अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। दिसम्बर की ठंड और नर्म धूप।ओल्ड मसूरी रोड में पूर्व सीएम हरीश रावत का ठिकाना एक बार फिर गुलजार।
माल्टा प्रतियोगिता और बिछू घास (कंडाली)की गर्मागर्म पकौड़ी। लक्सर का गुड़ और अरबी के गुटके और उत्तराखंडी व्यंजन। अमरूद,नीम्बू भी। कुछ खट्टा कुछ मीठा।
अपने अध्यक्ष प्रीतम भी आये और आये कई अन्य जागरूक चिर परिचित। दोनों ने साथ साथ माल्टा का रसास्वादन किया। विषय कोई राजनीतिक नहीं। बसस ठंड के मौसम में पहाड़ी माल्टा खाने का कम्पटीशन। इस मिठास खटास में गायिका प्रियंका मेहरा ने लोगों का दिल जीता। जाड़ों की नरम धूप में सुर, संगीत, पहाड़ी स्वाद और हरदा की पार्टी के हमजोलियों के साथ खूब हंसी फव्वारे और ठहाके लगे। पल भर को सर्द हवा और धूप के बीच कोरोना की दहशत भी फना हो गयी।
माल्टा खाओ प्रतियोगिता में जमकर लोगों ने अपना कौशल दिखाया। सुर संगम और तालियों की हौसला अफजाई के बीच कुल 29 प्रतियोगियों ने विटामिन सी से भरपूर पहाड़ी माल्टा पर हाथ आजमाया। समय था कुल तीन मिनट।
पुरुष वर्ग में प्रथम शिवाजी तिवारी तीन मिनट में 46 माल्टा खा गए। दूसरे नंबर पर रहे पंकज 33 माल्टा, दिवाकर 32 माल्टा खाकर तीसरे स्थान पर रहे।
महिला वर्ग में प्रथम मीना बिष्ट ने 26 माल्टा व उर्मिला थापा ने 26 माल्टा, रेखा डिंगरा ने 25 माल्टा व तृतीय जसबीर कौर ने 18 माल्टा गले के नीचे उठाते।
माल्टा प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक राजकुमार, प्रभुलाल बहुगुणा, मनमोहन मल्ल, नरेन्द्र सिंह बिन्द्रा, जोत सिंह बिष्ट, सतपाल ब्रहमचारी, गोदावरी थापा थापली आदि ने पुरुस्कार वितरित किये।
माल्टा प्रतियोगिता के साथ-साथ अन्य उत्तराखण्ड़ी व्ंयजनो की दावत में बिच्छू घास के पकौड़ी (कण्ड़ाली), लक्सर का गुड़ व चाय, रेशम माजरी की मटर, अमरुद, अरबी के गुटके आदि सहित कई व्यजंन ठंड में गर्मी का अहसास दिला रहे थे। दावत में विभिन्न राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व ट्रेड़ यूनियन से जुडे हुए कई लोगो ने उपस्थिति दर्ज कर सियासत की दीवारों को ध्वस्त किया।
दावत के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी बात भी कही। लक्सर के गुड़ की चाय से उठती भाप के बीच अपनी सरकार की।कामयाबी की भी याद दिलाई।सूरज ने थोड़ी गर्मी दिखा मौसम को चटख बनाया तो हरदा भी रौ में बहे। डबल इंजन की सरकार को खट्टा खट्टा करार दिया। कहा कि मेरा फोकस स्थानीय उत्पाद मड़ुवा, झंगोरा, गहत, गलगल, माल्टा, नींबू सहित स्थानीय शिल्प व परिधान पर रहा है …राष्ट्रपति भवन तक हमारे झंगोरे की खीर पहुॅच गई है …मुझे आशा है कि हमारे स्थानीय उत्पाद, शिल्प, परिधान को प्रोत्साहन देने में सभी लोगों का सहयोग मिलेगा। बिच्छू घास की पकौड़ी और हाथ में माल्टा लिए कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर छोटे-छोटे कई कदम उठाये थे जिन का लाभ राज्य को मिला भी है परन्तु उनमें से कई योजनाओं पर काम का रोका जाना राज्य हित में नही है । कहा कि 2017 में जब सत्ता छोड़कर गये थे तो राज्य का राजस्व 19.5 प्रतिशत था। बेरोजगारी की दर 2.5 प्रतिशत थी परन्तु आज 7-9 प्रतिशत हो गई है । उन्होने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति कोविड़ के प्रभाव से पूर्व ही खराब हो गई थी डब्ल इंजन का लाभ आज तक भी राज्य को नही मिल पाया है।
कुल मिलाकर दिसम्बर व कोरोना की मार के बीच सर्द सुहावनी व गुनगुनी धूप में मसूरी की तलहटी ओल्ड मसूरी रोड में संगीतमय माल्टा व बिच्छू घास की पसकौड़ी के बहाने हरीश रावत सियासत न करते हुए भी खट्टा मीठा अहसास तो कर ही गए…
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