देहरादून की फैमिली कोर्ट में दाखिल याचिका हुई स्वीकार, 17 फरवरी को होगी सुनवाई, मासिक 60 हजार गुजारा भत्ता मांगा
डीएनए टेस्ट से सबंधित डेट 27 फरवरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पहले से ही लगी है
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून । दुष्कर्म के आरोप में घिरे भाजपा विधायक महेश नेगी से गुजारे भत्ते की मांग की गई। इस बाबत बुधवार को पीड़िता ने अपनी बेटी की ओर से देहरादून की फैमिली कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। प्रधान न्यायाधीश ,फैमिली कोर्ट ने याचिका स्वीकार भी कर ली है। और 17 फरवरी सुनवाई की तारीख लगी है। विधायक महेश नेगी को नोटिस जारी किया गया है।याचिका में कहा गया है कि बेटी के पिता विधायक महेश नेगी हैं।
पीड़िता के वकील एसपी सिंह ने बताया कि पीड़िता की बेटी के नाम से की गई याचिका में विधायक महेश नेगी से गुजारे भत्ते के लिए 60 हजार मासिक खर्चे की मांग की गई है। चूंकि बेटी अभी अवयस्क है इसलिए उसकी माँ (नेचुरल अभिभावक)ने पिटीशन पर दस्तखत किए है।
सीआरपीसी के सेक्शन 125 के तहत दाखिल याचिका में बेटी अपूर्वा (बदला नाम) के पिता की जगह विधायक महेश नेगी का नाम लिखा गया है। याचिका में विधायक पर लगे 376 के मुकदमे व डीएनए के सम्बंध में कोर्ट में जारी कार्यवाही का भी जिक्र किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि विधायक महेश नेगी ने डरा धमका कर जबरन पीड़िता के साथ सम्बन्ध बनाये। जिसके परिणामस्वरूप बेटी का जन्म हुआ। लिहाजा कोर्ट से सिर्फ बेटी के भरण पोषण के लिए 60 हजार रुपए मासिक गुजारे भत्ते की मांग की गयी है। यह भी कहा गया है कि डीएनए जांच के बाद बेटी के जैविक पिता का मसला हल हो जाएगा।
देहरादून की फैमिली कोर्ट से याचिका स्वीकार होने के बाद भाजपा विधायक महेश नेगी को फैमिली कोर्ट की तारीख से भी जूझना होगा। इधर, डीएनए टेस्ट के मामले में भी हाईकोर्ट व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में भी दोनों पक्ष जूझ रहे हैं। डीएनए से सबंधित अगली डेट 27 फरवरी को लगी है।
बेटी की ओर से गुजारे भत्ते की नयी मांग को लेकर विधायक पर दोहरा दबाव पड़ने की पूरी संभावना है। अब अगर विधायक बेटी मानने से इनकार करते हैं तो अब डीएनए के जरिये ही दूध का दूध और पानी का पानी होगा।
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डीएनए सैंपल-विधायक नेगी को 27 फरवरी तक मिली मोहलत
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