वक्ताओं ने सैन्य परिवारों के लिए किए गए काम गिनवाए
पीएम मोदी ने सैन्य धाम को पंचम धाम की संज्ञा दी थी-सीएम त्रिवेंद्र
सीएम त्रिवेंद्र की इच्छा, उत्तराखण्ड सरकार का शपथ ग्रहण इस सैन्यधाम में हो
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
विभिन्न युद्धों, आन्तरिक सुरक्षा व सीमांत झड़पों में में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं/आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रूपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रूपये किया जायेगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को पुरकुल गांव में भारतीय सेना के जज्बे, शौर्य और बलिदान के प्रतीक सैन्य धाम के शिलान्यास कार्यक्रम में की।
इसके अलावा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस को ‘‘पराक्रम दिवस’’ के रूप में मनाये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्होंने उपनल के मुख्यालय का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड के पांचवें धाम के रूप में आज सैन्यधाम का शिलान्यास किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब सैन्यधाम को पंचम धाम की संज्ञा दी गई उसके बाद इस दिशा में तेजी से प्रयास किये गये। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि यह सैन्यधाम जीवंत और जागृत हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में उत्तराखण्ड में सरकार का शपथ ग्रहण इस शहीद स्थल (सैन्यधाम) में हो। प्रदेश की राजधानी में अन्य देशों एवं अन्य राज्यों से कोई देहरादून आते हैं तो सैन्यधाम में जरूर आयें। उन्होंने कहा कि राज्य के शहीदों के गांवों की मिट्टी और शिला इस सैन्यधाम में आनी चाहिए। राज्य की प्रमुख नदियों एवं प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी सैन्यधाम में आये।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि शहीद सैनिकों के घरों में यदि उनकी कोई निशानी हो तो उनके संरक्षण के लिए सैन्यधाम में एक संग्रहालय बनाया जायेगा। लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां यहां पर होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग सेना में जाना चाहते हैं, उनके लिए यहां पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। यहां पर एडवेंचर एवं उससे संबंधित गतिविधियां कर सकते हैं। देहरादून में इस भव्य सैन्यधाम को बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये जायेंगे। विशेषज्ञ समिति इन सभी सुझावों को देखेगी, जो सुझाव सही लगेंगे। अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण को सभी लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं।
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने कहा कि सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर अपर मुख्य सचिव और जिला स्तर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया है। सचिवालय में प्रवेश के लिए सैनिकों और पूर्व सैनिकों को अलग से प्रवेश पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने आईकार्ड से ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं। वीरता पदक प्राप्तकर्ता सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को दी जाने वाली सालाना धनराशि 30 वर्ष के स्थान पर अब आजीवन दिये जाने की व्यवस्था की गई है। पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार की सेवाओं में समूह ‘ग’ की रिक्तियों में 05 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किया गया हैं।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक गणेश जोशी, हरबंस कपूर, सुरेन्द्र सिंह नेगी, पूर्व मंत्री ले. जनरल (रिटा.) श्री टी.पी.एस रावत, मुख्यमंत्री के सैन्य सलाहकार ले. जनरल (रिटा.) जे. एस. नेगी, एमडी उपनल ब्रिगेडियर (रिटा.) पी.पी.एस पाहवा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर (रिटा.) के.बी चन्द, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव एवं अन्य सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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