प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट व संगठन महामंत्री अजय कुमार ने सीएम धामी से सचिवालय में बंद कमरे में कई गुफ्तगू.
दिल्ली से लौटकर कैबिनेट में बदलाव के सवाल को टाल गए सीएम धामी.
विधायक दिलीप रावत, रेनू बिष्ट व अरविंद पांडेय भी मिले.
गड़बड़ी पाए जाने पर विस भर्तियां निरस्त हों.धामी
अविकल थपलियाल / अविकल उत्तराखंड
देहरादून। नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सीएम धामी के दून पहुंचते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी। सीधे सचिवालय पहुंचे सीएम से संगठन व पार्टी विधायकों की मुलाकात से सत्ता के गलियारों में विशेष हलचल देखी गयी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, संगठन मंत्री अजय कुमार व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सचिवालय में सीएम धामी से मौजूदा परिदृश्य पर गहन मंथन किया। चारों नेताओं की बन्द कमरे में 1 घँटे तक गुफ्तगू चली।
सूत्रों के मुताबिक विधानसभा भर्ती घोटाले की आने वाली जांच रिपोर्ट के बाद सरकार की ओर से उठने वाले फैसलों पर भी मंथन किया गया। दिल्ली से लौटते ही संगठन व सीएम की तत्काल मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि भर्ती घोटाले के बाद बिखरे रायते को समेटना सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है। दिल्ली से मिले संकेतों के बाद संगठन व सरकार की इस बन्द कमरे की बैठक में भविष्य के प्लान पर एकराय बनाने की कोशिशें हुई।
इसके अलावा सचिवालय में लैंसडौन से भाजपा विधायक दलीप रावत , रेणु बिष्ट व अरविंद पाण्डेय ने भी सीएम से मुलाकात की। और भर्ती घोटाले के बाद उपजी राजनीतिक परिस्थितियों पर फीडबैक दिया। हालांकि, तीसरी बार चुनाव जीते दलीप रावत का कहना था कि वे क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर सीएम से मिले थे।
आज ही सीएम ने मीडिया से बातचीत में यह भी साफ किया कि विधानसभा में की गई बैकडोर भर्तियों को निरस्त होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि घपले की खबर मिलते ही उन्होंने विस अध्यक्ष से जांच का अनुरोध किया था।
यही नहीं, uksssc व अन्य भर्तियों के बाबत भी सीएम ने कहा कि जब तक अंतिम दोषी व्यक्ति नहीं पकड़ा जाता तब तक जांच चलती रहेगी।
दिल्ली से लौटते ही सीएम से संगठन के वरिष्ठ प्रदेश पदधिकारियों की बन्द कमरे में मुलाकात के अलावा विधायकों से गुफ्तगू से कैबिनेट में संभावित बदलाव को लेकर चर्चाओं पर नये सिरे से पंख लग गए हैं। हालांकि, आज हुई मीडिया से बातचीत में सीएम धामी बे फिर कहा कि गृह मंत्री अमित शाह से सिर्फ दैवीय आपदा व पुलिस आधुनिकीकरण पर ही चर्चा हुई। कैबिनेट बदलाव के सवाल को सफाई से टाल गए।
लेकिन, विधानसभा भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट आते ( 4 oct 2022 से पहले) ही वित्त मंत्री प्रेमचन्द के भविष्य को लेकर भी पार्टी नेतृत्व फैसला लेने के साफ मूड में दिख रहा है। युवाओं व आम जनता में बढ़ रहे आक्रोश को देखते हुए धामी कैबिनेट में कुछ विशेष बदलाव भी जरूरी माने जा रहे हैं। कुछ अन्य मंत्री भी विभागीय घपले व अन्य कारणों से विवादास्पद माने जा रहे हैं। ऐसे में पार्टी के नये चेहरों को कैबिनेट में जगह मिलने का रास्ता भी साफ नजर आ रहा है …
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