अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। अंकिता हत्याकांड व भर्ती घोटाले समेत अन्य मुद्दों पर संघर्ष कर रही उत्तराखण्ड कांग्रेस के तालाब में केंद्र ने हलचल पैदा कर दी है।
उत्तराखण्ड कांग्रेस से सिर्फ पूर्व सीएम हरीश रावत को पार्टी के नए अध्यक्ष खड़गे की 47 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी में शामिल किया गया है। प्रदेश कांग्रेस में जारी खींचतान के मौसम में हरीश रावत को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देने से पार्टी के अंदर नयी बहस भी देखी जा रही है।
गौरतलब है कि पंजाब के प्रदेश स्तरीय प्रमुख नेता ने हरीश रावत को सिद्दू व कैप्टेन अमरिंदर सिंह की जंग से उपजे हालात के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था। बावजूद इसके सोनिया गांधी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार की मुख्य कमान हरीश रावत को ही सौंपी। और चुनाव परिणाम आने तक हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस की राजनीति की धुरी बने रहे। लेकिन चुनावी नतीजे व स्वंय की हार के बाद हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस के हाशिये पर खड़े कर दिए गए थे।
प्रदेश अध्यक्ष की कमान करण मेहरा के हाथ में आ गयी। और नेता विपक्ष यशपाल आर्य बना दिये गए। चूंकि, हरीश रावत ने चुनाव से पहले गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने चुनावी शिकस्त के बाद गोदियाल को अध्यक्ष पद से हटा दिया। और करण मेहरा को जिम्मेदारी सौंप दी गयी।
इसके बाद से ही हरीश रावत की संगठन अध्यक्ष मेहरा व प्रीतम सिंह से दूरियों की खबरें सामने आने लगी। और कई मौकों पर हुई बयानबाजी से भी साफ संकेत मिलने लगे कि सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है।
हरिद्वार के पँचायत चुनाव में तो पूर्व सीएम हरीश रावत ने साफ ही कह दिया कि टिकट के बाबत उनसे कोई राय नहीं ली गयी। हरिद्वार पँचायत चुनाव इन पहली बार भाजपा जीत हासिल करने में सफल रही। कांग्रेस व बसपा को झटका देकर भाजपा ने हरिद्वार के पँचायत चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की।
यही नहीं, भारी संख्या में विजयी हुए मुस्लिम उम्मीदवार ने धामी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भाजपा की सदस्यता ली। टिकट बंटवारे में अपनी उपेक्षा का बयान देकर पूर्व सीएम हरीश रावत हार का ठीकरा प्रदेश संगठन के माथे फोड़ने में भी कामयाब रहे।
हालांकि, मार्च में चुनावी शिकस्त झेलने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत किसी न किसी तौर पर स्वंय को सक्रिय रखे रहे। कभी पार्टी के प्रदर्शन में शामिल हुए तो कभी निजी कार्यक्रम चलाए। इस बीच, बहादराबाद में पुलिस थाने के बाहर धरना देकर हरीश रावत ने सरकार को घेरने की कोशिश की। पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न को लेकर हरीश रावत के थाने पर किये गए धरना प्रदर्शन के ठीक बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे की टीम में शामिल होने के फरमान सामने आ गया।
इधर, कांग्रेस के एक गुट का कहना है कि चूंकि, हरीश रावत ही प्रदेश में पार्टी के एकमात्र पूर्व सीएम है। पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भाजपा में चले गए हैं। ऐसे में केंद्रीय संगठन ने पार्टी में उनकी वरिष्ठता का सम्मान करते हुए खड़गे की टीम में जगह दी है। बहरहाल, इन विरोधी हवाओं के बीच नये अध्यक्ष खड़गे की टीम में हरीश रावत का शामिल होने से उनके समर्थकों के लिए खुशी का ठौर मिल गया..
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