आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड/25 पर मंथन जारी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड/25 पर यूकॉस्ट के विज्ञान धाम परिसर में मंथन किया गया।
सीएम के सचिव, डा आर मीनाक्षी सुन्दरम ने बताया कि चम्पावत जनपद का सर्वे और अध्ययन का कार्य पूर्ण करने के बाद एक विशिष्ट कार्य योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि छोटी छोटी नौकरियों के लिए लोगों को राज्य से बाहर जाना पड़ता है जबकि यहीं पर रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध करवाए जा सकते है।
उन्होंने कहा इस विचार मंथन सत्र का उद्देश्य जनपद में आजीविका सृजन के अवसर तलाशना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कि सहायता से लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य आधारित योजनायें बनायीं जाए जैसे – कैटल ब्रीडिंग हब, दुग्ध मूल्य संवर्धन, बागवानी, फूलों की खेती, स्थानीय मसालें, होम स्टे योजना के तहत स्थानीय लोगों का कौशल विकास आदि पर विशेष ध्यान देने कि बात कही।
उन्होंने कहा अन्य हिमालयी राज्यों कि तरह हमे भी नकदी फसलों की खेती पर प्रभावी योजनाए विकसित की जाएँ। उन्होने चम्पावत जिले में टी-टूरिज्म तथा ईको-टूरिज्म में संभावनायें तलाशने के लिए कहा गया है।
प्रो0 दुर्गेश पंत, महानिदेशक ने कहा कि अभिनव बोधिसत्व विचार के तहत जल, जंगल, जमीन, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रो में कार्य कर रहे सरकारी तथा गैर-सरकारी विषय विशेषज्ञों के बीच विचारों का आदान प्रदान किया जा रहा है।
बोधिसत्व विचार श्रृंखला से राज्य के सतत् विकास लिए कुछ इनोवेटिव आइडियाज प्राप्त हो रहे हैं और इसी कड़ी में आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड/25 के विजन के लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से आदर्श जनपद बनाने के लिए यूकास्ट को नोडल एजेन्सी बनाया गया है। परिषद को विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने का कार्य करना है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से भूमि एवं जल संसाधनों में सुधार, कृषि व बागवानी एवं इन पर आधारित उद्योग, वैल्यू एडिशन, पशुपालन, कुक्कुट पालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा तथा विभिन्न क्षेत्रो में महती भूमिका निभाकर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने का साधन बन सकते हैं।
मंथन सत्र में जिलाधिकारी चम्पावत नरेंद्र भंडारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के चम्पावत विधान सभा क्षेत्र को आदर्श जनपद बनाने के लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करना है। जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों को विस्तृत कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा ।
पद्मश्री डॉ अनिल जोशी ने कहा कि आदर्श चम्पावत के मॉडल के जरिये पूरे हिमालय के लिए विकास नीति की नींव रखे जाने का यह एक अच्छा अवसर है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से राज्य का विकास पर्यावरण को मद्देनजर रखते हुये कार्ययोजना तैयार करनी होगी जिसमें हैस्को सहयोग कर सकता है।
इस अवसर पर एक लघु चलचित्र का भी प्रसारण हुआ जिसमें इस विचार मंथन सत्र के उद्देश्यों, आदर्श चम्पावत के निर्माण की परिकल्पना और इसके अंतर्गत अभी तक हुए कार्यों की जानकारी दी गयी।
उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद एवं हिमालय पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन (हैस्को) देहरादून के सहयोग से मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर शहरी विकास, उच्च शिक्षा, होमियोपैथी, आयुर्वेद एवं यूनानी, समाज कल्याण, मत्स्य विभाग, कृषि, पशुपालन, नाबार्ड, आई0आई0आर0एस0, पर्यटन, आई0टी0आई0 टनकपुर, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, उद्यान, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, कगास एन0जी0ओ0 चंपावत, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र, दुग्ध विकास, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, ग्रामीण विकास, उत्तराखण्ड जल संस्थान, उद्योग विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
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