सीएम ने किया हवाई दौरा। कहा, बचाव कार्य जारी
ग्लेशियर टूटने से बीआरओ के 10 मजदूरों की मौत, 7 घायल, 391 सुरक्षित। सेना व आईटीबीपी के कैम्प में पहुंचे। 12 हजार फीट ओर हुआ हादसा
मुख्यमंत्री ने किया हवाई निरीक्षण। बचाव कार्य जारी।
अविकल उत्तराखण्ड
गोपेश्वर (चमोली)। भारत-चीन सीमा पर जोशीमठ के निकट सुमना क्षेत्र में ग्लेशियर की जद में आने से 10 लोगों के मरने की सूचना है। 391 व्यक्तियों को सेना ने सुरक्षित बचा लिया है तथा बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। ग्लेशियर टूटने से मरने वालों की संख्या अधिक होने का अनुमान है। ग्लेशियर टूटने से बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन के मजदूर मौके पर हताहत हुए हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज सुबह आपदा ग्रस्त इलाके का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि आपदा ग्रस्त क्षेत्र में जगह-जगह भारी मात्रा में बर्फ है। बीआरओ सड़क खोलने में जुटा है।
कल दोपहर में सुमना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के समीप ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया था।
शिविर में सड़क निर्माण में जुटे मजदूर, मशीन आपरेटर के अलावा सेना के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। हालांकि, शिविर में मौजूद लोगों की संख्या अभी साफ नहीं है। लेकिन, सेना का कहना है कि अभी कई लोग लापता हैं।
उधर, भारतीय सेना की सेंट्रल कंमाड की ओर से कहा गया है कि शुक्रवार को सेना द्वारा ग्लेशियर की जद में आए 391 लोगों को बचाया गया है। ये सब बीआरओ कैंप में थे। सभी सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सुमना में ग्लेशियर टूटने की घटना का गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लिया है और मदद का आश्वासन दिया है तथा साथ ही आईटीबीपी को सतर्क रहने का आदेश दिया है।
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