नशा मुक्त उत्तराखंड”- औषधि विभाग की सघन छापेमारी
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने देहरादून और हरिद्वार में एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई की।
देहरादून में पांच थोक औषधि विक्रेताओं के परिसरों पर औचक निरीक्षण किया गया। एक फर्म बंद पाई गई जिसे मकान मालिक की उपस्थिति में खोला गया। जांच के दौरान वहां मनः प्रभावी औषधियों (Psychotropic Medicines) का अवैध भंडारण पाया गया।
फर्म स्वामी की गैरमौजूदगी के कारण समस्त औषधियाँ सील कर दी गईं और फर्म को अग्रिम विधिक कार्रवाई हेतु बंद कर दिया गया।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप राज्य को नशामुक्त और औषधीय दुरुपयोग से मुक्त बनाना प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मियाद समाप्त दवाओं, अवैध भंडारण और बिना लाइसेंस संचालन जैसे मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
टर्नर रोड से मियाद समाप्त औषधियाँ जब्त और नष्ट
औषधि निरीक्षकों की टीम ने टर्नर रोड स्थित एक प्लॉट पर छापा मारकर अवैध रूप से फेंकी गईं मियाद समाप्त दवाइयाँ जब्त कीं और उन्हें मौके पर ही नष्ट किया। इस मामले में संलिप्त फर्म/व्यक्ति की पहचान की जा रही है।
तीन औषधियों के नमूने जांच को भेजे

मौके से तीन औषधियों के सैंपल गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजे गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण दल में औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा (टीम लीडर), विनोद जगुड़ी और श्रीमती निधि रतूड़ी शामिल थे।
हरिद्वार में ट्रामाडोल सप्लाई चैन पर बड़ी कार्रवाई
हरिद्वार में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक श्रीमती अनीता भारती के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए साढ़े तीन लाख ट्रामाडोल टैबलेट्स के निर्माण से पहले ही उसकी API (सक्रिय औषधीय घटक) को ज़ब्त कर लिया गया। यह कार्रवाई पंजाब में जब्त की गई 70,000 ट्रामाडोल टैबलेट्स के सुराग से जुड़ी थी, जो लूसेंट बायोटेक प्रा. लि. द्वारा निर्मित थीं।
इसके आधार पर विभाग ने पंजाब पुलिस को भी सूचित किया और हरिद्वार स्थित फर्म में संयुक्त छापेमारी की गई।
राज्यभर में औषधि विभाग की सतत निगरानी जारी
औषधि नियंत्रक उत्तराखंड के निर्देशन में प्रदेशभर में मियाद समाप्त औषधियों के समुचित निस्तारण और लाइसेंसी मानकों के पालन को सुनिश्चित करने हेतु निरीक्षण अभियान लगातार जारी हैं।

