उत्त्तराखण्ड पुलिस के पहले बैच 2001 के प्रत्येक आरक्षी को सीएम की घोषणा के मुताबिक 2 लाख एकमुश्त दिए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने इस आशय के आदेश जारी किए। हालांकि, पुलिसकर्मियों के परिजन 4600 ग्रेड पे को लेकर आंदोलित हैं।
हाईकोर्ट के आदेश के अध्ययन व ब्रीफ होल्डर की ओर सेबतायी गयी जानकारी के बाद अन्य टेंडरों या खनन पट्टों पर लगी रोक हटा ली गयी। पूर्व के आदेश को रद्द कर नया आदेश किया जारी।
खनन पट्टाधारक सुरेंद्र तोमर ने हाईकोर्ट में एक विशेष पट्टे को लेकर की थी याचिका दायर
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। दो दिन पूर्व हाईकोर्ट के खनन पर रोक लगाने सम्बन्धी आदेश की राज्य सरकार ने तोड़ निकाल लिया। सचिव मीनाक्षी सुंदरम की ओर से 7 जनवरी को किये आदेश के बाद खनन लाबी ने चैन की सांस ली है।
उधर, उत्त्तराखण्ड पुलिस के पहले बैच 2001 के प्रत्येक आरक्षी को सीएम की घोषणा के मुताबिक 2 लाख एकमुश्त दिए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने इस आशय के आदेश जारी किए।
सचिव सुंदरम ने हाईकोर्ट के आदेश की व्याख्या करते हुए कहा कि दिनांक 28 अक्टूबर, 2021 के अन्तर्गत स्वीकृत अनुज्ञाओं तथा उपखनिज की निकासी पर लगायी गयी रोक मात्र वादी के वाद से संबंधित प्रकरण श्री अम्बा दत्त के मामले में ही प्रभावी रहेगी। संगत अधिसूचना दिनांक 28.10.2021 के अन्तर्गत स्वीकृत अन्य अनुज्ञाओं पर उक्त रोक प्रभावी नहीं होगी।
सचिव सुंदरम ने कहा कि चूंकि ब्रीफ होल्डर के द्वारा बताई गई स्थिति के अनुरूप मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित हो, इस आधार पर पूर्व में स्वीकृत सभी अनुज्ञाओं तथा उक्त अनुज्ञाओं के क्रम में उपखनिज निकासी के मामलों में रोक लगाई गई थी। इसी बीच आज मा० उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 06.01.2022 की प्रति प्राप्त होने के बाद स्थिति स्पष्ट हुई है कि मा० उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक सरकार की अधिसूचना दिनांक 28.10.2021 पर न होकर मात्र याचीकर्ता को प्रभावित करने वाले एक मात्र मामले में ही प्रभावी है।
मा० उच्च न्यायालय के आदेश की प्राप्ति के बाद दिनांक 06.01.2022 को ऐसे सभी अल्प अवधि अनुज्ञाओं की उपखनिज निकासी पर लगाई गई रोक के आदेश को दुरूस्त एंव संशोधित करते हुए शासन स्तर से प्रभावी आदेश निर्गत किया जा रहा है।
गौरतलब है कि खनन पट्टाधारक सत्येन्द्र कुमार तोमर द्वारा मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल में चुनौती दिये जाने के उपरान्त दिनांक 06.01.2022 को निर्धारित सुनवाई में हुये निर्णय की स्थिति से ब्रीफ होल्डर के पत्र द्वारा दी गई जानकारी के उपरान्त दिनांक 06.01.2022 को सरकार की अधिसूचना दिनांक 28.10.2021 के अन्तर्गत दी गई सभी अनुज्ञाओं के उपखनिज निकासी पर रोक लगायी गयी थी।
प्रेषक,
संख्या- 9५ / VII-A-1/2022/9 (104) / 21
आर० मीनाक्षी सुन्दरम सचिव,
उत्तराखण्ड शासन।
सेवा में,
- महानिदेशक,
भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई, उत्तराखण्ड, देहरादून।
- समस्त जिलाधिकारी, उत्तराखण्ड।
औद्योगिक विकास ( खनन ) अनुभाग-1
देहरादून, दिनांक: 04 जनवरी, 2022
विषय: रिट याचिका सं० 2909 / एम० एस० / 2021 सत्येन्द्र कुमार तोमर बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य के संबंध में।
महोदय,
उपर्युक्त रिट याचिका में मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा पारित आदेश दिनांक 06.01.2022, जिसकी प्राप्ति शासन में दिनांक 07.01.2022 को हुई है, की छायाप्रति संलग्न कर प्रेषित करते हुए मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासन के पत्र संख्या – 66 / VII-A-1 / 2022/9 (104)/21 दिनांक 06 जनवरी, 2022 द्वारा अधिसूचना सं० 1824 / VII-A-1 / 2021 / 80-ख / 16, दिनांक 28 अक्टूबर, 2021 के अन्तर्गत स्वीकृत अनुज्ञाओं तथा उपखनिज की निकासी पर लगायी गयी रोक मात्र वादी के बाद से संबंधित प्रकरण श्री अम्बा दत्त के मामले में ही प्रभावी रहेगी। संगत अधिसूचना दिनांक 28.10.2021 के अन्तर्गत स्वीकृत अन्य अनुज्ञाओं पर उक्त रोक प्रभावी नहीं होगी।
कृपया उक्तानुसार अवगत होते हुए आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।
संलग्न-यथोपरि ।
भवदीय,
(आर० मीनाक्षी सुन्दरम) सचिव
संख्या-
(1)/VII-A-1/2022 तद्दिनांक | प्रतिलिपिः निम्नलिखित को उत्तानुसार सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषितः
- मुख्य स्थायी अधिवक्ता मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल। 2. समस्त जिला खान अधिकारी, उत्तराखण्ड
- गार्ड फाईल ।
आज्ञा से,
(दिनेश यादव ) अन सचिव
सचिव मीनाक्षी सुंदरम के आदेश
उत्त्तराखण्ड पुलिस के पहले बैच 2001 के प्रत्येक आरक्षी को सीएम की घोषणा के मुताबिक 2 लाख एकमुश्त दिए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने इस आशय के आदेश जारी किए।
Pls clik-खनन पर हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद सरकार ने खनन पर लगाई रोक,आदेश जारी
अर्थ एवं संख्या में भारी फेरबदल, आयोग से चयनित अधिकारियों को मिली तैनाती
Total Hits/users- 30,52,000
TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245