हाईकमान जहां से लड़वायेगा वहीं से लड़ूंगा-सीएम तीरथ
सीएम तीरथ के दिल्ली दौरे के बाद उत्त्तराखण्ड में राजनीतिक कुहासा गहराया
प्रदेश भाजपा के बड़े नेता ने कहा कुछ भी हो सकता है। नया सीएम का आगमन भी सम्भव। तीन- चार दिन में हो जाएगा फैसला
उपचुनाव की संभावना के अलावा अन्य विकल्पों पर भी हुआ मंथन
गुरुवार को भी दिल्ली में रहेंगे सीएम तीरथ
उत्त्तराखण्ड में तो फोग चल रहा बल्ल
अविकल उत्त्तराखण्ड
नई दिल्ली। उत्त्तराखण्ड का मौसम भी तप रहा है और राजनीति भी। और जब दिन में शासन से जुड़े एक अधिकारी से बातचीत में यह सवाल उभरा कि क्या चल रहा है तो ठहाके के साथ उछलता हुआ सधा से जवाब मिला कि..उत्त्तराखण्ड में तो फोग चल रहा…21 साल से राजनीति में सतत छाया यह फोग..यह धुंध कब हटेगी.. कब छंटेगी.. पूरी बातचीत इसी पर केंद्रित हो गयी।
बहरहाल, जारी राजनीतिक फोग के बीच रामनगर की चिंतन बैठक में घण्टों मंथन के बाद सीएम तीरथ रावत दिल्ली बुधवार दोपहर दिल्ली पहुंचे। लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात देर रात हुई। पुष्ट सूत्रों के मुताबिक देर रात 11.45 से 12.45 तक दोनों के बीच गंभीर चर्चा हुई।
मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में सीएम तीरथ के उपचुनाव के बाबत चर्चा हुई। चूंकि केंद्रीय चुनाव आयोग ने कोरोना महामारी को देखते हुए देश भर के सभी उपचुनाव स्थगित किये हुए हैं। ऐसे में सीएम तीरथ रावत के 10 सितम्बर से पहले उपचुनाव लड़ विधायक चुने जाने पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
कोरोनाकाल की बाध्यता व संविधान के नियमों के मुताबिक सीएम तीरथ के चुनाव लड़ने में आ रही कानूनन दिक्कतों को देखते हुए पार्टी अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है। इन्हीं मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व विधिक राय भी ले रहा है।
विधिक राय लेने के बाद पार्टी केंद्रीय चुनाव आयोग को सीएम की सीट पर उपचुनाव की अनिवार्यता का हवाला देते हुए अपने तर्क रखेगा। कोरोना को देखते हुए इसमें वर्चुअल चुनावी मीटिंग का विकल्प भी पार्टी की ओर से आयोग को दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक कोरोना लहर समेत संविधान में उल्लिखित जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं के आधार पर सीएम तीरथ के चुनाव लड़ने में अड़चन कायम रही तो फिर नये मुखिया की तलाश की जाएगी।
नाम नहीं छापने की शर्त पर भाजपा में अहम जिम्मेदारी संभाल रहे नेता का कहना है कि चुनाव लड़ने में आ रही तकनीकी दिक्कतों की वजह से कुछ भी हो सकता है। आने वाले तीन चार दिन बहुत खास है। अगर सीएम के चुनाव लड़ने का कोई रास्ता नहीं निकला तो विधायकों में से नये सीएम का चुनाव किया जाएगा। और यह भी डीऍक किया कि नया सीएम विधायकों में से ही चुना जाएगा। ऐसे में तीरथ सिंह रावत फिर से सांसद की भूमिका में आ जाएंगे।
गौरतलब है कि तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को शपथ ग्रहण की थी। 2 मई को बंगाल चुनाव में ममता की बम्पर जीत के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने मई के पहले सप्ताह में लोकसभा व विधानसभा के सभी उपचुनाव स्थगित कर दिए थे। तर्क कोरोना संक्रमण का दिया गया था।
बुधवार की आधी रात तक चले नड्डा-तीरथ मंथन के बाद चुनावी कुहासा छंटने की उम्मीद है। सीएम तीरथ गुरुवार को भी दिल्ली में रहेंगे। आज भी कई महत्वपूर्ण लोगों से चर्चा होनी है। उनके साथ प्रमुख सलाहकार शत्रुघ्न सिंह भी साथ गए हैं।
सीएम के दिल्ली दौरे से प्रदेश में गंगोत्री उपचुनाव के साथ नये सीएम को लेकर भी अटकलें तेज हो गयी है। हालांकि, रामनगर की चिंतन बैठक के दौरान सीएम तीरथ कह चुके है कि हाईकमान जहां से भी कहेगा वहीं से चुनाव लड़ूंगा…तीरथ समर्थक भी नये सीएम कु ताजपोशी को सिर्फ अफवाह करार दे रहे हैं…बहरहाल, नड्डा के साथ मिडनाइट गुफ्तगू के बाद भी राजनीतिक आकाश में फिलवक्त फोग अभी कायम है…
अड़चन यह भी है
उत्तराखंड में उपचुनाव कराने में एक और समस्या यह है कि चुनाव आयोग को 25 अन्य विधानसभा सीटों, तीन संसदीय सीटों और एक राज्यसभा सीट पर चुनाव कराना होगा, जिसे महामारी के कारण लंबित रखा गया है.
खाली सीटों में से छह उत्तर प्रदेश में हैं, जहां 2022 में उत्तराखंड के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं.
जानकारों ने कहा, ‘आप एक राज्य में उपचुनाव कराने और दूसरे राज्य में नहीं कराने को सही नहीं ठहरा सकते. उत्तराखंड में उपचुनाव कराने से पहले आयोग को कई फैक्टर पर ध्यान देना होगा.
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