अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान पर मा. उच्च न्यायालय के अपमान का आरोप लगाया है।
निवर्तमान प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि मा. उच्च न्यायालय को मुन्ना सिंह जी के उस बयान का संज्ञान लेना चाहिए जिसमें उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप कांग्रेस पार्टी का अपराधिक षडयंत्र है।
गरिमा दसौनी ने कहा कि उनके इस बयान का यह मतलब निकाला जाय कि क्या उन्हें देश की न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास नहीं रहा और क्या उच्च न्यायालय कांग्रेस के इशारों पर अपना फैसला दे रहा है? उन्होंने मा. उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि चूंकि मुन्ना सिंह चौहान एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हैं ऐसे में उनके बयान का उच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ अवमानना नोटिस भेजा जाना चाहिए
गरिमा दसौनी ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि उन्हें देश की संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं रह गया है। उन्होंने भाजपा प्रवक्ता मुन्ना चौहान के बयान का मखौल उडाते हुए कहा कि जिस तरह से भाजपा के लोग प्रदेश के अन्दर मा. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद जश्न का दिखावा कर यह प्रचारित कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत भ्रष्टाचार के सभी आरोपों से बरी हो गये हैं व सर्वोच्च न्यायालय से उन्हें राहत मिली है वे सच्चाई से कोसों दूर हैं।
गरिमा दसौनी ने कहा कि दरसल सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा दिये फैसले पर आंशिक रूप से रोक लगाते हुए सीबीआई तथा पक्षकारों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन के स्थान पर चार हफ्ते के समय दिया है न कि मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी किया है। ऐसे में मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप अपनी जगह जस के तस हैं।
दसौनी ने कहा कि लक्सर में किसान सम्मान निधि में फर्जीवाडे से लेकर सिडकुल से गायब हुई फाइलों तक एन.एच.74 और श्रम विभाग में हुए घोटालों तक राज्य सरकार बेनकाब हो चुकी है। इसलिए यह अच्छा होगा कि भाजपा कांग्रेस पर आरोप मढने के बजाय अपने गिरेबान में झांके।
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