13/14 अगस्त 2020 से सेक्स स्कैंडल में फंसे हैं भाजपा विधायक महेश नेगी
मंगलवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद 5 अक्टूबर की नयी डेट लगी
द्वाराहाट निवासी पीड़िता ने विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए अपनी बेटी का पिता बताया। और डीएनए जांच की मांग उठाई
विभिन्न जगहों पर विधायक व पीड़िता के साथ साथ रहने की हो चुकी है पुष्टि
अविकल उत्त्तराखण्ड
नैनीताल। हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक महेश नेगी सेक्स स्कैंडल मामले में राज्य सरकार को 5 अक्टूबर तक काउंटर दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। इसके अलावा जांच अधिकारी को 173 crpc के तहत कोर्ट में रिपोर्ट जमा करने के आदेश भी दिए। हाईकोर्ट में भाजपा विधायक महेश नेगी की डीएनए जांच के बाबत मंगलवार को सुनवाई हुई।
मंगलवार को इस मामले की हाईकोर्ट में सांय 4 बजे सुनवाई हुई। विधायक के डीएनए जॉच समेत मुकदमे से जुड़े अन्य मामलों की सुनवाई शुरू होते ही आरोपी विधायक महेश नेगी के वकील ने कहा कि बहस के लिए उनके सीनियर वकील मौजूद नहीं है उन्होंने नयी डेट की गुजारिश की। इस पर पीड़िता के वकील अवतार सिंह ने आपत्ति जताई।
हाईकोर्ट ने हाईप्रोफाइल सेक्स प्रकरण में राज्य सरकार को काउंटर फ़ाइल करने के अलावा जांच अधिकारी को भी जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा। साथ ही सुनवाई की नई डेट 5 अक्टूबर मुकर्रर की।
कोर्ट के नये आदेश के बाद जांच अधिकारी की ओर से कोर्ट में पेश किए जाने वाले आरोप पत्र में भाजपा विधायक व पीड़िता के विभिन्न स्थानों में ठहरने के अलावा मामले से जुड़े कई अहम तथ्य पेश किए जाएंगे।
कोरोना की वजह से लंबे समय बाद मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने यह आदेश किये। कोर्ट के आदेश के बाद एक साल से चल रहे बहुचर्चित सेक्स प्रकरण में तेजी आने की संभावना है।
पीड़िता के वकील एसपी सिंह ने बताया कि 13/14 अगस्त को इस मामले के प्रकाश में आने के बाद पीड़िता लगातार डीएनए जांच व बेटी के गुजारे भत्ते की मांग कर रही है। गौरतलब है कि 13/14 अगस्त 2020 में विधायक की पत्नी ने पीड़िता पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए देहरादून के नेहरू कालोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इधर, देहरादून कोर्ट के आदेश के बाद सितम्बर 2020 में भाजपा विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी पर नेहरू कालोनी थाना पुलिस पर मुकदमा दर्ज किया था। यही नहीं, देहरादून कोर्ट ने विधायक के डीएनए जांच के आदेश भी किये।
इस आदेश के खिलाफ भाजपा विधायक ने हाईकोर्ट की शरण ली। तभी से डीएनए का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। दूसरी ओर, पीड़िता ने भी विधायक को अपनी बेटी का पिता बताते हुए गुजारे भत्ते के लिए देहरादून की फैमिली कोर्ट में वाद दायर किया हुआ है।
पूर्व में हुई जांच में भाजपा विधायक महेश नेगी व पीड़िता के मसूरी,दिल्ली,हल्द्वानी,बिनसर,देहरादून, हिमाचल में रुकने के प्रमाण मिल चुके हैं। इसके अलावा 2020 में नेपाल प्रवास में भी विधायक व पीड़िता साथ साथ रहे। पुलिस ने नेपाल प्रवास के तथ्य नहीं जुटाए।
इस हाई प्रोफाइल सेक्स प्रकरण में देहरादून कोर्ट पूर्व में ही विधायक के डीएनए जांच के आदेश दे चुकी है। डीएनए जांच की तय डेट पर विधायक महेश नेगी बीमारी का बहाना बना कर मौके पर नहीं पहुंचे थे।इस सेक्स प्रकरण को लेकर विपक्षी दल सड़क से लेकर सदन तक भाजपा को घेर चुकी है। शुरुआती दौर में पीड़िता के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने पर भी देहरादून पुलिस की जमकर किरकिरी हो चुकी है।
इस मामले में सीनियर आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार ने नवंबर 2020 में सख्त कदम उठाते हुए पीड़िता के खिलाफ कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र वापस लेने का आदेश देकर जांच श्रीनगर थाने को सौंप दी थी। इस आदेश के बाद तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार आईपीएस अभिनव कुमार से काफी नाराज भी देखी गयी।
बहरहाल, अगस्त 2020 से शुरू हुए इस हाई प्रोफाइल मामले में आज नैनीताल हाईकोर्ट के काउंटर दाखिल करने व जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने सम्बन्धी आदेश के बाद निकट भविष्य में भाजपा सरकार व विधायक महेश नेगी की मुश्किलें पहले से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है।
चुनावी साल में कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल एक बार फिर इस मुद्दे पर हमला बोलने की तैयारी में दिख रही है। विपक्षी दल भी बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल में विधायक महेश नेगी के डीएनए जांच के फैसले के इंतजार में हैं।
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