भरसार औद्यानिकी विवि- ऑनलाइन आवेदन 20 जून तक भरे जा सकेंगे
विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा 14 जुलाई को विभिन्न परीक्षा केंद्रों में होगी
लिंक से मिलेगी पूरी जानकारी
https://vcsguuhf.org/Home_Web/registration.html
अविकल उत्तराखण्ड
श्रीनगर। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार में नये पाठ्यक्रमों के साथ प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के विभिन्न पाठ्यक्रमों (स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पी०एच०डी०) में प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन की तिथि 10.05.2024 से 20.06.2024 तक है।
आवेदक दिये गये लिंक https://vcsguuhf.org/Home_Web/registration.html पर पंजीकरण कर उस पर दिये गये निर्देशों के अनुसार अपना आवेदन पत्र जमा कर सकते है।
आवेदन पत्र जमा करने से पूर्व लिंक पर दिये गये प्रवेश विवरणिका (Prospectus-2024) को डाउनलोड कर भली भांति पढ़कर कर अपना आवेदन आनलाइन जमा करें।
विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु आवेदकों को विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में सम्मलित होना पडता है। प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर मेरिट के अनुसार विभिन्न पाठ्यक्रमों में अपनी रैंक के अनुसार आवेदक प्रवेश पाते है।
विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा 14 जुलाई, 2024 को उत्तराखण्ड के 05 विभिन्न केन्द्रों हलद्वानी, देहरादून, श्रीनगर, भरसार एवं रानीचौरी में आयोजित की जायेगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० परविन्दर कौशल के अनुसार कृषि, बागवानी और वानिकी देश और दुनिया में प्रमुख क्षेत्र हैं जिन पर दुनिया विचार कर रही है और वर्तमान संदर्भ में भोजन और पर्यावरण की गुणवत्ता प्रमुख मुद्दा है।
कृषि, बागवानी और वानिकी के ज्ञान के माध्यम से जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग से भी निपटा जा सकता है। कृषि, बागवानी और वानिकी क्षेत्र में नौकरी की संभावनाएं विशेष रूप से सभी उद्योगों की उभरती मांग के कारण अधिक हैं।
विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा समन्वयक प्रो० वी०पी० खण्डूड़ी ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 से कुछ नये पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु आवेदन पत्र भरे
जा सकते है। जिनमें Ph.D. Environmental Sciences (02 seats), M.Sc. Environmental
Sciences (02 seats), M.Sc. Extension Education (02 seats) and M.Sc. Agriculture
(Agronomy) (02 seats) विषयों के साथ विश्वविद्यालय में पूर्व से संचालित निम्नलिखित पाठ्यक्रम में प्रवेश किए जायेंगे।
क-स्नातक :
- बी० एस.सी० वानिकी 2. बी० एस.सी० कृषि
- बी० एस.सी० औद्यानिकी
ख- परास्नातक :
- एम० एस.सी० औद्यानिकी (फल विज्ञान)
- एम० एस.सी० औद्यानिकी (सब्जी विज्ञान)
- एम० एस.सी० औद्यानिकी (फ्लोरीकल्चर एण्ड लैण्डस्केपिंग)
- एम० एस.सी० औद्यानिकी (प्लांटेशन, स्पाइसेज, मेडिशिनल एण्ड एरोमैटिक क्रॉप्स)
. एम० एस.सी० कृषि (कीट विज्ञान) 5 6. एम० एस.सी० कृषि (पादप रोग विज्ञान)
- एम० एस.सी० (पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेन्ट)
- एम० एस.सी० कृषि (बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
- एम० एस.सी० वानिकी (सिल्वीकल्चर एवं कृषि वानिकी)
- एम० एस.सी० वानिकी (फॉरेस्ट बायोलोजी एवं ट्री इम्प्रूवमेन्ट)
- एम० एस.सी० वानिकी (वन उत्पाद एवं उपयोगिता)
- एम० एस.सी० वानिकी (सिल्वीकल्चर)
- एम० एस.सी० वानिकी (कृषि वानिकी)
ग- पी० एच०डी० :
- कृषि वानिकी
- सिल्वीकल्चर
- वृक्ष सुधार
- वन उत्पाद एवं उपयोगिता
- औषधीय एवं सगन्ध पौध
- फल विज्ञान
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो० एस०पी० सती ने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय के महाविद्यालय जिनमें अभ्यर्थियों द्वारा अपनी पाठ्यक्रमों की शिक्षा ग्रहण करनी है वे शीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में हैं। जोकि एक जीवंत परिसर समुदाय है जहां पर विद्यार्थि एकाग्रचित होकर अपनी शिक्षा पर विशेष ध्यान देते है। और हम अपने छात्रों को उनके लिए उपलब्ध कई अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम छात्रों के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक विकास में विश्वास करते हैं, इसलिए, हम अपने छात्रों को क्षितिज से परे शिक्षा प्रदान करते हैं और उन्हे बेहतर इंसान बनाते हैं।
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