मुख्यमंत्री ने रैणी एवं लाता गांव में राहत कार्य देखे, 32 शव बरामद, 174 लापता

रैणी क्षेत्र से 4, नंदप्रयाग के डिडोली और सैकोट के पास एक-एक शव बरामद। लापता दोनों पुलिसकर्मियों के शव बरामद

नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था को वर्तमान दायित्वों के अतिरिक्त Chief Spokeperson नियुक्त किया गया है। आपदा में लापता व्यक्तियों के परिजन मोबाइल नम्बर +91 7500016666 पर सम्पर्क कर सकते हैं

अविकल उत्त्तराखण्ड

जोशीमठ। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार सुबह आपदा प्रभावित सीमांत गांव रैणी एवं लाता जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए कि कनेक्टिविटीसे कट गए गांवों में आवश्यक वस्तुओं की कमी न रहे। रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में जोशीमठ ब्लॉक के लगभग 1 दर्जन गांवों का सड़क से सम्पर्क टूट गया था।

इधर, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के बुलेटिन के अनुसार घटना के बाद 32 शव मिल गए हैं जबकि 174 लोग अभी लापता हैं।

रैणी क्षेत्र से 4, नंदप्रयाग के डिडोली और सैकोट के पास एक-एक शव बरामद


एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीमें टनल में फंसे 35 से 40 लोगों के रेस्कयू में रात-दिन जुटी
जोशीमठ से श्रीनगर तक डीप डाइविंग टीम ने सर्चिंग, श्रीनगर में राफ्ट और मोटरबोट की सहायता से गई सर्चिंग
जिन गांवों से सड़क संपर्क टूट गया, उहें फिर जोड़ने के लिए वैली ब्रिज और ट्राली लगाने का काम तेजी से शुरू
नीति वैली मे क्षतिग्रस्त जिओ टावर सुचारू कर संचार सेवा बहाल की गई

चमोली/देहरादून। चमोली जिले के रैणी गांव में रविवार को आई प्राकृतिक आपदा में लापता लोगों का रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। मंगलवार को रैणी क्षेत्र से 4, नंदप्रयाग के डिडोली और सैकोट के टैटूणा के पास एक-एक शव बरामद हुए। रिस्क्यू टीमों ने मंगलवार शााम तक 32 शव बरामद कर लिए हैं। साथ ही 9 मानव अंग भी मिले हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीम टनल में फंसे 35 से 40 लोगों के रेस्कयू में रात दिन जुटी हुई है।

चमोली पुलिस के 2 पुलिसकर्मी हेड कांस्टेबल मनोज चौधरी एवं कांस्टेबल बलवीर सिंह गाड़िया जो तपोवन में डयूटी पर थे। सात फरवरी की आपदा में लापता हो गए थे।
दोनों पुलिसकर्मियों के शवों मिले हैं।

मंगलवार को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की रेस्क्यू टीमों ने रैणी, तपोवन, जोशीमठ रतूड़ा, गोचर, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर डेम जलभराव क्षेत्र, सहित अलकनन्दा नदी तटों पर अनेक स्थानों में शवों की तलाश की। जोशीमठ से रुद्रप्रयाग एवं रुद्रप्रयाग से श्रीनगर क्षेत्र में डीप डाइविंग टीम ने सर्चिंग की। श्रीनगर क्षेत्र में राफ्ट एवम मोटरबोट की सहायता से सर्चिंग की गई।
विद्युत परियोजना की जिस टनल में 35 से 40 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीम उस टनल में रास्ता बनाने में जुटी है। रात-दिन सुरंग से मलबा हटाकर रास्ता बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया स्वयं रेस्क्यू कार्यों की मानिटरिंग कर रही हैं।
आपदा से जिन गांवों से सड़क संपर्क टूट गया है, उन गांवों को फिर जोड़ने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वैली ब्रिज और ट्राली लगाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। नीति वैली मे क्षतिग्रस्त जिओ टावर को भी सुचारू कर संचार सेवा बहाल कर दी गई है।
लापता लोगो के बारे जानकारी के लिए जिला प्रशासन ने घटना स्थल तपोवन में पूछताछ केंद्र स्थापित किया है। तपोवन मे रेस्कयू कार्यो मे जुटी पूरी टीम एवं लापता लोगो के परिजनों के लिए जिला प्रशासन ने राहत शिविर लगाकर जलपान और भोजन की व्यवस्था की है।
जिला प्रशासन हैलीकॉप्टर से लगातार प्रभावित गांवों में राशन किट, मेडिकल एवं रोजमर्रा की सामग्री पहुंचाने में जुटा है। राशन किट में 5 किलो चावल, 5 किलो आटा, चीनी, दाल, तेल , नमक , मसाले आदि है।
प्रभावित क्षेत्र मे इधर-उधर फंसे लोगो को हैलीकॉप्टर से उनके गतंव्य तक भेजा जा रहा है। मंगलवार को जिला प्रशासन ने नीति वैली में फंसे 126 लोगों को हैलीकॉप्टर से रेस्कयू कर उनके गंतव्य तक पहुंचाया।

प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 190, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं।

बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं। एक हेलीकाप्टर द्वारा एनडीआरएफ की टीम औश्र 03 वैज्ञानिकों को भेजा गया है। स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 03 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं।  

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आईटीबीपी अस्पताल में आपदा में घायल हुए लोगों से मिलकर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से घायलों के इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त की।

गौरतलब है कि सोमवार देर सांय मुख्यमंत्री तपोवन जोशीमठ पहुंचे थे। वहां उन्होंने आपदा राहत कार्यों का जायजा लिया और राहत कार्यों में लगे सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही देर सांय विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे रेस्क्यू आपरेशन की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने तपोवन, जोशीमठ में ही रात्रि प्रवास किया था।  

अपनों को तलाशती निगाहें।

मंगलवार को भी सर्च व रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा

चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के तीसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा मे सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।

आपदा से 05 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 13 गांवों में बिजली प्रभावित हुई थी, इनमें से 11 गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है। शेष 2 गांवों में अभी लाईन क्षतिग्रस्त है। इसी प्रकार 11 गांवों में पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त हुई थीं, इनमें से 8 गांवों में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। शेष 03 पर भी काम चल रहा है।

नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था को वर्तमान दायित्वों के अतिरिक्त Chief Spokeperson नियुक्त किया गया है।

चमोली में आयी प्राकृतिक आपदा में अभी तक 197 लोग लापता हैं। जिन लोगों के परिचित लापता हैं वे नीलेश आनन्द भरणे, DIG Law and Order/प्रवक्ता उत्तराखंड पुलिस से मोबाइल नम्बर +91 7500016666 पर सम्पर्क कर सकते हैं। उन्हें व्हाट्स एप के माध्यम से इन 24 अज्ञात शवों की तस्वीरें भेजी जाएगी। आप उन तस्वीरों के माध्यम से उनकी शिनाख्त कर सकते हैं।

आपदा कैसे आयी और उसके बाद, pls clik

जोशीमठ- तपोवन में ग्लेशियर टूटा,ऋषिगंगा प्रोजेक्ट तबाह,देखें वीडियो

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