प्रतिष्ठित निजी स्कूल ने RTE के तहत अध्ययनरत निर्धन स्टूडेंट्स से शिक्षा सामग्री के नाम पर वसूल लिए थे हजारों रुपए
सूचना आयुक्त घिल्डियाल के फैसले के बाद निजी स्कूल व शिक्षा विभाग में हलचल
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। निजी स्कूल की मनमानी अवैध वसूली का भंडाफोड़। राज्य सूचना आयोग के एक कड़े फैसले के बाद स्थानीय प्रसिद्ध निजी स्कूल को शिक्षा सम्बन्धी सामग्री के नाम पर निर्धन छात्र छात्राओं से वसूले गए 87 हजार की रकम वापस करनी पड़ी।
सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र घिल्डियाल ने इस मामले की सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग को कड़े निर्देश दिए थे। निर्धन स्टूडेंट्स से वसूली के इस मामले में निजी स्कूलों व शिक्षा विभाग में हलचल मची हुई है।
अपने फैसले में सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र घिल्डियाल ने कहा कि आयोग शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से अपेक्षा करता है कि अपने अन्य दायित्वों के साथ वे आर०टी०ई० के तहत् अध्ययनरत छात्रों के हितों को ध्यान रखें तथा इस प्रकार के प्रकरण संज्ञान में आने पर निजी विद्यालयों पर उचित दण्ड की व्यवस्था करें।
गौरतलब है कि निजी विद्यालयों द्वारा आर०टी०ई० के तहत दाखिला प्राप्त छात्रों के अभिभावकों से शिक्षा संबंधी सामग्री के नाम पर मनमाने तौर पर पैसे वसूल किये जाने का प्रकरण सामने आया। अपीलार्थी धर्मेंद्र ठाकुर ने उप शिक्षा अधिकारी प्रा०शि० रायपुर, देहरादून से स्कॉलर्स होम, राजपुर रोड देहरादून विद्यालय से आरटीई के तहत् निःशुल्क पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से वसूल किए जाने वाले अतिरिक्त धनराशि के विषय में सूचना मांगी थी।
आयोग ने सुनवाई करते हुए 28 अक्टूबर को आदेश पारित किया था। आदेश में तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी / उप शिक्षा अधिकारी, प्रा०शि० रायपुर द्वारा पूर्ण व स्पष्ट सूचना न दिए जाने के कारण उन पर एक हजार का जुर्माना भी लगाया था।
इसके अलावा आयोग ने वर्तमान लोक सूचना अधिकारी / उप शिक्षा अधिकारी प्रा०शि० रायपुर को स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया था कि वे स्कॉलर्स होम, राजपुर रोड देहरादून विद्यालय द्वारा शिक्षा संबंधी सामग्री के सापेक्ष आर०टी०ई० में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से जो धनराशि वसूली गयी है, उसके संबंध में विद्यालय के रिकॉर्ड की पूर्ण जांच कर अपीलार्थी को जांच आख्या उपलब्ध कराएं।
इसके बाद उप शिक्षा अधिकारी प्रा०शि० रायपुर ने स्कॉलर्स होम, राजपुर रोड देहरादून विद्यालय के अभिलेखों की गहन जांच की । जांच में पता चला कि विद्यालय ने वास्तव में आर०टी०ई० में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से अध्ययन सामग्री (रिपोर्ट कार्ड, परीक्षा सामग्री, स्कूल कलेण्डर, स्कूल पत्रिका, परिचय पत्र आदि) के नाम पर मनमाना अत्यधिक पैसा वसूला है।
जांच के फलस्वरूप वर्ष 2015-2016 से वर्ष 2019-2020 एवं वर्ष 2020-2022 में 06 छात्र-छात्राओं से लगभग 87 हजार रुपए अध्ययन सामग्री के रूप में वसूले गए।
आयोग के आदेश के बाद स्कूल प्रबंधन ने संबंधित छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को वसूली गयी धनराशि वापस करनी पड़ी।
इस सम्बंध में मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ मुकुल सती ने उप शिक्षाधिकारी व स्कॉलर्स होम प्रबंधक व प्रिंसिपल को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था।
उप शिक्षा अधिकारी प्रा०शि० ने गत आदेश के अनुपालन में अपनी आख्या से आयोग को अवगत कराया है।