परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट पर अधिकारियों से जवाब तलब . डायट में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ प्रवक्ताओं के रिक्त पदों को शीघ्र भरें
विभाग को स्वीकृत बजट खर्च की धीमी गति पर भी जताई नाराजगी
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून, । शिक्षा मंत्री बहुत गुस्से में दिख रहे हैं। लगभग दस दिन पहले भारत सरकार द्वारा जारी विद्यालयों की परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट में पिछड़ने पर शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों से नाराजगी जताई।
गौरतलब है कि PGI रिपोर्ट में 37 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में उत्तराखंड का स्कूली शिक्षा में स्थान 35 रहा। इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी सरकार को बहुत घेर रहा है। और विभाग के तमाम दावे घव हवाई साबित हो रहे हैं।
उन्होंने पीजीआई स्कोर से संबंधी भारत सरकार के यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने व जिलों से समन्वय स्थापित करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिये। विभागीय मंत्री ने विभाग को आंवटित बजट को खर्च करने की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने शनिवार को शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ा में विभागीय समीक्षा बैठक में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक की परफाॅर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट में राज्य की कमजोर स्थिति पर विभागीय अधिकारियों से जवाब तलब किया।
उन्होंने कहा कि पीजीआई इंडिगेटर सम्बन्धी सभी ऑनलाइन व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाय ताकि शिक्षकों एवं छात्र-छात्रों की उपस्थिति सहित विद्यालयों का अन्य जरूरी डाटा भी ऑनलाइन उपलब्ध हो सके।
विभगीय मंत्री ने समीक्षा बैठक में प्रदेश भर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ प्रवक्ताओं के लम्बे समय से रिक्त चल रहे सैकड़ों पदों को शीघ्र भरने एवं डायट की नियमावली तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि डायट शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है जिनको एनईपी-2020 की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करने के लिये खुद को तैयार करना होगा। इसके लिये डायट की पृथक नियमावली एवं कैडर का बनाया जाना जरूरी है। विभागीय मंत्री ने विभाग को आंवटित बजट खर्च करने की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुये निर्माण एवं अन्य मदों में स्वीकृत धनराशि को समय पर खर्च करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक बेसिक वंदना गर्ब्याल, एपीडी समग्र शिक्षा डाॅ0 मुकुल सती सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
Minister got angry on the poor performance of Uttarakhand schools across the country
वर्ष 2019-20 की PGI रिपोर्ट में 752 मिले थे। वर्ष 2020-21 में यह स्कोर 33 अंक लुढ़ककर 719 पर आ पहुंचा है। 2017-18 में अंकों का यह स्कोर 704 और वर्ष 2018-19 में 712 पर था। खास बात यह की बीते वर्षों में 37 में से 27 राज्यों ने सुधार किया लेकिन खराब प्रदर्शन करने वाले 10 राज्यों में उत्तराखंड का नाम भी शामिल है।
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