मुख्य स्थानिक आयुक्त की कुर्सी से हटाया। अब सिर्फ अध्यक्ष राजस्व परिषद की जिम्मेदारी संभालेंगे
10 दिसंबर के इस आदेश को नहीं किया सार्वजनिक। इससे पूर्व PRO नन्दन सिंह बिष्ट को हटाने के आदेश को भी सरकारी सूचना तंत्र के जरिये नहीं किया गया था सार्वजनिक
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के सबसे भरोसेमंद आईएएस ओमप्रकाश को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फिर जोर का झटका दिया है। ओमप्रकाश को नई दिल्ली में मुख्य स्थानिक आयुक्त की कुर्सी से हटा दिया है। 10 दिसंबर के इस आदेश को शासन ने सार्वजनिक न करते हुए बेहद गोपनीय रखा । धामी सरकार के एक बार फिर कद्दावर नौकरशाह को झटका देने से सत्ता के गलियारों में विशेष हलचल दिखाई दे रही है।
कार्मिक सचिव अरविंद ह्यांकी की ओर से 10 दिसंबर को जारी गुपचुप आदेश में कहा गया है कि शासन ने जनहित में आपको मुख्य स्थानिक आयुक्त के पदभार से अवमुक्त करने का निर्णय लिया गया है। शेष पदभार यथावत रहेंगे।
मुख्य स्थानिक आयुक्त पद से हटाने के बाद वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी ओमप्रकाश के पास अब राजस्व परिषद के अध्यक्ष की ही जिम्मेदारी रह गयी है। इस फैसले की प्रति अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन व राज्यपाल के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा को भी भेजी गई है।
धामी सरकार के इस फैसले को भी सरकारी सूचना तंत्र के जरिये मीडिया को नही दी गयी। इस आदेश की प्रति “अविकल उत्त्तराखण्ड” को मिलने के बाद यह सनसनीखेज खबर आप तक पहुंचाई जा रही है। इससे पूर्व खनन मामले में PRO नन्दन सिंह बिष्ट को हटाने के आदेश को भी सरकारी सूचना तंत्र के जरिये नहीं किया गया था सार्वजनिक। लिहाजा आईएएस ओमप्रकाश से जुड़े इस फैसले को लेकर भी कई तरहः की चर्चाएं शुरू हो गयी है।
आदेश की मूल भाषा
गौरतलब है कि पुष्कर सिंह धामी ने जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही सबसे पहले आईएएस ओमप्रकाश को मुख्य सचिव पद हटा कर सत्ता के गलियारे में हलचल मचा दी थी। त्रिवेंद्र राज में ओमप्रकाश सबसे ताकतवर नौकरशाह थे। उस समय ओमप्रकाश की तूती बोल रही थी।
त्रिवेंद्र ने जुलाई 2020 में 1987 बैच के उत्त्तराखण्ड कैडर के आईएएस ओमप्रकाश को मुख्य सचिव बनाया था।ओमप्रकाश ने उत्पल कुमार सिंह की जगह ली थी। त्रिवेंद्र सिंह रावत के कृषि मंत्री रहते हुए ओमप्रकाश उनके सचिव हुआ करते थे।
मुख्य स्थानिक आयुक्त को दिल्ली में बंगला व वाहनों की सुविधा मयस्सर होती है। पद से हटने के बाद आईएएस ओमप्रकाश से यह सब सुविधाएं छिन जाएगी।मुख्य स्थानिक आयुक्त का मुख्य काम राज्य के मसलों की केंद्र में ठोस पैरवी करना होता है।
इधर, आईएएस ओमप्रकाश को मुख्य स्थानिक आयुक्त के पद से हटाने को भाजपा की अंदरूनी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि सीएम धामी मुख्य स्थानिक आयुक्त ओमप्रकाश की भूमिका को लेकर खुश नहीं थे। नई दिल्ली से उन्हें कुछ बेहतर फीडबैक नहीं मिल रहे थे। बहरहाल, आईएएस ओमप्रकाश से यह जिम्मेदारी भी वापस लेना पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है।
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…तो अब सामने आया खनन पर पीआरओ को हटाने का आदेश
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