सीएम धामी के निर्देश पर राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर महंगाई भत्ते का शासनादेश किया गया, देखें विस्तृत आदेश
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। खुशखबरी …धामी सरकार ने उत्तराखंड राज्य स्थापना की पूर्व संध्या पर कर्मचारियों व पेंशनरों को तोहफा दिया है। सातवें वेतनमान की संस्तुति के क्रम में बढ़ी डर पर महंगाई भत्ते DA का शासनादेश जारी किया है। कर्मचारियों को 34 प्रतिशत व पेंशनरों को 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता DA दिया जाएगा। यह शासनादेश सचिव दिलीप जावलकर की ओर से किया गया।
Employees and pensioners of Uttarakhand will get dearness allowance at an increased rate
कार्यालय-ज्ञाप
विषयः राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों तथा यू.जी.सी. वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों, जिन्हें सातवां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य किया गया है, को दिनांक 01 जुलाई, 2022 से बढ़ी हुई दर पर मंहगाई भत्ते का भुगतान ।
वित्त विभाग के शासनादेश संख्या-37013/XXVII(7)/E-22807/2022 दिनांक 31 मई, 2022 द्वारा राज्य सरकार के सरकारी सेवकों, जिन्हें सातवां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य है, को दिनांक 01 जनवरी, 2022 से 34% की दर से प्रतिमाह महंगाई भत्ता अनुमन्य किया गया है।
- भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग, नई दिल्ली के कार्यालय-ज्ञाप संख्या-1/3/2022 E-II(B) दिनांक 3 अक्टूबर, 2022 के क्रम में राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों तथा यू.जी.सी. वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों, जिन्हें सातवां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य किया गया है, को पूर्व निर्धारित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन उन्हें दिनांक 01-07-2022 से मूल वेतन में अनुमन्य महंगाई भत्ते की वर्तमान दर 34% को बढ़ाकर 38% प्रतिमाह किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
- यह आदेश मा0 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों तथा सार्वजनिक उपक्रम आदि के कार्मिकों पर स्वतः लागू नहीं होंगे, उनके सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों द्वारा अलग से आदेश निर्गत किया जाना अपेक्षित होगा।
- उक्त कार्मिकों को दिनांक 01 जुलाई 2022 से 31 अक्टूबर, 2022 तक के पुनरीक्षित मंहगाई भत्ते के अवशेष (एरियर) का भुगतान नकद किया जायेगा। 01 नवम्बर 2022 से मंहगाई भत्ते का भुगतान नियमित वेतन के साथ किया जायेगा परन्तु अंशदायी पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों के पेंशन अंशदान नियोक्ता के अंश के साथ नई पेंशन योजना से सम्बन्धित खाते में जमा की जायेगी तथा शेष धनराशि नकद भुगतान की जायेगी।
- उक्त वर्णित शर्तों एवं पूर्व में वर्णित शर्तों / प्रतिबन्धों के अधीन उपरोक्तानुसार स्वीकृत मंहगाई भत्ता उत्तराखण्ड राज्य के अधीन कार्यरत अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को भी अनुमन्य होगा।
Signed by Dilip Jawalkar Date: 08-11-2022 16:22-22
(दिलीप जावलकर) सचिव


राज्य सरकार के ऐसे सिविल / पारिवारिक पेंशनर जिनकी पेंशन सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के कम में पुनरीक्षित की गयी है, को महंगाई राहत की स्वीकृति।
उपर्युक्त विषय के सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि राज्य सरकार के ऐसे पेंशनर जिनकी पेंशन सातवें वेतनमान आयोग की संस्तुतियों के कम में पुनरीक्षित की गयी है को वित्त विभाग के कार्यालय ज्ञाप संख्या-37010/XXVII (7) / E-22807/2022 दिनांक 31 मई, 2022 द्वारा स्वीकृत महंगाई राहत की दरों को अतिकमित करते हुए दिनांक 01-07-2022 से 34 प्रतिशत के स्थान पर 38 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत अनुमन्य किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
2 यह आदेश मा० उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों स्थानीय निकायों तथा सार्वजनिक उपक्रम आदि के सिविल / पारिवारिक पेंशनरों पर स्वतः लागू नहीं होंगे, उनके सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों द्वारा अलग से आदेश निर्गत किया जाना अपेक्षित होगा।
यह आदेश विद्यालयी शिक्षा / प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधीन राज्य निधि से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के ऐसे शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर पेंशनरों जिन्हें शासकीय पेंशनरों के समान पेंशन / पारिवारिक पेंशन अनुमन्य है, पर भी लागू होंगे।
शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या-ए-1-252 / दस / 10(3)-01. दिनांक 27 अप्रैल 1982 में निर्गत आदेशानुसार पेंशन पर अतिरिक्त राहत आदि के भुगतान के लिये महालेखाकार के प्राधिकार पत्र की आवश्यकता नहीं है। अतः स्वीकृत मंहगाई राहत का भुगतान उक्त कार्यालय ज्ञाप के अधीन कर दिया जाय।
मंहगाई राहत स्वीकृत करने के सम्बन्ध में अन्य प्रतिबन्ध जो इस सम्बन्ध में इससे पूर्व निर्गत शासनादेशों में निर्धारित थे. पथावत्
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