अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। प्रदेश मन्त्रिमण्डल की सोमवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक सोमवार को आयोजित की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 21 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इसके साथ ही विधानसभा सत्र आहूत होने की वजह से कैबिनेट ब्रीफिंग नहीं हुई।
कोविड को देखते हुए परिवहन को आर्थिक सहायता के लिए 16.17 करोड़ से ज्यादा की डिमांड, कैबिनेट में पूरा भुगतान का निर्णय।
विधवा पेंशन पाने वाली महिलाओं की पुत्रियों के लिए सरकार की योजना में संसोधन करते है 15 से 48 हजार आय का मानक निर्धारित किया गया है।
बंगाली समुदाय को लोग जो बीते 55-60 सालों से उत्तराखंड में रह रहे हैं, उनके जाति प्रमाण पत्र से पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाया जाएगा।
डेयरी विकास अधीनस्थ सेवा सेवा नियमावली को स्वीकृति दी गई है।
बदरीनाथ और केदारनाथ के मास्टरप्लान के लिए पीएमसी के गठन का निर्णय लिया गया है. साथ ही पहले से काम कर रही INI को मंजूरी दी गई है। बदरीनाथ के मास्टरप्लान के फेस 1 में 9 सरकारी कार्यालय के ध्वस्तीकरण की अनुमति दी गई है।
उत्तराखंड नगर निकाय प्राधिकरण के लिए अतिक्रमण के विशेष प्राधिकरण अधिनियम के फैसले को अब 6 वर्षो तक बढ़ाया गया और कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी।
बाजपुर में निर्माणाधीन नर्सिंग कॉलेज में 70 पदों के सृजन को स्वीकृति।
हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय के नाम को बदलने की मंजूरी।
विश्वविद्यालय में मौजूद 4 तरह के अस्थायी अध्यापकों में सभी को 35 हजार देने का निर्णय लिया गया है.
सिंचाई विभाग में मेट को समूह ग सेवा नियमावली में सम्मिलित किया गया है।
उधमसिंग नगर में स्थित 200 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर यूनिट को स्थापित करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का फैसला लिया गया है।
UKSSSC में समीक्षा अधिकारी, वेत्तयिक सहायक सम्मिलन सेवा नियमावली को स्वीकृति दी गई है।
जोशीमठ में बनने वाले STP प्लांट के निर्माण को लेकर जमीन खरीदने की कैबिनेट ने स्वीकृति दी है।
2021-22 में आवंटित 622 शराब की दुकानों में से 597 दुकान उठ चुकी थी. बाकि बचे दुकानों के लिए राजस्व को 50 फीसदी रखा गया है।
केंद्रीय विद्युत नियामक के वार्षिक लेखा को विधान मंडल के पटल पर रखने का फैसला लिया गया है।
कैबिनेट के प्रमुख निर्णय
• उत्तराखण्ड डेरी विकास अधीनस्थ सेवा नियमावली 2021 का गठन।
• श्री बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान तथा केदारनाथ मास्टर प्लान के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों की पीएमसी हेतु कंसल्टेंट के रूप में चयन किया गया है।
• बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान फेज 1 में 09 सरकारी कार्यालय को ध्वस्थ करने का निर्णय लिया गया।
• उत्तराखण्ड नगर निकाय एवं प्राधिकरणों हेतु विशेष प्राविधानों के अंतर्गत 2018 की धारा 4 के अधीन नगर निकायों एवं प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत अनधिकृत निर्माण से संबंधित दंडात्मक कार्यवाही आगामी 03 वर्षों तक रखा जायेगा।
• वर्तमान में लागू उत्तराखण्ड लेखा परीक्षा नियम संग्रह 2011 को प्रतिस्थापित करते हुए नवीन उत्तराखण्ड लेखा परीक्षा नियम संग्रह लागू किया जायेगा।
• राजकीय नर्सिंग कॉलेज बाजपुर में 70 पदों का सृजन किया गया।
• हिमालयन गढ़वाल विश्व विद्यालय का नाम संशोधन करके महाराजा अग्रसेन हिमालयन विश्व विद्यालय किया गया।
• उच्च शिक्षा के अंतर्गत सभी श्रेणी प्रातः कालीन, गेस्ट टीचर, संविदा टीचर, नितांत स्थायी टीचर को मानदेय के रूप में 35 हजार रूपये देने का निर्णय लिया गया।
• उत्तराखण्ड सिंचाई विभाग में मेट (समूह ग) सेवा नियमावली बनाई गयी।
• राज्य में फ्लोटिंग पावर संयंत्र पर पुनर्विचार करके वापस लिया गया।
• उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में समीक्षा अधिकारी एवं वैयक्तिक सहायक के पदों पर संविलियन नियमावली 2021 को लाया गया।
• उत्तराखण्ड राज्य में निवासरत पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) के विस्थापित बंगाली समुदाय के व्यक्तियों को जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) से विस्थापित के स्थान पर पूर्वी बंगाल से विस्थापित का अंकन किया जायेगा।
• अनुसूचित जाति, जनजाति व सामान्य वर्ग की विधवा पेंशन प्राप्त कर रही विधवाओं की पुत्री के विवाह हेतु अनुदान की अहर्ता 15 हजार से बढ़ाकर 48 हजार की गयी।
• 2021-22 के लिये मदिरा दुकानों का आवंटन 622 में से शेष बची 25 दुकानों के लिये 50 प्रतिशत निर्धारित राजस्व आवंटन के समय लिया जायेगा।
• उत्तराखण्ड केंद्रीय विद्युत नियामक प्रतिवेदन 2004 की धारा 104 के वित्तीय वर्ष का लेखा जोखा विधान मण्डल के पटल पर रखा जायेगा।
• उत्तराखण्ड केंद्रीय विद्युत नियामक प्रतिवेदन 2004 की धारा 105 के वार्षिक रिपोर्ट का लेखा जोखा विधान मण्डल के पटल पर रखा जायेगा।
• कोविड प्रभाव के कारण परिवहन निगम को 16 करोड़ 17 लाख की धनराशि देने का निर्णय लिया गया।
• उत्तराखण्ड माल सेवा कर 2021 विधेयक को पुनर्स्थापित कर विधान मण्डल के पटल पर रखा जायेगा
• वाणिज्यिक वादों के निपटारे के लिये वाणिज्यिक न्यायालयों का गठन हल्द्वानी में भी किया जायेगा।
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