आपदा- ऋषिगंगा कैचमेंट में बनी विशाल झील, अति संवदेनशील गांवों के पुनर्वास को हरी झंडी, 15 भूकंप सेंसर होंगे स्थापित होंगे

अब तपोवन इलाके की ऋषिगंगा कैचमेंट में एक नया खतरा मंडराने लगा है। वाडिया के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऋषिगंगा के कैचमेंट एरिया रौंगथी में एक बड़ी झील देखी गयी है। झील से पानी की निकासी नही हो रही है। वाडिया के निदेशक डॉ कला साईं का कहना है कि झील में नया मलबा जमा है।लेकिन यह कहना कठिन है कि झील सात फरवरी की आपदा से पहले बनी है या बाद में। इसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी गयी है। स्थानीय ग्रामीणों ने यह सूचना दी थी। वाडिया की टीम ने दुबारा ऋषिगंगा कैचमेंट एरिया का हवाई सर्वे किया था। रौंगथी ग्लेशियर पर बनी झील की लंबाई व गहराई का आंकलन नही किया गया है।

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदाग्रस्त चार जिलों के संवेदनशील गांवों के परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन और पुनर्वास की अनुमति दी है। इसके लिए आपदा प्रबंधन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार मानक मदों के अनुसार धनराशि भी जारी करने की मंजूरी दी है।

        टिहरी जिले के अत्यधिक संवेदनशील ग्राम बेथाण नामे तोक के चार प्रभावित परिवारों के विस्थापन-पुनर्वास नीति के तहत विस्थापित करने के राज्य स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत चार परिवारों को नए स्थान पर पुनर्वास किया जाना है। इन परिवारों के भवन निर्माण, गौशाला निर्माण और विस्थापन भत्ता के लिए मुख्यमंत्री ने 17 लाख की धनराशि की संस्तुति की है। इनमें से दो परिवार वर्तमान में संयुक्त रूप से एक ही मकान में रहते हैं लेकिन विस्थापन में इन्हें अलग-अलग पुनर्वास की सुविधा मिलेगी।
       बागेश्वर जिले के तहसील कपकोट के अंतर्गत अत्यधिक संवेदनशील ग्राम मल्लादेश के चार परिवारों के आवासीय भवनों को खतरा उत्पन्न होने के कारण पुनर्वास किए जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। जिलाधिकारी बागेश्वर की ओर से 2018 की बरसात के दौरान इन परिवारों के मकान अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण अत्यधिक संवेदनशील की श्रेणी में आ गए थे। पुनर्वास नीति,2011 के अनुसार शासन को भेजे प्रस्ताव पर राज्य पुनर्वास समिति की बैठक में मुहर लग चुकी है।
        चमोली जिले के तहसील थराली के आपदा प्रभावित अति संवेदनशील ग्राम फल्दिया गांव के 12 परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किए जाने के लिए 51 लाख की धनराशि के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। इसमें पुनर्वास नीति के तहत मानक मदों के अनुसार प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख रुपए, गौसाला निर्माण के लिए 15 हजार तथा विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए की संस्तुति की गई है।
       चमोली जिले के ही तहसील गैरसैंण के आपदाग्रस्त ग्राम सनेड लगा जिनगोडा के प्रभावित परिवार के पुनर्वास के प्रस्ताव को भी उचित पाया गया। राज्य आपदा पुनर्वासन समिति की बैठक में पहले ही इस पर अनुमोदन दिया गया है। मुख्यमंत्री ने भी इस प्रस्ताव को सहमति देते हुए प्रभावित परिवार को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने की संस्तुति दी है।
       उत्तरकाशी के तहसील डूंडा के अत्यंत संवेदनशील ग्राम अस्तल के 30 प्रभावित परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 1 करोड़ 25 लाख 10 हजार की राशि के प्रस्ताव पर सहमति दी है। पुनर्वास नीति के तहत प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख, गौशाला निर्माण के लिए 15 हजार और विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए दिया जाएगा।

15 भूकंप सेंसर के लिए 45 लाख की मंजूरी


        मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के सहयोग से भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के संचालन पर होने वाले व्यय के लिए 45 लाख जारी करने पर सहमति दी है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव एस.ए. मुरूगेशन की ओर से इसका जीओ भी जारी कर दिया गया है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया था। राज्य में भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के क्रियान्वयन के लिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान रुड़की द्वारा 15 भूकंप सेंसर लगाए गए थे। जो वर्तमान में खराब हो गए हैं। इन्हें बदलने के लिए 45 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें यह साफ किया गया है कि इस धनराशि का गलत उपयोग होने पर निदेशक आईआईटी रुड़की का उत्तरदायित्व होगा।

स्कूल भवनों के निर्माण हेतु धनराशि स्वीकृत

      मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजकीय इंटर कॉलेज बगियाल विकास खण्ड थौलधार एवं राजकीय इंटर कॉलेज क्यारी में 2 कक्षा कक्षों के निर्माण हेतु कुल 84.56 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

तहसील भवनों के निर्माण को धनराशि मंजूर

       मुख्यमंत्री ने तहसील कीर्तिनगर की 6 राजस्व उप निरीक्षक चौकियों की मरम्मत एवं अवशेष निर्माण कार्यों हेतु 30.93 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही तहसील रानीखेत के क्षतिग्रस्त आवासों के पुनर्निर्माण, मरम्मत एवं तहसील के कॉफ्रेंस हॉल के निर्माण हेतु 4.14 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में एक करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।
      मुख्यमंत्री ने बंजारावाला में शहीद जीत बहादुर की स्मृति में निर्मित किये जाने वाले शहीद द्वार के निर्माण हेतु 28.99 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने श्रीनगर गढ़वाल में पार्किंग एवं ऑडिटोरियम के निर्माण हेतु 9.76 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने कपीरी छाँतेश्वर महादेव के सौन्दर्यीकरण एवं पैदल मार्ग निर्माण हेतु 46.15 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

टनकपुर नगरपालिका को स्वच्छता हेतु मिले 4.70 करोड़

      मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नगर पालिका परिषद टनकपुर कलस्टर की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना एवं विकेन्द्रीकृत सेग्रीगेशन हॉल निर्माण हेतु 4.70 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है।

औद्योगिक आस्थान रूद्रपुर एवं काशीपुर में  अवस्थापना सुविधाओं हेतु 3.97 करोड़ स्वीकृत

      मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने औद्योगिक आस्थान रूद्रपुर एवं काशीपुर से अवस्थापना विकास कार्यों हेतु 3.97 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा मेगा इंडस्ट्रियल व मेगा टेक्सटाईल नीति के तहत सिडकुल को 6 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन – भूमि हस्तान्तरण की दी स्वीकृति


        मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना हेतु जनपद रूद्रप्रयाग के ग्राम रतूड़ा में सुरंग/पोर्टल के निर्माण हेतु 1.455 हेक्टेयर भूमि भारतीय रेल को हस्तान्तरित करने की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उक्त योजना हेतु जनपद टिहरी गढ़वाल के अन्तर्गत ग्राम  लक्षमोली की 0.110 हेक्टेयर एवं रानीहार की 0.041 हेक्टेयर की अधिसूचना निर्गत करने की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

कोविड-19 के दृष्टिगत कुम्भ मेले में डी.आर.डी.ओ. बनायेगा 2 हजार बेड का अस्पताल

     कुम्भ मेला 2021 में कोविड-19 के दृष्टिगत दो हजार बेड का हास्पिटल डी.आर.डी.ओ. द्वारा निर्मित किया जायेगा। इसकी सहमति रक्षा मंत्रालय भारत सरकार से भी प्राप्त हो गयी है। इस सम्बन्ध में होने वाले एमओयू को मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इस हॉस्पिटल के निर्माण से कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चिकित्सा प्रबन्ध समिति के अधीन क्रियाधीन चिकित्सालयों के लिये आवश्यक व्यवस्थाओं के लिये 10 करोड़ की धनराशि अनुमोदित की है।

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