भ्र्ष्टाचार कथा- शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक का उपनिदेशक पद पर डिमोशन

स्कूलों में ई लर्निंग सामग्री खरीद में वित्तीय गड़बड़ी पायी गयी, देखें विस्तृत डिमोशन आदेश सिर्फ “अविकल उत्तराखण्ड” पर

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। धामी सरकार ने करप्शन के खिलाफ एक और कदम उठाया। गुरुवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संयुक्त निदेशक मदन सिंह रावत का उपनिदेशक पद पर डिमोशन कर दिया। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन की ओर से गुरुवार यह आदेश किये गए।

मदन सिंह रावत से ने 2018-19 के दौरान चौबट्टाखाल विधानसभा के 40 से ज्यादा स्कूलों के लिए ई लर्निंग सामग्री खरीद में भारी वित्तीय गड़बड़ी की थी। जांच में आरोपों को सही पाया गया था।

कुछ दिन पहले ही कुछ साल पहले रिश्वत का वीडियो जारी होने पर पौड़ी में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में एफआईआर भी हो चुकी है।

शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने बताया कि गजेटेड अधिकारी के खिलाफ लोक सेवा आयोग की संस्तुति पत्र के बाद डिमोशन की कार्रवाई की गई।

आदेश

कार्यालय आदेश
जिलाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के पत्र संख्या – 2231 / 18 विधायक निधि जांच / 2000 21 दिनांक 15.10.2020 के माध्यम से मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी द्वारा विधायक निधि योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र चौबट्टाखाल के विद्यालयों में ई लर्निंग (स्मार्ट क्लास) हेतु समाग्री खरीद में की गयी अनियमितता के संबंध में श्री पूरन सिंह नेगी, पूर्व प्रबन्धक जनता इण्टर कालेज जोगीमढ़ी के शिकायती पत्र दिनांक 07.03.2019 एवं दिनांक 16.07.2019 के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के पत्र संख्या-1218/18- वि०नि० दिनांक 25.07. 2019 के द्वारा प्रकरण की जांच हेतु 03 सदस्यीय जांच समिति गठित की गयी।
2- उक्त गठित जांच समिति के पत्र संख्या – 743 / जांच / विविध / दिनांक 22.06.2020 द्वारा जांच आख्या प्रस्तुत की गयी, जिसमें अधिप्राप्ति नियमावली, 2017 के अध्याय-1 के 3- अधिप्राप्ति के मौलिक सिद्धान्त के नियम 10 का स्पष्ट उल्लंघन किया जाना प्रतीत होने के दृष्टिगत तथ्यों / जांच रिपोर्ट के आधार पर श्री मदन सिंह रावत, तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु जिलाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल पत्र संख्या-2231/18- विधायक विधि-जांच / 2020-21 दिनांक 15.10.2020 द्वारा प्रकरण शासन को प्रेषित किया गया
3- प्रकरण उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, 2017 से संबंधित होने के दृष्टिगत वित्त विभाग का परामर्श प्राप्त किया गया। वित्त विभाग के परामर्श के क्रम में पत्र संख्या-957/XXIV-2 / 21-05 (09) / 2020 दिनांक 02.03.2021 द्वारा महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड को मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी एवं संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की भूमिका की जांच कराते हुए जांच आख्या उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं जिला विकास अधिकारी, पौड़ी की भूमिका की जांच हेतु पत्रावली ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड शासन को दिनांक 10.03.2021 को संदर्भित की गयी। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड द्वारा अपने पत्र संख्या – सेवा – 1 (प्रशा० ) / उ.शि.अ. / स्थानान्तरण / 272 / 2021-22 दिनांक 01.05.2021 में उल्लेख किया गया है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय, पौड़ी के स्तर से दिये गये निर्देशों का सम्बन्धित विद्यालयों के प्रधानाचार्यो द्वारा अनुपालन किया गया है। उक्त के अतिरिक्त अपर सचिव, ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड शासन के पत्र संख्या-14196 / 2021 दिनांक 11.11.2021 में उल्लेख किया गया कि जिला विकास अधिकारी, पौड़ी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गयी है।
4- महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा एवं ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी आख्या के क्रम में श्री मदन सिंह रावत, तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौडी गढ़वाल के विरुद्ध शासन के पत्र संख्या- 160 / XXIV 2 / 2022-05 (09) / 2020 दिनांक 22. 02.2022 द्वारा 04 विन्दुओं पर आरोप पत्र निर्गत किया गया। आरोप पत्र के सापेक्ष अपचारी अधिकारी श्री मदन सिंह रावत द्वारा दिनांक 11.03.2022 को अपना प्रत्युत्तर प्रस्तुत किया गया, जिसमें समस्त आरोपों को अस्वीकार किए जाने के दृष्टिगत शासन के पत्र
संख्या-50941/XXIV-2/2022-05(09) / 2020 दिनांक 19.07.2022 द्वारा द्वि-सदस्यीय जांच समिति गठित की गयी । जांच समिति द्वारा अपने पत्र संख्या-अवशोoप्रo/883/शिविर / जांच / 40 / 2022-23 दिनांक 16.09.2022 के द्वारा जांच आख्या उपलब्ध करायी गयी, जिसमें श्री मदन सिंह रावत, तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल के विरूद्ध गठित समस्त आरोपों की पुष्टि की गयी।
5- उक्त आरोपों की पुष्टि के क्रम में उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 यथासंशोधित 2010 के नियम – 9 (4) एवं कार्मिक विभाग के शासनादेश संख्या-1596/ कार्मिक-2/2002 दिनांक 08.01.2003 की व्यवस्थानुसार प्राप्त जांच आख्या को शासन के पत्र संख्या – 65825 / दिनांक-23 सितम्बर, 2022 के द्वारा अपचारी अधिकारी श्री मदन सिंह रावत को इस आशय से प्रेषित की गयी कि जाँच आख्या के सम्बन्ध में 14 दिन के भीतर अपना पक्ष उपलब्ध कराते हुए प्रत्यावेदन उपलब्ध करायें । तद्कम में उनके द्वारा अपना प्रत्यावेदन दिनांक 07.10.2022 को प्रस्तुत किया गया।
6- प्रकरण में आरोप पत्र के सापेक्ष अपचारी अधिकारी के प्रत्युत्तर जांच समिति द्वारा प्रेषित जांच आख्या एवं जांच आख्या के सापेक्ष अपचारी अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रत्यावेदन एवं समस्त संगत अभिलेखों के आलोक में अपचारी अधिकारी श्री मदन सिंह रावत, संयुक्त निदेशक, एस०सी०ई०आर०टी०, उत्तराखण्ड (तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी) को दोषी पाये जाने के दृष्टिगत “एक श्रेणी निम्नतर (उप शिक्षा निदेशक) पद पर अवनति करना।” का निर्णय लेते हुए उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) (संशोधन) नियमावली, 2010 के नियम – 5 के प्राविधानानुसार शासन के पत्र संख्या – 81073 / XXIV-2 / 2022 – 05 (09) / 2020 दिनांक 05.12.2022 के द्वारा मा० उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार के परामर्श / सहमति प्राप्त किए जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया, जिसके क्रम में मा० आयोग ने साक्ष्यों एवं अभिलेखों के आधार पर उक्त दण्ड पर पत्र संख्या – 248 / 24 / ई-1 / ए०डी०सी० / 2022-23 दिनांक 22.12.2022 द्वारा सहमति प्रदान की गयी।
अतः सम्यक विचारोपरान्त उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 ( यथासंशोधित) एवं उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार के पत्र संख्या-248/24/ई-1/ए0डी०सी०/2022-23 दिनांक 22.12.2022 के द्वारा दी गयी सहमति के क्रम में श्री मदन सिंह रावत, संयुक्त निदेशक, एस०सी०ई०आर०टी०, उत्तराखण्ड (तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल) को “एक श्रेणी निम्नतर (उप शिक्षा निदेशक) पद पर अवनति करना” किये जाने की श्री राज्यपाल स्वीकृति प्रदान करते हैं।
Signed by Raman Ravinath
Date: 22-12-2022 17:47:38

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