लता मंगेशकर व जसपाल सिंह ने रैबार को दी नयी पहचान
सरदार जसपाल सिंह का असरदार गढ़वाली रैबार
अविकल उत्तराखंड/विपिन बनियाल
-सरदार जसपाल सिंह तो याद हैं न आपकोे। वहीं, जो एक जमाने में सचिन की आवाज माने जाते थे। गीत गाता चल, तुलसी, नदिया के पार, अखियों के झरोखों में जैसे कई सुपरहिट फिल्मों के सुपरहिट गाने जसपाल सिंह ने ही गाए हैं। वर्ष 1990 में रिलीज हुई गढ़वाली फिल्म रैबार के तीन गानों में जसपाल सिंह की आवाज उत्तराखंडी सिनेमा के लिए किसी सौगात से कम नही है।

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किशन पटेल की यह फिल्म थी, जिसके निर्देशक और हीरो सोनू पंवार थे। गीत देवी प्रसाद सेमवाल ने लिखे थे और संगीत कुंवर बावला ने दिया था। ये वो ही फिल्म है, जिसमें स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने मन भरमैगे वाला गीत गाया है। जसपाल सिंह शुरू में यह समझ रहे थे कि रैबार कोई गुजराती फिल्म है। इसकी वजह ये थी कि निर्माता किशन पटेल गुजराती थे और जसपाल सिंह के अच्छे परिचित थे। बाद में जसपाल सिंह को जानकारी हुई कि गढ़वाली में रैबार के मायने हैं संदेश।


जसपाल सिंह ने इस फिल्म के लिए तीन अलग अलग मूूड के गाने गाए हैं। एक गाना उत्तराखंड की अहमियत को सामने रखता है, तो दूसरा रोमांटिक युगल गीत है। तीसरा गीत बेटी की विदाई पर सेड सांग है। कुंवर बावला बताते हैं कि जसपाल सिंह के निवास पर ही जाकर उन्होंने गानों की प्रैक्टिस कराई थी।


जसपाल सिंह उम्रदराज हो गए हैं, लेकिन उन्हें यह याद है कि रैबार फिल्म में उन्होंने गाना गाया था। रैबार और जसपाल सिंह के कनेक्शन की विस्तृत कहानी धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल पर उपलब्ध है। इसे आप वहां पर देख सकते हैं।
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