उत्तराखंड में 3.30 लाख स्मार्ट मीटर लगने के बाद लगी रोक

किरकिरी..फजीहत..यूपीसीएल बैकफुट पर

शिकायतों ने खोली पोल, कई छेद पाए गए स्मार्ट मीटर में

देखें रोक का आदेश

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। भारी प्रचार प्रसार के बावजूद खराब स्मार्ट मीटर विभाग के गले की हड्डी बनते जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर में तमाम प्रकार की गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद सम्बंधित विभाग यूपीसीएल कठघरे में खड़ा है।

विभाग से जुड़े कई उच्च पदस्थ अधिकारी उपभोक्ताओं की शिकायतों को लगातार अनसुनी करते हुए अपने मन की कर रहे थे। इस शर्मनाक गड़बड़ एपिसोड के ‘अलंबरदारों’ ने भाजपा सरकार की भी फजीहत करवा दी। समय रहते कारगर कदम उठा लिए जाते तो आज किरकिरी का सामना नहीं करना पड़ता।
ऊर्जा विभाग में पदस्थ अधिकारियों की ताजपोशी को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं।

उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं की लगातार बढ़ती नाराजगी और सोशल मीडिया से सड़क तक उठते विरोध के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार और यूपीसीएल हरकत में आ गए हैं। ऊर्जा निगम ने राज्यभर में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

हैरानी की बात यह है कि यह निर्णय तब लिया, जब प्रदेश में 3.30 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर पहले ही इंस्टॉल किए जा चुके हैं। निगम के नए आदेश ने साफ कर दिया है कि उपभोक्ताओं की शिकायतें झूठी या बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई नहीं थीं, बल्कि स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता, रीडिंग और बिलिंग को लेकर गंभीर खामियां मौजूद थीं।

स्मार्ट मीटरों को लेकर महीनों से उठ रहे सवाल आखिरकार सही साबित हुए हैं। यूपीसीएल ने आधिकारिक आदेश जारी करते हुए राज्य में स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन पर रोक लगा दी है। प्रबंध निदेशक अनिल यादव के निर्देश के अनुसार जहां भी गलत रीडिंग, तकनीकी त्रुटि या उपभोक्ता की आपत्ति मिलेगी, वहां मौजूदा स्मार्ट मीटर हटाकर नया तकनीकी रूप से उपयुक्त मीटर लगाया जाएगा।

मुख्य अभियंता बीएमएस परमार ने स्पष्ट किया है कि सभी शिकायतों की गंभीर समीक्षा की जाएगी और फील्ड अधिकारी खुद मौके पर जाकर निस्तारण करेंगे। अब उपभोक्ताओं को बिल सही है, मीटर ठीक है जैसे औपचारिक जवाब नहीं मिलेंगे।
आदेश में पहली बार यह स्वीकार किया है कि दोष उपभोक्ता का नहीं, बल्कि मीटर और सिस्टम का भी हो सकता है। इससे लाखों उपभोक्ताओं के उन सवालों को मजबूती मिली है, जो लंबे समय से नजरअंदाज किए जा रहे थे।

आखिर इतनी देर क्यों जागा निगम?

ऊर्जा निगम के भीतर सूत्र बताते हैं कि बीते कुछ महीनों में स्मार्ट मीटरों को लेकर शिकायतों का अंबार लग गया था। कई उपभोक्ता तीन-चार गुना बढ़े हुए बिल के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे थे।

विधायक, पार्षद, जनप्रतिनिधि लगातार मीटरों की खराबी की बात उठा रहे थे, लेकिन निगम ने अब तक मीटर में गलती नहीं का रटा-रटाया जवाब ही दिया। बताया जा रहा है कि विभिन्न जिलों से मिली रिपोर्टों में मीटरों की तकनीकी कमियां उजागर हुईं—कहीं गलत रीडिंग, कहीं बैकएंड डेटा सिंकिंग खराब, तो कई स्थानों पर पूरे सिस्टम की त्रुटियां सामने आईं।

इन बढ़ती शिकायतों ने दबाव बनाया, जिसके बाद निगम को आदेश जारी करने पड़े। विशेषज्ञों का कहना है कि परियोजना को जल्दबाजी में लागू किया गया, फील्ड टेस्टिंग कमजोर थी और ठेकेदारों की मॉनिटरिंग भी सवालों में है। अब 3.30 लाख मीटर लगने के बाद रोक लगाना इस बात का संकेत है कि सिस्टम शुरू से ही मजबूत नहीं था। इससे उन हजारों उपभोक्ताओं को राहत मिलने की संभावना है, जो अब तक बढ़े हुए बिलों के सामने बेबस थे।

गौरतलब है कि रुद्रपुर से कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ ने स्मार्ट मीटर को खुलेआम तोड़ कर सम्बंधित कंपनी को भगा दिया था। कांग्रेस का आरोप है कि देश के प्रसिद्ध उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।

नए आदेश के बाद उपभोक्ताओं को यह अधिकार मिला है कि—

  • गलत बिल आने पर तकनीकी जांच की मांग कर सकें।
  • स्मार्ट मीटर की खराबी साबित होने पर मीटर बदलवाएं।
  • फील्ड अधिकारी मौके पर जांच करेंगे, केवल कागजी जवाब नहीं दिया जाएगा।
  • उपभोक्ता आदेश की कॉपी दिखाकर अधिकारियों से जवाबदारी तय कर सकेंगे।

बड़े सवाल जो अभी भी अनुत्तरित हैं-

  • गलत मीटर लगाने की जिम्मेदारी किसकी?
  • क्या ठेकेदारों की जांच होगी?
  • क्या पहले से लगे 3.30 लाख मीटरों का ऑडिट होगा?
  • उपभोक्ताओं को गलत बिलों का क्या मुआवजा मिलेगा?
  • मीटरों से हुए अधिक बिल का समायोजन कैसे होगा?

देखें रोक का आदेश

कारपोरेशन लि०

Uttarakhand Power Corporation (A. Govt. of Uttarakhand Undertaking)

पत्रांक 5775 / नि० (परिचालन) / उपाकालि / Smart Met दिनांक 22/11/2025

अधीक्षण अभियन्ता एवं सी०ई०ओ० (स्मार्ट मीटरिंग),

उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि०,

विद्युत वितरण मण्डल,

विषयः- स्मार्ट मीटरों की स्थापना के सम्बन्ध में।

उपरोक्त विषयक अवगत कराना है कि स्मार्ट मीटरों के कार्यों की समीक्षा के सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक महोदय, उपाकालि की अध्यक्षता में दिनांक 22.11.2025 को आहूत बैठक में स्मार्ट मीटरों के सम्बन्ध में विभिन्न जनप्रतिनिधियों व उपभोक्ताओं से प्राप्त हो रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए प्रबन्ध निदेशक महोदय द्वारा निर्देशित किया गया है कि जब तक स्मार्ट मीटर सम्बन्धी समस्त शिकायतों का निस्तारण नहीं हो जाता है तब तक मीटर बदलने के कार्य तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाये तथा एन०एस०सी० व आई०डी०एफ० मीटरों को बदलने सम्बन्धी कार्यों पर ही स्मार्ट मीटर मीटर स्थापित किये जाये।

इस सम्बन्ध में आपको निर्देशित किया जाता है कि उक्त निर्देशों का कठोरतापूर्वक अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। इस हेतु उपखण्ड स्तर पर स्मार्ट मीटरों से सम्बन्धित शिकायतों के निस्तारण के सम्बन्ध में ‘विशेष मेगा कैम्पों का आयोजन किया जाये, जिसमें ए०एम०आई०एस०पी० के कार्मिक अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करेंगे।

इस हेतु क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ताओं का दायित्व होगा कि वे अपने क्षेत्र से सम्बन्धित शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित करने के पश्चात् मुख्यालय को अवगत करायेंगे तथा उसके उपरान्त ही मीटरों को स्मार्ट मीटरों से बदने का कार्य पूनः

प्रारम्भ किया जायेगा। (बी०एम०एस० परमार) मुख्य अभियन्ता (सम्बद्ध) निदेशक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *