समाज व सरकार के सहयोग से लोकभाषाओं का संवर्द्धन सम्भव


श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय व शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

लोकभाषाओं के सरंक्षण एवम् संवद्धन पर सरकारों
व आम जन को करने होंगे भगीरथ प्रयास

अविकल उत्तराखंड


देहरादून। लोकभाषाओं के संरक्षण एवम् संवद्धन पर सरकारों, जन सरोकारों से जुड़ी संस्थानों व आमजन को भगीरथ प्रयास करने होंगे। आज कई लोकभाषाएं लुप्त होने के कगार पर हैं। यदि समय रहते भी न चेते तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह लोकभाषाएं मात्र इतिहास बनकर रह जाएंगी। यह बात श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय एवम् वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर विशेषज्ञों ने कही।


मंगलवार को संगोष्ठी के अंतिम दिन स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी के पूर्व महानिदेशक डॉ राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि विज्ञान से जुड़े विषयों को हिन्दी मंे भी पढ़ाया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार व शिक्षा संस्थानों द्वारा सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं, यह लोकभाषा के अस्तित्व से जुड़ी महत्वपूर्णं पहल है। यह व्यवस्था वृहद स्वरूप मंे लागू हो जाने पर छात्र-छात्राओं को व्यापक लाभ मिलेगा।


श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की चीफ एडिटर पब्लिकेशन इनोवेशन एण्ड इन्क्यूबेशन सेंटर एवम् समन्वयक इंटरप्रिन्योरशिप सैल एवम् संगोष्ठी की समन्वयक प्रोफेसर डॉ पूजा जैन ने जानकारी दी कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में कार्य रहा है। हिन्दी शब्दावाली के वैज्ञानिक प्रयोग को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत कौशल विकास पर आधारित पाठ्यक्रमों के समावेश की बात कही गई है, इसके अनुपालन में एसजीआरआर विश्वविद्यालय कई विषयों में कौशल विकास एवम् गुणवत्तापूर्णं शिक्षा पर आधारित विशेष पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं।


वैज्ञानिक एवम् तकनीकी शब्दावाली आयोग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के वैज्ञानिक अधिकारी एवम् संगोष्ठी प्रभारी इंजीनियर जय सिंह रावत ने तकनीकी शब्दावली निर्माण सिद्धांत व प्रयोग की पद्धति को विस्तार पूर्वक समझाया। प्रो. डॉ. होशियार सिंह धामी ने पूर्व कुलपति कुमाउं विश्वविद्यालय ने विश्व स्तर पर प्रचलित विभिन्न सिद्धांतांे का उपयोग कर विश्वस्तर पर एक नई शब्दावली निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने फार्मुला प्रस्तुत करते हुए यह पक्ष रखा कि सभी देश इस बहुउद्देशयी शब्दकोष पर स्वीकार्यता भी प्रदान करें।


कार्यक्रम के दूसरे दिन के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार, कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि, निदेशक उत्तराखण्ड साइंस एजुकेशन एण्ड रिसर्च सेंटर, डिपार्टमेंट ऑफ इन्फॉरमेशन एण्ड साइंस टैक्नोलॉजी, भारत सरकार डॉ अनीता रावत ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि अशोक कुमार ने अपने सम्बोधन ने श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय एवम् एसजीआरआर संस्थानों द्वारा प्रदान की जा रही गुणवत्तापरक शिक्षा की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने सभी फैकल्टी सदस्यों का आह्वाहन किया कि समाज को नशा मुक्त बनाने में हम सभी को अग्रणी भूमिका निभानी है। इनोवेशन एण्ड इन्क्यूबेशन सेंटर, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. डॉ द्वारिका प्रसाद मैठाणी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।


कार्यक्रम में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ उदय सिंह रावत, डीन आईटी डॉ पारुल गोयल, डॉ प्रशांत सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, डीएवी पीजी कॉलेज, देहरादून ने भी विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ दीपक साहनी, डॉ आर.पी. सिंह, डॉ मनोज गेहलोत, डॉ मनवीर सिंह नेगी, डॉ बिंसी पोथन, डॉ शीबा फिलिप, डॉ प्रियंका बनकोटी, डॉ दीपक सोम, डॉ पंकज चमोली, डॉ दीपिका जोशी सहित सभी संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, फेकल्टी एवम् छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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