकोड़ा के गांव मोस्टा निवासी कमला देवी (70) पत्‍‌नी इंद्र सिंह अपने पोते रोशन के साथ एसबीआई  में वृद्धावस्था पेंशन लेने जा रही थी।

पहाड़ी चढाई पर थकने पर दादी व पोता  एक पेड़ के नीचे सुस्ताने लगे। इसी बीच, किसी जानवर ने पेड़ पर लगे ततैया के छत्ते को हिला दिया।  छत्ता दोनों के ऊपर गिर गया। ततैया के झुंड ने दोनों को काटा ।  घायल दादी की मौके पर ही मौत हो गई । पोता रोशन गंभीर रूप से घायल हो गया। गांव से अस्पताल की दूरी अधिक होने व कोई साधन उपलब्ध न होने के कारण रोशन को उपचार नहीं मिल सका और रात्रि दस बजे उसकी भी मौत हो गई।

15 सितम्बर 2020- रामनगर में 22 वर्षीय युवक की ततैया के काटने से मौत

रामनगर: जनपद नैनीताल जिले के राजस्व गांव तलिया के 22 वर्षीय युवक की ततैया के काटने से मौत हो गई.  हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे सामुदायिक स्वास्थ केंद्र कोटाबाग में भर्ती किया गया था. लेकिन सही इलाज नहीं मिला।

13 अक्टूबर 2018 -रामनगर की घटना

भवाली : भाजपा के मंडल कोषाध्यक्ष व रामगढ़ के ल्वेशाल गांव निवासी श्याम तिवारी पर ततैया के झुंड ने हमला कर दिया। वे खेत पर काम कर लौट रहे थे। आसपास उचित इलाज नहीं मिलने पर घायल श्याम तिवारी को अल्मोड़ा बेस अस्पताल ले जाने की तैयारी के बीच ही उनकी मौत हो गई। 50 वर्षीय श्याम तिवारी की छह बेटियां हैं।

श्याम तिवारी

22 जुलाई 2022 उत्तरकाशी की घटना

उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक के राइंका भंकोली में ततैया के काटने से विद्यालय के आठ छात्र-छात्राएं  घायल हो गयी

ग्राम पंचायत ढासड़ा व अगोड़ा गांव की छात्रा कोमल, मुस्कान, दिया, भूमिका, प्रियांशु, आंचल, प्राची व छात्र आनंद स्कूल की छुट्टी होने के बाद अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान ततैयों ने हमला कर घायल कर दिया।

उत्तरकाशी के अस्पताल में ततैया के डंक के शिकार छात्र छात्राओं का हुआ था इला

अप्रैल 2022 हिमाचल प्रदेश का आदेश

हिमाचल प्रदेश में मधुमक्खी, हॉर्नेट और ततैया के डंक से हुई मौतों  पर पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

Pls clik

मोहर्रम पर दून पुलिस का नया ट्रैफिक प्लान, इन जगह से डायवर्ट रहेगा

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

FacebookTelegramTwitterWhatsAppShare