अविकल उत्तराखंड
देहरादून। NCERT के अपर निदेशक डॉ आर डी शर्मा ने मुख्य शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य डायट व जिला शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा को भेजे पत्र (17 अगस्त) में विद्यालयों के साथ स्थित Co located आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका के सफल संचालन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। Aanganbadi centers
देखें मूल आदेश
विषयः बालवाटिका कक्षाओं के सुचारू संचालन हेतु दिशा-निर्देश महोदय,
उपर्युक्त विषयक अवगत कराना है कि शासनादेश सं0 / 2318/XXIV-B-1/2022 31(01)/2022 दिनांक 12 जुलाई 2022 एवं शासनादेश संख्या / 1052 / XVII(4)2022-05(14)/2022 दिनांक 28 जुलाई 2022 के क्रम में प्राथमिक विद्यालयों में सहस्थित (Co-located) आंगनबाड़ी केन्द्रों में 5 से 6 आयुवर्ग के बच्चों हेतु बालवाटिका कक्षायें संचालित की गयी हैं ( संलग्नक) । बालवाटिका कक्षाओं के सफल संचालन हेतु एस०सी०ई०आर०टी० द्वारा शिक्षक हस्त पुस्तिका एवं अभ्यास पुस्तिकाएं (भाग – 1 स्वास्थ्य, भाग-2 संवाद, भाग-3 सृजन) तैयार की गयी हैं। अभ्यास पुस्तिकाओं में दी गई गतिविधियाँ तीन विकासात्मक लक्ष्यों को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है।
- बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली को बनाए रखना 2. बच्चों को प्रभावशाली संप्रेषक बनाना ।
- बच्चों का सीखने के प्रति उत्साह प्रदर्शित करना और अपने आस-पास के परिवेश से
जुड़ाव । बालवाटिका कक्षाओं में पठन-पाठन सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु प्राथमिक विद्यालयों में सहस्थित (Co-located) आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां एवं प्रधानाध्यापकों को निम्नवत
निर्देश/ परामर्श दिये जायं तथा इनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाय
बालवाटिका कक्षा के सभी बच्चों को तीनों अभ्यासपुस्तिकायें उपलब्ध करायी जाय। हस्तपुस्तिका में वार्षिक कैलेण्डर, साप्ताहिक कैलेण्डर एवं समय सारिणी दी गयी है। समय सारिणी के अनुसार साप्ताहिक कार्ययोजना तैयार की जाय ।
• प्रत्येक शनिवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां आगामी सप्ताह की कार्ययोजना तैयार करेंगी तथा प्रधानाध्यापिकाओं द्वारा कार्ययोजनानुसार गतिविधियों का निरीक्षण / अनुश्रवण किया जायेगा
• बालवाटिका कक्षा में अध्ययनरत बच्चों के साथ की जाने वाली गतिविधियां लचीली, खेल आधारित, गतिविधि आधारित, खोज आधारित होनी चाहिए। हस्तपुस्तिका में सीखने के प्रतिफल आधारित पाठ्यचर्या दी गयी है। शैक्षणिक वर्ष के अन्त
में प्रत्येक बच्चे को दिये गये प्रतिफलों को प्राप्त करवाया जाना आवश्यक है। हस्तपुस्तिका में विकास के विभिन्न आयामों यथा भाषायी, संज्ञानात्मक, सृजनात्मक, संवेगात्मक, शारीरिक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, सामाजिक एवं पर्यावरणीय विकास से सम्बन्धित गतिविधियां दी गयी हैं, जिनका उपयोग शिक्षण प्रक्रिया के दौरान किया जाना है।
• आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां हस्तपुस्तिका में दी गयी गतिविधियों के अतिरिक्त निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उससे सम्बन्धित अन्य गतिविधियां भी आयोजित कर सकती हैं।

बालवाटिका कक्षा में विभिन्न कॉर्नर बनाये जाने आवश्यक हैं यथा पजल कॉर्नर, रीडिंग
कॉर्नर, टॉय कॉर्नर आदि । • हस्तपुस्तिका में बच्चों के आकलन हेतु आकलन प्रपत्र दिया गया है। कार्यकर्त्री का दायित्व
है कि वे निरन्तर बच्चों का अवलोकन एवं बातचीत करके उनकी प्रगति अंकित करें।
• कार्यकत्रियों एवं प्रधानाध्यापिकाओं का दायित्व है कि वे बच्चों की प्रगति से माता-पिता/अभिभावकों को निरन्तर अवगत करायें और उनके साथ संवाद स्थापित करें तथा उन्हें शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी में आमंत्रित करें।
• गतिविधियों को कराते समय उसमें सभी बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित करें। • प्रधानाध्यापिकाओं एवं कार्यकत्रियां सर्वप्रथम बालवाटिका हस्तपुस्तिका तथा अभ्यास पुस्तिकाओं में दी गई गतिविधियों का भली भांति अध्ययन कर अपनी समझ विकसित कर लें तथा प्रधानाध्यापिकाएं गतिविधियों को करवाने में कार्यकत्रियां को सहयोग प्रदान करें।
अभ्यास पुस्तिकाओं में सम्मिलित गतिविधियों को सरलता से जटिलता के क्रम में रखा गया
है तदानुसार ही गतिविधियां करवायी जानी हैं। • बच्चों को अभ्यास पुस्तिकाएं दें और गतिविधि के बारे में बातचीत करें और उसके उपरान्त बच्चों को गतिविधि को पूरा करने के बारे में सरल और स्पष्ट निर्देश दें।
• अभ्यास पुस्तिका में दी गई गतिविधि को पूरा करने में बच्चों के प्रयास की प्रशंसा करें और बच्चों को गतिविधियों को पूर्ण करने हेतु पूरा समय दें।
• बच्चों को नकारात्मक टिप्पणियां न दें बच्चों को प्रोत्साहित करें।
अभ्यास पुस्तिकाओं में दी गई गतिविधियों को पूरा करने के लिए कार्यकर्त्रियां परिवेश में उपलब्ध सामग्री का उपयोग करें ।
अभ्यास पुस्तिका में दी गई गतिविधियों को बच्चों के सीखने की क्षमता के अनुसार दोहराया भी जा सकता है। संलग्नक – शासनादेश
भवदीय
1/17/08/2022 (डा. आर. डी. शर्मा)
अपर निदेशक
एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड

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