चार किमी इलाके में सड़क, खेत व मकानों में दो फीट तक दरारें,ग्रामीणों में दहशत
ऋषिकेश बाजार और ब्लॉक मुख्यालय यमकेश्वर से संपर्क टूटा
जोशीमठ के पगनौ गांव में भू धंसाव से शिफ्ट किये गए नौ परिवार
अविकल उत्तराखण्ड
पौड़ी/जोशीमठ। भारी बारिश से पौड़ी जिले के यमकेश्वर इलाके के गांव देवराना व ग्राम कसाण में भू धंसाव से सड़क व आवासीय मकानों में दरारें आ गयी है।
बारिश से हो रहे भू धंसाव से 40 परिवार प्रभावित हुए हैं । इनमें से 32 परिवारों को ग्राम में अन्य घरो में ही शिफ्ट कर दिया गया है। लगभग चार किमी के इलाके में सड़क, खेत व मकान धंसने की खबर से इलाके में हलचल मची हुई है।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि सोमवार को खान अधिकारी धंसाव के कारणों का पता लगाएंगे। डीएम को भेजी राजस्व हलके की रिपोर्ट (देखें नीचे) में भूगर्भीय सर्वेक्षण की सलाह दी गयी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के डांडामंडल क्षेत्र के देवराना में मूसलाधार बारिश के कारण कई मकानों में करीब दो फीट चौड़ी दरारें आ गई हैं और कई मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ग्रामीणों ने गांव के विस्थापन की मांग की है।
स्थानीय ग्रामीण राजेंद्र डोबरियाल ने अविकल उत्तराखंड को बताया, “दरारें आने के बाद गांव का मोटर मार्ग भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके कारण गांव का ऋषिकेश बाजार और ब्लॉक मुख्यालय यमकेश्वर से संपर्क कट गया है। गांव के ऊपरी और निचले हिस्से में जमीन डूब रही है, जिससे ग्रामीणों में दहशत है। ये दरारें तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गई हैं।
स्थानीय निवासी रूपेंद्र सिंह का घर क्षतिग्रस्त हो गया है। भूस्खलन की वजह से मकान के पीछे की पहाड़ी लगातार गिर रही है, जिससे चारों तरफ बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। वर्ष 2007 में बादल फटने के बाद एक ही परिवार के चार सदस्य मलबे में दब गए थे, लेकिन तब से वे विस्थापित नहीं हुए हैं।
उधर, पौड़ी जिले के यमकेश्वर तहसील के देवराना गांव में मूसलाधार बारिश के कारण कई मकानों में दरारें आने व ग्रामीणों की चिंता को देखते हुए प्रशासन के अधिकारी गांव में डेरा डाले हुए हैं।
जोशीमठ में दरारों का खतरा गहराया, नौ परिवार शिफ्ट
दूसरी ओर, जोशीमठ क्षेत्र के पगनौ गांव में भूस्खलन के बाद अचानक मकान ों में दरार आने के बाद प्रशासन ने नौ परिवारों को राहत शिविरों में भेज दिया है।
चमोली जिला प्रशासन के सूत्रों से मिली खबरों के अनुसार, “जोशीमठ से 25 किलोमीटर दूर पगनाऊ गांव में घरों में ताजा दरारें आने के कारण कई परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा, कुछ ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है, जबकि अन्य परिवार गांव के पास खेतों में गौशाला और टेंट में रह रहे हैं।
जोशीमठ, कर्णप्रयाग और कालसी में जमीन धसने के बाद अब जोशीमठ के पगनौ गांव के 9 परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया है। शनिवार को जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने गांव का दौरा किया और भूमि आपदा का जायजा लिया।
जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने “अविकल उत्तराखंड” को बताया कि पगनाउ गांव में 120 परिवार रहते हैं, जबकि भूमि आपदा के दायरे में आए 35 परिवारों को स्थानांतरित करने की तैयारी की जा रही है।
यमकेश्वर इलाके में भू धसंसाव व भूस्खलन के बाबत राजस्व विभाग की रिपोर्ट
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के कुछ जिलों खासकर देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत जिलों के कई इलाकों में 15 अगस्त तक रेड अलर्ट जारी किया है।
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