अविकल उत्तराखंड
देहरादून। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक महावीर बिष्ट ने गढ़वाल मंडल के समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में राजकीय शिक्षक संघ की सदस्यता व अधिवेशन आयोजित करने के सम्बन्ध में उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
पत्र में कहा गया है कि 28 फरवरी 2002 के नियमों एवं राजकीय शिक्षक संघ के संविधान / बायलॉज में विहित व्यवस्था के अनुसार निर्धारित शुल्क जमा करवाते हुये नियमानुसार सदस्य / प्रतिनिधि बनाने एवं समितियों के गठन की विधिवत् कार्यवाही सुनिश्चित की जाय तथा विशेष ध्यान रखा जाय कि प्रत्येक दशा में सेवा संघों की मान्यता नियमावली 1979 तथा राजकीय शिक्षक संघ के संविधान / बॉयलाज का अक्षरशः पालन किया जाय।
देखें मूल आदेश
पत्रांक / शिविर//713-21/15-क / रा०शि०सं० / 2022-23 दिनांक 21 मई, 2022 विषय- राजकीय शिक्षक संघ के अधिवेशन/सदस्यता के सम्बन्ध में।
महोदय,
उपर्युक्त विषयक निदेशक, माध्यमिक शिक्षा उत्तराखण्ड देहरादून के पत्रांक / सेवायें-2 / 3097-3100 /रा०शि०सं० / 2022-23 दिनांक 10 मई, 2022 जो कि अधोहस्ताक्षरी के साथ-साथ आपको भी पृष्ठांकित है का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके द्वारा अवगत कराया गया है कि विगत वर्षों में कोविड-19 महामारी के फलस्वरूप लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न होने के कारण राजकीय शिक्षक संघ के सदस्यों / प्रतिनिधियों का चयन / समितियों का गठन, उत्तर प्रदेश (सेवा संघों को मान्यता) नियमावली, 1979 तथा उत्तराखण्ड शासन के आदेश संख्या-166 / दिनांक 28 फरवरी 2002 के प्राविधानों के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त राजकीय शिक्षक संघ के संविधान / बॉयलाज के अनुसार लम्बे समय से विधिवत् सम्पादित नहीं हो पाये हैं।
उक्त संदर्भित पत्र में निदेशालय द्वारा निर्देशित किया गया है कि उत्तर प्रदेश (सेवा संघों को मान्यता) नियमावली, 1979 तथा उत्तराखण्ड शासन के आदेश संख्या – 166 / दिनांक 28 फरवरी 2002 के नियमों एवं राजकीय शिक्षक संघ के संविधान / बायलॉज में विहित व्यवस्था के अनुसार निर्धारित शुल्क जमा करवाते हुये नियमानुसार सदस्य / प्रतिनिधि बनाने एवं समितियों के गठन की विधिवत् कार्यवाही सुनिश्चित की जाय तथा विशेष ध्यान रखा जाय कि प्रत्येक दशा में सेवा संघों की मान्यता नियमावली 1979 तथा राजकीय शिक्षक संघ के संविधान / बॉयलाज का अक्षरशः पालन किया जाय।
राजकीय शिक्षक संघ की विधिवत् सदस्यता ग्रहण किये जाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये जिससे प्रत्येक शिक्षक / सदस्य को इसकी जानकारी प्राप्त हो सके तथा सदस्यों के पंजीकरण शुल्क का अभिलेखीकरण अवश्य कराया जाय एवं नियमानुसार प्राप्ति रसीद सदस्य को उपलब्ध करायी जाय। इस हेतु संगठन के प्रतिनिध / पदाधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। सदस्य बनाये जाने हेतु पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जाय तथा सदस्यता से सम्बन्धित कोष / राजकीय शिक्षक संघ के कोष का समय-समय पर ऑडित भी कराया जाय।
अतः निदेशालय से प्राप्त निर्देशों के क्रम में आपको निर्देशित किया जाता है कि उक्तानुसार अपने जनपद के अन्तर्गत राजकीय शिक्षक संघ की सदस्यता तथा सदस्यों के पंजीकरण विवरण / सूची का भली-भांति परीक्षण कराया जाय ताकि विद्यालय / विकासखण्ड / जनपद स्तर पर सदस्यता सम्बन्धी कोई विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो तथा इस हेतु पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जाय ताकि संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति हो सके।
इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित कर लिया जाय कि राजकीय शिक्षक संघ के संविधान के अनुसार सदस्यता घोषणा पत्रों के अनुरूप सक्षम स्तर से अनुमोदित सदस्यों की सूची तथा निर्धारित सभी स्तरों का नियमित शुल्क जमा करने का प्रमाण उपलब्ध होने के उपरांत ही ब्लॉक व जनपद अधिवेशन की अनुमति प्रदान की जाय तथा प्रधानाध्यापक / प्रधानाचार्यों को निर्देशित कर दिया जाय कि वे उन्हीं शिक्षकों को अधिवेशन / निर्वाचन में प्रतिभाग करने की अनुमति देंगे जो राजकीय शिक्षक संघ के सदस्य हैं, अन्य शिक्षक विद्यालय के पठन-पाठन का कार्य करेंगे। संलग्नक-यथोपरि
भवदीय,(महावीर सिंह बिष्ट),मण्डलीय अपर निदेशक (मा०शि०)


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