उत्त्तराखण्ड की राजनीति-चेहरे की जंग में झुलसेंगे अभी कई चेहरे
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल चेहरा तलाश नहीं कर पाये। राहुल गांधी की उत्त्तराखण्ड कांग्रेस में चेहरे के नाम पर जमकर रायता फैल गया। भाजपा के पास पीएम मोदी का चुनावी चेहरा पहले से ही तय है।
नये साल में कुल मिलाकर उत्त्तराखण्ड की राजनीतिक तस्वीर बेहद जंगी होती जा रही है। बात कांग्रेस की । एक समय ऐसा लगने लगा था कि कांग्रेस के बड़े नेता सभी कुछ भुलाकर मिशन 2022 में प्राणपण से जुट गए हैं। लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत के सतत ट्वीट पर कभी उनके सबसे भरोसेमंद रहे पूर्व विधायक रणजीत रावत की बोझ सम्बन्धी टिप्पणी से मामला काफी गर्मा गया। हरीश रावत लगातार चेहरे की वकालत करते हुए पार्टी के केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व से दो दो हाथ करते दिखाई दे रहे हैं। हरीश का पूरा जोर चुनावी चेहरे को घोषित कराने में है।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश खुले तौर पर कहने से नही हिचक रही है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत पार्टी के सेनापति व चेहरा थे। हरीश रावत के दो-दो विधानसभा चुनाव में हार का भी जिक्र करना नहीं भूलती। साथ ही हरीश रावत को यह भी सलाह देती नजर आयी कि हाईकमान से स्वंय को ही 2022 के चुनावों का चेहरा घोषित करवा लो। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के जवाब के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह हरीश रावत को पार्टी का मजबूत स्तम्भ बताते हुए चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने पर जोर दे रहे हैं।
कुल मिलाकर कांग्रेस के इस अंदरूनी घमासान से भाजपा राहत में हूं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत कहते हैं कांग्रेस में सेना का कहीं अता पता नही और सेनापति की जंग लड़ रहे हैं।
इधर, लगभग छह महीने पहले उत्त्तराखण्ड की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की केजरीवाल की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी अभी तक चेहरे की तलाश नहीं कर पायी है। मनीष सिसोदिया और मंत्री मदन कौशिक की जुबानी व लेटर वॉर के बाद आप पार्टी अपने कार्यक्रमों में बिजी दिख रही है। आप पार्टी के चुनावी चेहरे से पार्टी नेता पर्दा नहीं उठा रहे हैं।
चेहरे की महाभारत में उलझी कांग्रेस और अभी तक बिना चेहरे की केजरीवाल की पार्टी की चुनौतियों का सामना कर रही भाजपा में चेहरे की कोई जंग के लक्षण नहीं दिख रहे। बीते कुछ समय से सीएम त्रिवेंद्र रावत सरकार के फैसलों की पूर्व सीएम हरीश रावत खुले दिल से तारीफ कर चुके हैं। हरीश रावत की कोटद्वार व टनकपुर से दो जन शताब्दी ट्रेन की घोषणा करवाने वाले सांसद अनिल बलूनी की प्रशंसा से भाजपा के नंबरों में ही इजाफा हो रहा है। अंदरूनी हलचल के बावजूद भाजपा सुकून में दिख रही है। संगठन अध्यक्ष भगत इंदिरा ह्रदयेश से माफी मांगने के बाद विधानसभाओं के दौरों में व्यस्त हैं।
भाजपा शासित उत्त्तराखण्ड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत चेहरे की राजनीति से दूर बैठकों और फैसलों में मशगूल है।
भाजपा सुकून में इसलिए भी है कि 2022 में भी उनके पास मोदी का ही चेहरा रहेगा। कांग्रेस में चुनावी चेहरे को लेकर शुरू हुई तलवारबाजी आगे भी चलने की उम्मीद है। केजरीवाल उत्त्तराखण्ड के लिए मुफीद चेहरे की तलाश में जुटे है… चेहरे की इस जंग में अभी कई और चेहरे होंगे बेनकाब…बोल चैतू
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पार्टी के पोस्टर में मेरा चेहरा व नाम नहीं, मंचों पर स्थान नहीं, मेरी जिंदाबाद भी नहीं – हरीश रावत के ताजातरीन दो ट्वीट
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