लता जी ने सुने मन भरमैगे के बोल और कहा-मैं गाऊंगी ये गाना
गढ़वाली फिल्म रैबार के गीत के पहले बोल आए पसंद, फिर अच्छी लगी धुन
विपिन बनियाल/अविकल उत्तराखंड
-स्वर कोकिला भारत रत्न लता जी ने एकमात्र उत्तराखंडी गीत मन भरमैगे गाया है। इस गीत के बोल लता जी को बहुत पसंद आए थे। यही वजह है कि उन्होंने गाने के बोल सुनकर ही कह दिया था कि वह इस गीत को जरूर गाएंगी।
हालांकि, तब तक उन्हें यह पता नहीं था कि इस गीत की धुन किस तरह की होगी। धुन उन्होंने रिकार्डिंग वाले दिन ही स्टूडियों में रिहर्सल के दौरान सुनी। यह अलग बात है कि उन्हें धुन भी बेहद पसंद आई थी, लेकिन इस गीत से लता जी के जुड़ाव का सबसे पहला और मजबूत कारण देवी प्रसाद सेमवाल की कलम से निकले इस गीत के बोल ही थे।
इस गीत का कर्णप्रिय संगीत कुंवर सिंह बावला ने दिया था। बकौल देवी प्रसाद सेमवाल-मुझे और फिल्म के निर्देशक/हीरो सोनू पंवार को कहा गया था कि हम दोनों लता जी के घर जाकर उन्हें गीत के बोल सुना दें और अर्थ समझा दें। सेमवाल बताते हैं-मैने जब उन्हें गीत के बोल पढ़कर सुनाए और अर्थ बतलाया, तो लता जी बहुत खुश हुईं।
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उन्होंने कहा-यह गीत बहुत सुंदर है और मैं इसे गाऊंगी। फिर वह स्टूडियों में रिकार्डिंग के लिए आईं। संगीतकार कुंवर बावला ने उन्हें धुन सुनाई और उन्होंने खूब रिहर्सल करके इसे गा दिया। यह फिल्म वर्ष 1990 में रिलीज हुई थी, हालांकि गाने की रिकार्डिंग दो साल पहले ही कर ली गई थी। गीतकार देवी प्रसाद सेमवाल से बातचीत के आधार पर धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल के लिए एक खास वीडियो तैयार किया गया है। विस्तार से पूरी जानकारी के लिए आप यह वीडियो देख सकते हैं।
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