देहरादून के पारिवारिक अदालत में अनन्या बनाम महेश नेगी केस की 15 अप्रैल को सुनवाई
अगस्त 2020 से शुरू हुए दुष्कर्म के मसले की सुई डीएनए जांच पर अटकी
अविकल उत्त्तराखण्ड
नैनीताल/देहरादून। दुष्कर्म के मुकदमे में घिरे भाजपा विधायक महेश नेगी की डीएनए जांच के मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकी। विधायक की याचिका पर बुधवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी थी लेकिन 105 नंबर पर लगा होने के कारण सुनवाई का नंबर नहीं आया। उधर, पीड़िता की बेटी के गुजारे भत्ते के मुद्दे पर 15 अप्रैल को देहरादून की फैमिली कोर्ट में सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि देहरादून के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पूर्व में विधायक की डीएनए जांच की तारीख तय कर चुके हैं। लेकिन विधायक महेश नेगी डीएनए के मुद्दे पर नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर लगातार सुनवाई की अपील कर रहे हैं।
उधर, 27 जनवरी को देहरादून के पारिवारिक न्यायालय में गुजारे भत्ते के लिए पीड़िता की बेटी के लिए वाद दायर किया गया था। न्यायालय ने 17 फरवरी को पीड़िता की याचिका स्वीकार करते हुए भाजपा विधायक महेश नेगी को नोटिस भेजे थे। शुरुआत में नोटिस तामील नही होने से गुजारे-भत्ते की याचिका पर सुनवायी नहीं हो सकी थी।
पीड़िता के वकील एसपी सिंह ने बताया कि अब यह नोटिस तामील होने के बाद पारिवारिक न्यायालय ने बुधवार को अनन्या बनाम महेश नेगी के मामले की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तारीख तय की है। पीड़िता ने विधायक महेश नेगी को अपनी बेटी का जैविक पिता बताते हुए 60 हजार रुपए गुजारे भत्ते की मांग की थी।
प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाले इस मामले में एक महिला ने अगस्त 2020 में द्वाराहाट से भाजपा विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए अपनी बेटी का पिता करार दिया था। अगस्त से शुरू हुई इस हाईप्रोफ़ाइल सेक्स स्कैंडल में कई उतार चढ़ाव आये।
सत्ता पक्ष से जुड़ा होने के कारण देहरादून पुलिस ने पीड़िता पर ही ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया था। देहरादून पुलिस पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने से भी बचती रही। सरकार की काफी किरकिरी होने के बाद देहरादून कोर्ट के आदेश पर देहरादून पुलिस ने पांच सितंबर रात विधायक के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस जांच में विधायक नेगी व पीड़िता के देहरादून,मसूरी,दिल्ली, हल्द्वानी, बिनसर,हिमाचल प्रदेश, नेपाल में साथ रहने की भी पुष्टि हुई।
इसी बीच, दिसंबर माह में पुलिस ने कोर्ट में पीड़िता के खिलाफ ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
आईपीएस अभिनव कुमार ने किया था अहम फैसला
इस मामले की पुलिस महकमे में ही तीखी प्रतिक्रिया हुई। पुलिस के एकतरफा रुख को देखते हुए तत्कालीन गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार (अब ADG)ने 17 नवंबर को तत्काल फैसला लेते हुए आरोप पत्र दाखिल करने के निर्देश ही नही दिए बल्कि जांच श्रीनगर महिला थाने को स्थानांतरित कर दी थी। आईजी अभिनव कुमार के इस बोल्ड कदम की विशेष सराहना भी हुई। लेकिन सत्ता पक्ष की आंखों की किरकिरी भी बन गए। सत्ता के शीर्ष ओर बैठे लोग आईजी अभिनव कुमार के इस कदम से खुश नहीं हुए।
इस पूरे मामले की सुई अब डीएनए टेस्ट पर टिकी हुई है। देहरादून कोर्ट ने सबसे पहले 24 दिसम्बर, 11 जनवरी व 18 जनवरी को डीएनए के डेट भी तय की थी। लेकिन विधायक बीमारी का बहाना बना कर जांच को उपस्थित नहीं हुए। जबकि पीड़िता अपनी बेटी के साथ दो बार जांच के लिए उपस्थित हुई।
फिलवक्त, यह डीएनए जांच के इस हाई प्रोफाइल मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फैसला दे चुके हैं। लेकिन भाजपा विधायक महेश नेगी नैनीताल हाईकोर्ट से राहत की जुगत में जुटे हुए है। बुधवार को इस मसले पर सुनवाई नहीं हो सकी। अगस्त माह से अभी तक विपक्षी दल इस प्रकरण पर भाजपा को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं। आगे-आगे देखिए होता है क्या…
उत्त्तराखण्ड के भाजपा विधायक महेश नेगी सेक्स स्कैंडल की रिपोर्ट्स एक clik पर
सेक्स स्कैंडल- बेटी के गुजारे भत्ते नोटिस नहीं हुए तामील, विधायक महेश नेगी को फिर भेजे जाएंगे नोटिस,नयी डेट 17 मार्च
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