उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की पूर्व संध्या पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने तीन लक्ष्य निर्धारित किये.
गुरु नानक देव जी की चार विशेषताओं साधारणता, करुणा, मासूमियत और नम्रता को जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए.
राजभवन, देहरादून
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन से जुड़े सभी ज्ञात-अज्ञात, अमर शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन किया।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हमें अपने लिये तीन लक्ष्य निर्धारित करने हैं,- इमीडियेट गोल, इण्टरमीडियेट गोल और सेंचुरी गोल। इमीडियेट गोल, यानी तत्काल हासिल किया जाने वाला लक्ष्य, जो कि 2025 तक का उत्तराखण्ड कैसा होगा, जब हम अपनी स्थापना के 25 वर्ष मना रहे होंगे, यह तय करना है। इण्टरमीडियेट गोल, 2030 तक, यानी तीसरे दशक की समाप्ति पर उत्तराखण्ड कैसा होगा। यह वही दशक है जिसे हमें अपना बनाना है। जिसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है। तीसरा, सेन्चुरी गोल, यानी 2047 तक जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मना रहा होगा। आजादी के अमृत काल का अंतिम सोपान। तब उत्तराखण्ड किस स्वरूप में होगा यह लक्ष्य हमें इस अवसर पर तय करना है।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। महिलाएं हमारे परिवार की सबसे सशक्त सदस्य हैं। आज भी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक सरंचना की रीढ़ हैं। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं उन्हें और सहारा देने की जरूरत है। राज्य में स्थानीय उत्पादों पर आधारित महिला उद्यमों को प्रोत्साहन से महिला सशक्तीकरण एवं स्थानीय उत्पादों के संरक्षण का दोहरा लक्ष्य प्राप्त होगा। हमें इस दिशा में महिलाओं के नेतृत्व क्षमता का विकास करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद राज्य की आर्थिक समृद्धि का आधार बन सकते हैं। हमें पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्यमों के प्रोत्साहन से आर्थिक स्वावलंबन, स्वरोजगार तथा रिवर्स माइग्रेशन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री जी के ‘‘वोकल फोर लोकल’’ मंत्र की सफलता के लिये भी राज्य के स्थानीय उत्पादों, पारम्परिक फसलों, अनाज तथा हस्तशिल्पों का संरक्षण आवश्यक है। स्थानीय उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के बाजार उपलब्ध कराये जाने आवश्यक है।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, मूलभूत सेवाओं में सुधार के द्वारा ही पलायन को रोका जा सकता है। राज्य में ही रोजगार तथा स्वरोजगार के अधिकाधिक अवसरों के माध्यम से रिवर्स माइग्रेशन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये हैं। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र केदारनाथ जी-बद्रीनाथ जी में करोड़ों रुपये के विकास कार्य कराये जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी द्वारा गौरीकुण्ड-केदारनाथ, और गोबिंदघाट-हेमकुण्ड साहिब रोपवे का शिलान्यास किया गया। इन रोपवे के बन जाने से घंटों का कठिन सफर मिनटों में होगा अधिक तीर्थयात्रियों का आना होगा स्थानीय दुकानों होटलों को अधिक लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के विकास एवं प्रगति में सरकार के साथ ही सामाजिक संगठनों, गैर सरकार संगठनों, समाज सेवकों एवं व्यक्तिगत प्रयासों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी है। हमें प्रदेश के विकास में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करनी है। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए अपने कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करते हुए विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
प्रकाश पर्व पर राज्यपाल ने गुरुद्वारे में माथा टेका
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के अवसर पर रेसकोर्स स्थित गुरुद्वारा गोविंद नगर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर मत्था टेका और प्रदेश वासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए कामना की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी को गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि उनकी शिक्षाओं में ‘इक ओंकार सत नाम’ का मूल मंत्र गहन प्रेरणा देने वाला है। भलाई के मार्ग पर चलने के सिद्धांत, करुणा, न्याय और समानता की भावना को प्रदर्शित करने वाली उनकी शिक्षाएं सारी मानव जाति का मार्गदर्शन करने वाली हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह प्रकाश पर्व हमें गुरु नानक देव जी के बताए हुए मार्ग पर चलने तथा उनकी शिक्षाओं को जीवन में आचरण करने का मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के ‘नाम जपो, कीरत करो, वंड छको’ के संदेश में उनकी सभी शिक्षाओं का सार है। उनकी पवित्र शिक्षाएं हम सब के लिए प्रेरणा देने वाली हैं। उनके संदेश ‘सब कुछ तेरा’ और ‘एकम’ पूरे संसार के लिए आज भी प्रासंगिक है।
राज्यपाल ने कहा कि गुरु नानक देव जी के चरित्र की चार विशेषताओं जिनमें साधारणता, करुणा, मासूमियत और नम्रता को इस प्रकाश पर्व के अवसर पर हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।
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