पीआरओ नन्दन सिंह बिष्ट को हटाने सम्बन्धी आदेश को क्यों नही सार्वजनिक किया, क्यों छुपाया, उठे सवाल
अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन का आदेश-सीएम कार्यालय में नियुक्त OSD, PRO, कॉर्डिनेटर नहीं करेंगे शासकीय लेटर हेड का इस्तेमाल। इस आदेश को किया गया सार्वजनिक। लेकिन पीआरओ को हटाने का आदेश क्यों रोका गया?
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। बागेश्वर में खड़िया खनन में लगे तीन वाहनों का चालान निरस्त करने सम्बन्धी आश्चर्यजनक पत्र लिखने वाले पीआरओ नन्दन सिंह बिष्ट को हटाने सम्बन्धी आदेश को सरकारी सूचना तंत्र के जरिये मीडिया तक नहीं भेजने पर भी सवालिया निशान लगे।

कार्यालय ज्ञाप
शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या-812/ XXXI (4)/2021, दिनांक: 20.09.2021, जिसके द्वारा श्री नन्दन सिंह बिष्ट पुत्र श्री रघुवीर सिंह बिष्ट की तैनाती गा० मुख्यमंत्री कार्यालय में अस्थाई निःसंवर्गीय (कोटर्मिनस) पद के आधार पर जनसम्पर्क अधिकारी के पद पर की गई है, को शासन द्वारा सम्यक विचारोपरांत उक्त आदेश को समाप्त किया जाता है तथा श्री नन्दन सिंह बिष्ट की सेवायें तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है।
( विनोद कुमार सुमन) सचिव (प्रभारी)
इस खनन प्रकरण के हवा लेने के बाद पीआरओ की छुट्टी तो कर दी गयी लेकिन सम्बंधित अधिकारी आदेश देने में हिचकिचाते नजर आये। मौखिक तौर मीडिया को बताया तो गया लेकिन सीएम की खबरों से जुड़े whatsapp ग्रुप में 11दिसंबर का यह आदेश 14 दिसंबर की दोपहर तक नहीं डाला गया।
चूंकि, विधानसभा सत्र से लेकर सड़क तक यह खनन पत्र राजनीति को गर्मा चुका था। लिहाजा, सीएम कार्यालय से जुड़े अधिकारी इस आदेश को एक सही मंच के जरिये मीडिया तक पहुंचाने में डरते रहे। और मीडिया को मजबूर होकर बिना आदेश की फोटो चस्पा किये खबर छापनी पड़ी। जबकि अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन के एक आदेश को सरकारी मीडिया व्हाट्सएप्प ग्रुप में तुरंत प्रसारित किया गया। इस आदेश में तमाम osd, pro, कोऑर्डिनेटर आदि को सरकारी लेटर हेड के इस्तेमाल करने से मना किया गया था। लेकिन पीआरओ नन्दन सिंह बिष्ट को हटाने सम्बन्धी आदेश को क्यों नही सरकारी सूचना तंत्र ने जारी किया। यह भी रहस्य बना हुआ है।
फिलहाल, मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देश के बाद वाहनों का चालान निरस्त करने के एसएसपी बागेश्वर को पत्र लिख सरकार की किरकिरी कराने वाले जनसम्पर्क अधिकारी नन्दन सिंह बिष्ट की 11 दिसंबर को छुट्टी कर दी गयी। यह आदेश आज पाठकों के सामने पेश किया जा रहाहै।यह आदेश प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से जारी किया गया।
गौरतलब है कि जन सम्पर्क अधिकारी बिष्ट ने 8 दिसंबर को एसएसपी बागेश्वर को एक पत्र लिखा था। पत्र में तीन वाहनों का नम्बरों का उल्लेख करते हुए उनके चालान निरस्त करने को कहा गया था।
पत्र में यह भी लिखा गया था कि 29 नवंबर को इन वाहनों का चालान हुआ था। चर्चा है कि वाहन खनन में प्रयोग लाये जा रहे थे। इस मामले को उप नेता करण माहरा ने विधानसभा सत्र में उठाकर सरकार पर हमला बोला था।इस पत्र के वॉयरल होते ही धामी सरकार की काफी बदनामी हो रही थी।
नतीजतन, सरकार ने जन सम्पर्क अधिकारी नन्दन सिंह बिष्ट को पद से हटाने के आदेश कर दिये।

जन सम्पर्क अधिकारी के पत्र की मूल भाषा
एस० एस० पी०, बागेश्वर ।
अब्दुल कलाम भवन
उत्तराखण्ड सचिवालय, देहरादून
कक्ष सं0-404,
मो. नं. 9520953501 9149315559
संख्या 172/मु.म.आ.का./2020-21
कृपया मा० मुख्यमंत्री जी के मौखिक निर्देशानुसार मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि दिनांक 29.11.2021 को बागेश्वर यातायात पुलिस, बागेश्वर द्वारा किये गये वाहन संख्या यू०के० 02सी.ए. 0238, यू0के0 02सी. ए. 1238 एवं यू०के० 04सी.ए. 5907 के चालान को निरस्त करने का कष्ट करें।
भवदीय,
(नन्दन सिंह बिष्ट)
प्रतिलिपि : सम्भागीय परिवहन अधिकारी, बागेश्वर को सूचनार्थ ।
अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन का आदेश-सीएम कार्यालय में नियुक्त OSD, PRO, कॉर्डिनेटर नहीं करेंगे शासकीय लेटर हेड का इस्तेमाल

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