उत्त्तराखण्ड में हिंसा की आशंका में तीन माह के लिए रासुका के आदेश जारी

31 दिसंबर तक रासुका अमल में रहेगी

डीएम को दिए रासुका लगाने के अधिकार

अविकल उत्त्तराखण्ड


देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(रासुका) लागू कर दिया है। जिलाधिकारियों को 31 दिसंबर तक रासुका में शामिल शक्तियों के प्रयोग का भी अधिकार दे दिया गया है। राज्य में इस कानून को लागू करने के पीछे किसान आंदोलन व बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को प्रमुख वजह माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रासुका, राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधा डालने वालों पर लगाम तो कसता है। साथ ही आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बनने पर भी एनएसए के तहत गिरफ्तार करवाया जा सकता है।

अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन की ओर से जारी आदेश की मूल भाषा

चूंकि पिछले दिनों उत्तराखण्ड के कतिपय जिलों में हिंसा की घटनायें हुयी है और उनकी प्रतिक्रियास्वरूप राज्य के अन्य भागों में भी ऐसी घटनायें हुई है और राज्य के अन्य भागों में भी ऐसी घटनायें होने की सम्भावना है।

और, चूंकि समाज विरोधी तत्व राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था और समुदाय के लिये प्रदायों और सेवाओं को बनाये रखने के लिये प्रतिकूल क्रियाकलापों में भाग ले रहे हैं, और, चूंकि उत्तराखण्ड में विद्यमान और सम्भावित उपर्युक्त परिस्थितियों को दृष्टि में रखते हुए राज्य सरकार का यह समाधान हो गया है कि ऐसा करना आवश्यक है।

अतएव, अब राज्यपाल, साधारण खण्ड अधिनियम, 1897 (केन्द्रीय अधिनियम संख्या 10 सन् 1897) की धारा 21 के साथ पठित राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 (केन्द्रीय अधिनियम संख्या 65 सन् 1980) की धारा 3 की उपधारा (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके तथा उत्तराखण्ड सरकार की सरकारी अधिसूचना संख्या 799/XX-5/21/04/रा०सु०का / 2003. दिनांक 04 जून, 2021 का आंशिक उपान्तरण करके उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जिला मजिस्ट्रेटों को दिनांक:- 01 अक्टूबर, 2021 से तीन माह अर्थात 31 दिसम्बर, 2021 की अग्रेत्तर अवधि के लिये उक्त अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने के लिये सशक्त करते हैं।

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