हिमाचल में धूमल की हार का हो रहा जिक्र। हार के बाद ममता बनर्जी के सीएम बनने पर भाजपा के तत्समय विरोधी स्टैंड की भी दिलायी जा रही याद
आज की अहम बैठक में नाम फाइनल होने की उम्मीद
केंद्रीय आब्जर्वर राजनाथ सिंह देहरादून में खोलेंगे पत्ते
अविकल उत्त्तराखण्ड
नई दिल्ली//देहरादून। भाजपा हाईकमान ने हालिया विधानसभा चुनाव में जीते गए तीन राज्यों यूपी, मणिपुर व गोवा के सीएम कमोबेश तय कर दिए हैं। सिर्फ उत्त्तराखण्ड में सीएम पुष्कर सिंह की हार के बाद पेंच फंसा हुआ है। मुख्य पेंच विधायकों व सांसदों के बीच नये नेता के चयन को लेकर देखा जा रहा है। कुछ समर्थकों ने तो बाकायदा अपने अपने नेता का नाम ‘तय’ भी कर दिए है।
भाजपा नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसी भी असफल प्रयोग से बचते हुए पांच साल के स्थायी सीएम पर फोकस किये हुए हैं।
गुरुवार की शाम केंद्रीय नेतृत्व उत्त्तराखण्ड के सीएम व सम्भावित कैबिनेट के ड्राफ्ट को फाइनल टच देगा। इस बीच, घमासान बढ़ता देख भाजपा की एक लाबी ने चुने गए विधायकों में से ही सीएम बनाने का दबाव बढ़ा दिया है। इस मुहिम में संघ व भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल बताए जा रहे हैं।
यह गुट हिमाचल के चुनाव में धूमल की हार के बाद नये चेहरे जयराम ठाकुर को मंत्री बनाने की दलील भी दे रहा है। इस दलील की आड़ में भाजपा की यह लाबी हारे सीएम पुष्कर सिंह धामी को रिपीट किये जाने की मुहिम को भी चोट पहुंचा रही है। इस प्रेशर ग्रुप से जुड़े नेताओं का कहना है कि विधायकों में से ही सीएम चुनना बेहतर रहेगा।
प्रदेश से लेकर केंद्र तक मौजूद यह लाबी पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद ममता बनर्जी के सीएम बनने पर भाजपा के अटैक की भी याद दिला रहे हैं। उस समय नन्दीग्राम से हारने के बाद ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने को भाजपा ने एक बड़ा मुद्दा बनाया था।
इस गुट का कहना है कि विधायकों में से सीएम बनाने से राज्य को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी उपचुनाव में नहीं जाना पड़ेगा।
मौजूदा समय में भाजपा नेतृत्व विधायक व गैर विधायक सीएम को लेकर हर पहलु पर विचार कर रहा है। सांसदों में से सीएम बनाये जाने पर प्रदेश को दो उपचुनाव (लोकसभा/राज्यसभा व विधानसभा) से जूझना पड़ेगा। मोदी-अमित शाह के समय भी सांसद तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाने और फिर इस्तीफा दिलवाने से भाजपा की काफी किरकिरी हुई थी।
भाजपा की राजनीति में पहली बार महिला सीएम बनाये जाने को लेकर भी राजनीति गर्म है। इस कड़ी में कोटद्वार से अप्रत्याशित ढंग से चुनाव जीती ऋतु खंडूडी का नाम लिया जा रहा है।
हालांकि, दस मार्च के बाद विधायकों व सांसदों में लगभग 10 नाम सीएम पद के लिए उछल रहे हैं। इनमें पूर्व में भी कुर्सी के दावेदार रहे सतपाल महाराज, धनसिंह रावत, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, प्रेमचंद अग्रवाल, मदन कौशिक समेत सांसद अनिल बलूनी व निशंक का नाम उल्लेखनीय कहे जा रहे हैं।
इस बीच, पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह व मीनाक्षी लेखी होली के बाद देहरादून में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में नये सीएम के नाम का ऐलान करेंगे। इस मौके पर सभी विधायक, सांसद व प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे।
इधर, छोटी होली की शाम भाजपा दिग्गजों की दिल्ली में होने जा रही बैठक में नये सीएम के नाम व नयी कैबिनेट की पिक्चर तय कर ली जाएगी। दावेदारों में सतपाल महाराज अभी दिल्ली में ही डटे हुए हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के भी दिल्ली में होने की सूचना है।
कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी केंद्रीय नेताओं से मिलने के बाद उत्त्तराखण्ड लौट आये हैं।
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